जाने क्या है धान की फसल में यूरिया डालने का सही समय
धान की अच्छी पैदावार के लिए यह जरुरी है की उसमें सही समय पर सही मात्रा में यूरिया देना आवश्यक है | कृषि वैज्ञानिकों ने पिछले 15-20 दिनों से सूर्य प्रकाश की कमी की स्थिति में धान के पौधे कमजोर होने पर यूरिया डालने की सलाह किसानों को दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने विशेष कृषि बुलेटिन में कहा है कि सूर्य प्रकाश की कमी की वजह से पौधों की बढ़ोतरी कम हो जाती है। इस स्थिति में पौधों की बाढ़ संतुलित रखने के लिए यूरिया डालना जरूरी होता है।
रोपाई वाले खेतों में लगभग 5 सेंटीमीटर पानी रोक कर रखना चाहिए। अधिक मात्रा में पानी रखने से कन्सो की संख्या प्रभावित होती है। धान फसल की बियासी करने के बाद तत्काल सघन चलाई करनी चाहिए। इसके बाद 10 से 15 प्रतिशत अधिक यूरिया छिड़काव करना फायदे मंद होता है। धान फसल में कन्से निकलने की स्थिति हो तो यूरिया की दूसरी मात्रा डालनी चाहिए। इससे कन्सो की स्थिति में सुधार आती है। धान फसल में कीट या खरपतवार होने की स्थिति में दोनों के नियंत्रण के बाद ही 40 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कना चाहिए। धान खेतों की नियमित निगरानी करते रहना चाहिए।
उर्वरकों का उपयोग
क्र. | धान की प्रजातियाँ | उर्वराकों की मात्रा (किलों ग्राम/हेक्टेयर) | ||
नत्रजन | स्फुर | पोटाश | ||
1 | शीघ्र पकने वाली 100 दिन से कम | 40-50 | 20.30 | 15.20 |
2 | मध्यम अवधि 110-125दिन की, | 80-100 | 30.40 | 20.25 |
3 | देर से पकने वाली 125 दिनों से अधिक, | 100-120 | 50.60 | 30.40 |
4 | संकर प्रजातियाँ | 120 | 60 | 40 |
धान फसल में पत्ती मोड़क का प्रकोप एक पौधे में एक से अधिक दिखाई देने पर क्लोरोप्यरीफोस 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कना चाहिए। जिन खेतों में तना छेदक की तितली एक वर्ग मीटर में एक से अधिक दिखाई दे रही हो तो वहां कार्बोफुरान 33 किलोग्राम या फर्टेरा 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डालना लाभदायक होता है। रोपा धान में सकरी पत्ती वाली खरपतवार के नियंत्रण के लिए रोपाई के तीन दिन के अंदर ब्यूटाक्लोर डेढ़ किलोग्राम सक्रिय तत्व या आक्साडायर्जिल 70 ग्राम सक्रिय तत्व डालना चाहिए।
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उर्वरकों के उपयोग का समय व तरीका
त्रजन उर्वराक देने कासमय | धान के प्रजातियों के पकने की अवधि | |||||
शीध्र | मध्यम | देर | ||||
नत्रजन (:) | उम्र (दिन) | नत्रजन (:) | उम्र (दिन) | नत्रजन (:) | उम्र (दिन) | |
बीजू धान में निदाई करके या रोपाई के 6-7 दिनों बाद | 50 | 20 | 30 | 20-25 | 25 | 20-25 |
कंसे निकलते समय | 25 | 35-40 | 40 | 45-55 | 40 | 50-60 |
गभोट के प्रारम्भ काल में | 25 | 50-60 | 30 | 60-70 | 35 | 65-75 |
Khado ki jankari
दी गई लिंक पर देखें https://kisansamadhan.com/seed-urbark-agricultural-machinery/manure-and-fertilizer-information/
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मिट्टी की जाँच करवाएं, प्रमाणित बीजों का उपयोग करें,https://kisansamadhan.com/crops-production/kharif-crops/paddy-farming/ दी गई लिंक पर देखें