बंजर, लवणीय एवं क्षारीय भूमि का उपचार
अधिक खाद के उपयोग के कारण मिट्टी में उर्वरा शक्ति ख़त्म हो रही है | जिसके कारण भमि बंजर या तो लवणीय या तो फिर क्षारीय हो गया है | ऐसी भूमि में किसी भी तरह की फसल का उत्पादन नहीं लिया जा सकता है | इस तरह की भूमि देश भर में लगातार बढ़ रहा है | जिससे देश में उपजाऊ भूमि का रकबा घट रहा है |
अभी ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर तथा सिवान जिला का है | जहाँ पर किसानों की सैंकड़ो एकड़ भूमि कृषि कार्य हेतु नहीं बची है | इसको लेकर राज्य सरकार ने एक योजना के तहत भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने जा रही है | इसके लिए राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की उप योजना समस्याग्रस्त मिट्टी का सुधार कार्यक्रम के लिए कुल 1666.66 लाख रूपये की योजना की स्वीकृति प्रदान की है | किसान समाधान इस योजना की पूरी जानकारी लेकर आया है |
लवणीय एवं क्षारीय भूमि उपचार हेतु योजना क्या है ?
योजना के कार्यन्वयन से इन जिलों के समस्याग्रस्त भूमि कृषि योग्य बनाने के उद्देश्य से कार्य कराए जायेंगे, जिसका अवलोकन कर आस–पास के अन्य किसान भी अपनी इस समस्या को दूर करने के लिए प्रेरित होंगे | साथ ही, मिटटी का सुधार एवं बायो इंजीनियरिंग उपाय का खेत के अनुसार प्रयोग होगा| इस प्रकार, समस्याग्रस्त मिट्टी की उर्वरा–शक्ति बढ़ेगी, जिससे फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी | इस योजना का उद्देश्य इस समस्या की पुनरावृति को रोकने हेतु किसानों को जागरूक करना भी है |
किन जिलों में लागू होगा भूमि सुधार
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की उपयोजना समस्याग्रस्त मिट्टी का सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत मुजफ्फरपुर जिला अवस्थित 189 हेक्टेयर तथा सिवान जिला के 84 हेक्टेयर अर्थात कुल 273 हेक्टेयर लवणीय एवं क्षारीय भूमि का उपचार किया जायेगा |
किसानों को कितना अनुदान दिया जाएगा ?
इस योजना के तहत लाभुक किसानों को अनुदान के रूप में क्षारीय एवं लवणीय मिट्टी के उपचार के लिए अधिकतम 60 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर या वास्तविक लागत, जो कम हो एवं अम्लीय मिट्टी के उपचार के लिए अधिकतम 15 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर या वास्तविक लगत, जो कम हो की दर से दिया जायेगा |
किसान को कैसे योजना का लाभ मिलेगा
समस्याग्रस्त मिट्टी का सुधार के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्यों के लिए अनुदान की राशि का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी) के माध्यम से लाभुक किसानों को दिया जायेगा | डुप्लीकेशी की संभावना को समाप्त करने के लिए मुख्य रूप इस योजना स्थल का आक्षांश – देशांतर लिया जायेगा |
योजना का दिशा – निर्देश
एक क्लस्टर में कम से कम 4 हेक्टेयर क्षेत्र का चयन किया जाना अनिवार्य है | संबंधित जिला कृषि पदाधिकारी/योजना कार्यान्वयन पदाधिकारी द्वारा योजनाओं की पूर्ण सूचि जिले के संबंधित पदाधिकारियों को निश्चित रूप से उपलब्ध कराया जायेगा | किसानों को कार्यदेश निर्गत होने के 15 दिनों के अंदर कार्य प्रारम्भ करना होगा अन्यथा उसे रद्द कर दुसरे किसानों का चयन कर लिया जायेगा |
Darasal nuksan par sarkar ka dhawan par anudan
जी किस राज्य से हैं ? किस चीज का नुकसान हुआ है |
Sabudana fadalvima. Nigam