28.6 C
Bhopal
गुरूवार, नवम्बर 13, 2025
होमकिसान समाचारसरकार ने कृषि भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों को मिलने वाली...

सरकार ने कृषि भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों को मिलने वाली मुआवजा राशि के नियमों में किया बदलाव

मंत्री परिषद ने 30 जुलाई के दिन ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित नियमों में बदलाव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरकार के मुताबिक इस प्रस्ताव के लागू होने से भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों में विवादों की संख्या घटेगी और किसानों को पारदर्शी और न्यायसंगत मुआवजा मिल सकेगा।

सरकार द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए किसानों से भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, जिसके बदले में सरकार किसानों को मुआवजा देती है। ऐसे में कई बार किसानों उचित मुआवजा नहीं मिल पाता है। जिसको देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि अधिग्रहण के दौरान कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। 30 जुलाई के दिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित की गई मंत्री परिषद की बैठक में वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के एक महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

सरकार के मुताबिक यह प्रस्ताव राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित है, जिसमें किसानों, भू-अर्जन से प्रभावित हितग्राहियों और राजस्व से जुड़े मामलों में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है।

कृषि भूमि अधिग्रहण के नियमों में किए गए यह बदलाव

मंत्री परिषद द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव के तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के मुताबिक भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएँ सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी।

यह भी पढ़ें:  किसानों के बीमा के लिए कम की जाएगी प्रीमियम राशि, रिस्क रिलीफ फंड बनाकर दी जाएगी किसानों को राहत

इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे गाँव की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा। इस प्रस्ताव के लागू होने से भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों में विवादों की संख्या घटेगी और किसानों को पारदर्शी और न्यायसंगत मुआवजा मिल सकेगा।

भूमि मूल्य का निर्धारण होगा पारदर्शी

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह निर्णय नीति निर्माण की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। उन्होंने इस निर्णय को किसानों और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हितग्राहियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उनका मानना है कि गाइडलाइन दरों की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर हम न सिर्फ किसानों को न्याय दिलाएंगे बल्कि राज्य की विकास परियोजनाओं की रफ्तार को भी गति देंगे। यह बदलाव राज्य में भूमि मूल्य निर्धारण की प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा।

यह भी पढ़ें:  युवा कर सकेंगे गिरदावरी का काम, डिजिटल फसल सर्वे के लिए दिया जा रहा है प्रशिक्षण
Install APP
Join WhatsApp

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News