देश में किसानों को खेती से अधिक से अधिक लाभ मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 19 जुलाई को हुई मंत्रीपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन होने से अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी, व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे, इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल पाएगा।
संशोधन प्रस्ताव के अनुसार मंडी फीस के स्थान पर अब ‘‘मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क‘‘ शब्द जोड़ा जाना प्रस्तावित है। संशोधन प्रस्ताव के अनुसार कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी सकल वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। इस निधि का उपयोग नियमों में शामिल प्रयोजनों के लिए किया जा सकेगा।