पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को सहायता दी जाए
देश में प्रदुषण की स्थिति गंभीर है, कई बड़े शहरों की हवा जहरीली होती जा रही हैं | इस प्रदुषण के लिए वैसे तो बहुत से कारक जिम्मेदार हैं परन्तु ऐसा प्रतीत होता है मानो सभी सरकारें राज्य एवं केंद्र सरकार सभी इसका जिम्मा किसानों पर थोप रहे हैं | सरकारें प्रदुषण के लिए किसानों के पराली जलाने को ही जिम्मेदार ठहरा रहीं हैं और इसके लिए पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है, उन्हें गिरफ्तार भी किया जा रहा है |पिछले 2 वर्षों में पराली जलाने को लेकर कुल 37,298 मामले दर्ज किये गए हैं | किसानों के खिलाफ हो रही इस कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने आड़े हाथों लिया है |
क्या है पूरा मामला
एक याचिका पर सुनवाई दौरान दो जजों की बेंच जिसमें जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता शामिल हैं, ने कहा कि प्रदूषण से लोग मर रहे हैं, प्रदूषण का स्तर 1800 के पार पहुंच गया है | आपको अपनी इस उपलब्धि पर गर्व हो रहा होगा | कोर्ट ने सुनवाई के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई |
सुप्रीम कोर्ट किसानों को दण्डित करने पर क्या कहा
कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप चाहते हैं कि हम गरीब किसानों को दंडित करें क्या पंजाब,हरियाणा और यूपी सरकार के काम करने का यही तरीका है | किसानों के खिलाफ एफआईआर किए जाने के मामले में कहा कि उन्हें सजा देना समाधान नहीं है। आप इसके लिए जिम्मेदार हैं, अकेले आप ही नहीं इसके लिए पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूरी दिल्ली भी इसके लिए जिम्मेदार है |
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इस साल भी पराली जली. सरकार पहले से तैयार क्यों नहीं थी और मशीनें क्यों नहीं दी गईं. ऐसा लगता है कि सालभर से इसे लेकर कोई कदम उठाए ही नहीं गए | उन्होंने कहा कि यह अच्छी स्थिति नहीं है | यह देखने के बाद कि उनका राज्य इस मुद्दे से निपटने में बुरी तरह से विफल रहा है
किसानों को दी जाए वित्तीय सहायता
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, यूपी और पंजाब सरकार को आदेश भी दिया | कोर्ट ने कहा कि हर किसान को पराली के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से छोटे और मझोले किसानों को सात दिनों में वित्तीय मदद सुनिश्चित करें | इससे पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम लगेगी |