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सोमवार, मार्च 17, 2025
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कृत्रिम गर्भाधान और पशुओं के इलाज को लेकर शासन सचिव ने दिए निर्देश

पशुपालन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। ऐसे में इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सके इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में राजस्थान पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने शुक्रवार के दिन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया। बैठक में सभी जिलों के संयुक्त निदेशकों ने अपने-अपने जिले का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया।

कैम्प में किया जाए 30 पशुओं का इलाज

मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की समीक्षा करते हुए डॉ. शर्मा ने इसके प्रभावी पर्यवेक्षण पर बल दिया और निर्देश दिया कि सेवा प्रदाता का काम निर्धारित शर्तों के अनुरूप नहीं होने पर उनके लिए कुछ दंड का प्रावधान किया जाए। उन्होंने यूनिट के कैंप मोड की व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक कैंप में कम से कम 30 पशुओं का इलाज अवश्य होना चाहिए तभी कैंप की सार्थकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि संचालनकर्ता फर्मों को नियमानुसार भुगतान भी समय पर सुनिश्चित किया जाए।

31 मार्च तक पशुपालकों को जारी किया जाए बीमा

शासन सचिव पशुपालन ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि योजना में विभाग ने अच्छा टीम वर्क किया है। उन्होंने अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इस योजना में विभाग ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अब पशुओं का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने में तेजी लाएं। उन्होंने बीमा के लिए काम करने वाले कार्मिकों की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने के निर्देश भी दिए जिससे काम में गति आ सके। उन्होंने 31 मार्च तक पशुपालकों को बीमा जारी करने लिए काम करने के लिए निर्देश दिए जिससे पशुपालकों को बीमा का लाभ जल्द से जल्द मिलना शुरू हो सके।

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आवश्यक दवाइयों की नहीं हो कमी

अवधिपार दवाइयों की समीक्षा करते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि पशु चिकित्सालयों में आवश्यक दवाइयों की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वेटरिनरी कॉलेजों में भी इन दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी जिससे वहां शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को इनके उपयोग की व्यवहारिक जानकारी पहले से ही हो सके और दवाइयों के बारे मे वे सीख सकें। अवधिपार दवाइयों के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि अब केवल 8 जिलों में अवधिपार दवाइयां रह गई हैं जो कि आने वाले सप्ताह में शून्य हो जाएंगी। बाकी सभी जिलों इन दवाइयों की संख्या शून्य है।

कृत्रिम गर्भाधान में प्रदेश को लाए पहले स्थान पर

शासन सचिव ने कृत्रिम गर्भाधान विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले 15 अगस्त तक हमें कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर लाना है। उन्होंने कहा कि पशुधन में दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इस तकनीक से बछड़ी पैदा होने की संभावना 85 से 90 प्रतिशत तक हो जाती है। उन्होंने बताया कि सेक्स सोर्टेड सीमन के उत्पादन के लिए बस्सी में एनडीडीबी के सहयोग से लैब स्थापित किया जाएगा जिसमें स्थानीय स्तर पर सीमन का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सेक्स सोर्टेड सीमन की खरीद शुरू कर दी है। अब विभाग के अधिकारी अधिक से अधिक पशुपालकों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करें।

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उन्होंने कहा कि 10 से 12 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर गोशालाओं के गायों की जांच करके बांझपन से ग्रसित गौवंशीय पशु एवं प्रजनन योग्य मादा गौवंशीय पशुओं का चिन्हिकरण तथा चयनित गौवंशों के लिए आवश्यकतानुसार उपचार की कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि कहा कि एआइ और वैक्सीनेशन कार्यक्रम तथा एमवीयू में 15 अगस्त तक हमें देश में पहले स्थान पर होने के लिए एकजुट होकर काम करना है।

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