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गुरूवार, अप्रैल 25, 2024
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उन्नत खेती, बागवानी, पशुपालन और मछलीपालन के उन्नत तकनीक सीखने का मौका : राष्ट्रीय कृषि समृद्धि मेला

उन्नत खेती, बागवानी, पशुपालन और मछलीपालन के उन्नत तकनीक सीखने का मौका : राष्ट्रीय कृषि समृद्धि मेला

छत्तीसगढ़ का तीसरा राष्ट्रीय कृषि मेला राजधानी रायपुर के नजदीक जोरा में कल 24 जनवरी से शुरू हो रहा है। प्रति बूंद-अधिक फसल की थीम पर आधारित ‘कृषि समृद्धि राष्ट्रीय कृषि मेला छत्तीसगढ़ 2018’ में हर दिन किसानों का समागम होगा। यह मेला 28 जनवरी तक चलेगा। राष्ट्रीय कृषि मेले में किसानों को खेती-किसानी, बागवानी, पशुपालन और मछलीपालन के उन्नत तौर-तरीकों को जानने-समझने और सीखने का सुनहरा अवसर मिलेगा। किसानों के लिए मेले के दौरान हर दिन पाठशालाएं लगेंगी। पाठशालाओं के लिए पांच भव्य पंडाल विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। मेला प्रतिदिन पूर्वान्ह 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक लगेगा।
कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी को और ज्यादा फायदे का व्यवसाय बनाने के उद्देश्य से लगातार तीसरे साल राष्ट्रीय कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने वाले कार्यों की जानकारी, प्रति बूंद अधिक फसल योजना की जानकारी, केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित कृषि योजनाओं का प्रचार-प्रसार, छत्तीसगढ़ में कृषि संभावनाओं की प्रदर्शनी, नये प्रमुख कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी आदि के उद्देश्य से किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में कृषि क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता के संबंध में किसानों को जागरूक किया जाएगा। किसानों की विभिन्न कृषि आदानों एवं कृषि यंत्रों और उपकरणों के निर्माताओं तथा कृषि वैज्ञानिकों के बीच सीधी परिचर्चा भी मेले में होगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि मेले में मुख्य रूप से कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुधन विकास विभाग, मछलीपालन विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ कामधेनू विश्वविद्यालय, देवभोग दुग्ध महासंघ सहित खेती-किसानी से जुड़े अन्य विभागों और संस्थाओं के स्टॉल लगेंगे। कृषि विभाग के स्टॉल में किसानों की आय दोगुनी करने के विभिन्न तकनीकों एवं उपायों की प्रदर्शनी लगेगी। इसके अलावा स्वायल हेल्थ कार्ड-मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और एकीकृत खेती के बारे में किसानों को कृषि विभाग के स्टॉल में जानकारी मिलेगी। यहां पर राज्य के जैविक उत्पादों के लॉचिंग भी होगी। प्रदेश के 250 राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय उन्नत कृषि पुरस्कार से किसानों को सम्मानित किए जाएंगे। इस स्टॉल में किसान प्रश्नमंच का भी आयोजन किया जा रहा है। मेले में आने वाले किसान प्रश्नमंच के माध्यम से खेती-किसानी संबंधी अपने विभिन्न समस्याओं का समाधान पा सकेंगे। उन्नत कृषि यंत्रों की विशेष प्रदर्शनी भी लगेगी। किसानों को फसल अपशिष्ट प्रबंधन के गुर भी सिखाए जाएंगे।
श्री अग्रवाल ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के मंडप में बागवानी किसानों की आय दोगुनी करने के विभिन्न तकनीकों एवं उपायों का प्रदर्शन किया जाएगा। फल-फूल, सब्जी-भाजी सहित मशाला फसलों की खेती करने वाले किसान पानी के हर बूंद का बेहतर उपयोग कर अधिक फसल लेने की तकनीक भी यहां सीखेंगे। बागवानी के उत्कृष्ट किसानों को यहां सम्मानित किया जाएगा। पशुधन विकास की प्रदर्शनी उन्नत नस्लों के पशुओं से गुलजार रहेगा। यहां पर उन्नत डेयरी यंत्रों की प्रदर्शनी के साथ उन्नत पशु नस्ल प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। उत्कृष्ट पशुपालकों को पुरस्कार भी मिलेगा। मछलीपालन विभाग के स्टॉल में उन्नत तकनीकी से मछली पालन कर आय दोगुनी करने के उपायों के बारे में बताया जाएगा। बतख के साथ मछली पालन, उन्नत मछलीपालन तकनीक और रंगीन मछलियों की प्रदर्शनी स्टॉल में लगेगी। मछलीपालक किसानों को मोटरसाइकिलों का वितरण किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के मंडप में विभिन्न फसलों के अलग-अलग किस्मों के बीजों का प्रदर्शन किया जाएगा। चेम्प्स योजना की प्रक्रिया के बारे में भी यहां बताया जाएगा। मेले में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जैव विविधता प्रदर्शनी लगायी जाएगी। किसानों की आय दोगुनी करने के मॉडल भी प्रदर्शित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ कामधेनू विश्वविद्यालय के स्टॉल में पंचगव्य आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। पशुपालक किसानों की आय दोगुनी करने की तकनीक से किसानों को रूबरू कराया जाएगा। जैविक खेती का प्रदर्शन भी यहां होगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि मेले में प्रतिदिन 25 से 30 हजार किसानों के आने की संभावनाओं को देखते हुए मेला स्थल पर पूरी तैयारी की गई है। मेले में आने वाले किसानों के लिए भोजन की निःशुल्क व्यवस्था रहेगी। संस्कृति विभाग के सहयोग से प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

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