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कृषि विषय लेकर पढ़ाई करने पर सरकार दे रही है 40 हजार रुपए तक की प्रोत्साहन राशि

कृषि क्षेत्र में बुवाई से लेकर रोपण, सिंचाई और कटाई जैसे कार्यों में महिलाएँ अग्रणी भूमिका निभाती हैं। ऐसे में कृषि क्षेत्र में युवा महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सके इसके लिए सरकार द्वारा छात्राओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा कृषि विषय में अध्ययनरत छात्राओं को देय प्रोत्साहन राशि योजना चलाई जा रही है।

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि छात्राओं को कृषि के क्षेत्र की नवीनतम विधाओं का अध्ययन कराया जाये और औपचारिक शिक्षण- प्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे न केवल उनके परिवार की आय बढ़ेगी बल्कि वे राज्य और देश की समृद्धि में भी योगदान देंगी। योजना के तहत कृषि संकाय से अध्ययन के लिए 11 वीं कक्षा से लेकर पीएचडी कर रही छात्राओं को 15 हजार से 40 हजार की राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है।

कृषि विषय लेकर पढ़ाई करने वाली छात्राओं को दी जाएगी सहायता

कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि योजना के तहत राज्य में कृषि विषय लेकर अध्ययन करने वाली 11वीं एवं 12वीं कक्षा की छात्राओं को प्रतिवर्ष 15 हजार की राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान से स्नातक के विषयों जैसे कि उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही स्नातकोत्तर (एम.एससी.कृषि) में अध्ययन करने वाली छात्राओं को 25 हजार रुपए प्रतिवर्ष दिये जाते हैं। इसी प्रकार कृषि विषय में पीएचडी करने वाली छात्राओं को 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष (अधिकतम 3 वर्ष) प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

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कृषि आयुक्त ने बताया की योजना के तहत 21 दिसंबर 2023 से जुलाई 2024 तक अध्ययनरत 19 हजार 662 छात्राओं को 35 करोड़ 62 लाख रुपये का आर्थिक संबल दे कर कृषि संकाय लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

छात्राओं को मिल रही है प्रोत्साहन राशि

कृषि संकाय में स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर रही अनामिका शर्मा, उदयपुर के जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। वे बताती हैं कि योजना के तहत बीएससी के प्रथम वर्ष में राज्य सरकार द्वारा 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई थी। वे बताती हैं कि उन्हें शुरू से ही कृषि के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की इच्छा थी। वे चाहती थीं कि वे कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीकों के बारे में जानें और अपने परिवार की आय बढ़ाने में सहयोग करें। राज्य सरकार का धन्यवाद् देते हुए अनामिका कहती हैं कि वे स्वयं तो सक्षम हुई ही हैं और अब वे पढ़ाई के साथ-साथ किसानों को खेती करने की उन्नत तकनीकों, बीज, उर्वरक जैसी सहायक सामग्रियों के बारे में उचित जानकारी भी देती हैं।

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