रबी सीजन में फसलों की बुआई का समय हो गया है, जिसके चलते देश में डीएपी, यूरिया सहित अन्य खाद-उर्वरकों की माँग बहुत अधिक बढ़ गई है। इस बीच देश के कई हिस्सों से डीएपी खाद की कमी को लेकर खबरें आ रही हैं। जिसको लेकर केंद्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने सफाई दी है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार हाल ही में पंजाब में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की कमी और इसके परिणामस्वरूप रबी फसल की संभावनाओं पर पड़ने वाले प्रभाव का दावा करने संबंधी मीडिया में प्रकाशित कुछ खबरें भ्रामक, गलत और तथ्यात्मक स्थिति से रहित हैं।
मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि सरकार ने फॉस्फोरस और पोटेशियम (पीएंडके) उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पंजाब राज्य को पहले ही पर्याप्त मात्रा में डीएपी और नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) उर्वरक उपलब्ध करा दिए हैं।
इस कारण डीएपी का आयात हुआ है प्रभावित
सरकार के मुताबिक़ जनवरी महीने से लाल सागर संकट के कारण डीएपी का आयात प्रभावित हुआ, जिसके परिणामस्वरूप उर्वरक जहाजों को केप ऑफ गुड होप के माध्यम से 6500 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। इन चुनौतियों के बावजूद, सरकार ने किसानों को सस्ती दर पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए लगातार दो कैबिनेट फैसलों में उर्वरक की स्थिर कीमतें (50 किलोग्राम बैग के लिए ₹1350) बनाए रखी हैं।
डीएपी और एनपीके उर्वरक का उत्पादन
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अभी डीएपी और एनपीके का घरेलू उत्पादन अधिकतम स्तर पर चल रहा है। स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए विभाग लगातार राज्य की आवश्यकताओं और आयात प्रवाह की निगरानी कर रहा है। रेल मंत्रालय, राज्य सरकार, बंदरगाह प्राधिकरणों और उर्वरक कंपनियों के साथ प्रभावी समन्वय के माध्यम से स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहा है।
अभी पंजाब में कितना डीएपी एवं अन्य खाद उपलब्ध है?
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार अक्टूबर-2024 के प्रारम्भ में पंजाब में 99,000 मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी, 59,000 मीट्रिक टन एनपीके तथा 78,000 मीट्रिक टन सिंगल सुपरफॉस्फेट (एसएसपी) उर्वरक उपलब्ध था। इसके अतिरिक्त 29 अक्टूबर-2024 तक भारत सरकार के उर्वरक विभाग द्वारा राज्य को 92,000 मीट्रिक टन डीएपी, 18,000 मीट्रिक टन एनपीके तथा 9,000 मीट्रिक टन एसएसपी की आपूर्ति की गई है। इस प्रकार 29 अक्टूबर-24 में विभाग द्वारा कुल 1,91,000 मीट्रिक टन डीएपी, 77,000 मीट्रिक टन एनपीके तथा 87,000 मीट्रिक टन एसएसपी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
29 अक्टूबर 2024 के आँकड़ों के मुताबिक़ रबी-2024-25 फसल मौसम के लिए राज्य में 1,00,000 मीट्रिक टन डीएपी, 28,000 मीट्रिक टन एनपीके और 12,000 मीट्रिक टन एसएसपी की खपत हुई है। इस प्रकार, वर्तमान में राज्य में किसानों के लिए लगभग 90,000 मीट्रिक टन डीएपी, 49,000 मीट्रिक टन एनपीके और 76,000 मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है और उर्वरक विभाग नवंबर-2024 के पहले सप्ताह में लगभग 50,000 मीट्रिक टन डीएपी भेज रहा है।
किसानों को डीएपी की जरूरत हे इसके बिना फसल कैसे उगाएंगे इसलिए सरकार से निवेदन हे कि डीएपी को जल्द से जल्दी पहुंचा दीजिए
जी सर सरकार द्वारा व्यवस्था की जा रही है। आप डीएपी के स्थान पर वैकल्पिक खाद जैसे एनपीके अथवा एसएसपी खाद का उपयोग कर सकते हैं।
D A P की माँग हे बारां जिले में
DAP Sarkar dwara dap nahin mil rahi hai black mein logon ne kar rakhi hai
कृषि विभाग में संपर्क करें।
Haryana me bhi nhi hai DAP, or hai bhi kisi dukan per to nano urea jarur saath me de rhe hain agar nano urea na le to DAP bhi nhi dete dukandaar jinjholi, nahra, nahri,saidpur , Sonepat ke villages me or daryapur, bawananarela or Qutabgarh Delhi me nano urea jabardasti de rhe hain
कृषि विभाग में शिकायत करें।
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