किसान आन्दोलन समाप्त करने के लिए सरकार ने किसानों की मांगों को लेकर दी सहमति
समय-समय पर देश के विभिन्न भागों में, अलग-अलग राज्यों में किसान अपनी समस्याओं को लेकर आन्दोलन करते रहते हैं परन्तु किसानों की कुछ ही मांगे मान कर उन्हें संतुष्ट किया जाता हैं | नतीजतन किसानों को दोबारा से अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन करना पड़ता है | जिसमें पिछले कुछ वर्षों में किसानों की हालात बहुत ख़राब हुई है जिसके कारण किसान आन्दोलन करने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास इसके अलावा और कोई मार्ग नहीं बचता | अभी हाल ही में किसानों को ख़राब मौसम अति वृष्टि एवं सूखे से फसल को काफी नुकसान हुआ है जिससे किसान बहुत अधिक परेशान हैं | जिसे लेकर किसान राजस्थान के किसान आन्दोलनरत हैं |
राजस्थान में चल रहे किसान आन्दोलन को लेकर सरकार द्वारा यह जानकारी दी गई है की किसान प्रतिनिधियों एवं सरकार के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति हुई है | इनमें कुछ प्रमुख मुद्दे इस प्रकार हैं
- वर्ष भर फसल की खरीदी की जाए
- खराब हुई फसल का मुआवजा जल्द दिया जाए
- प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति में खरीदी केंद्र बनाया जाये
- पीएम आशा योजना की गाइड लाइन में परिवर्तन किया जाए
- खराबे का बीमा क्लेम व राष्ट्रीय आपदा तथा राज्य आपदा कोष से मुआवजा दिया जाए
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित भुगतान की जानकारी दी जाए
सरकार की तरफ से सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना के निर्देश पर रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन की अध्यक्षता में किसान महापंचायत के किसान प्रतिनिधियों के मध्य गुरूवार को यहां सहकार भवन में किसानों से जुड़े मुद्दों पर वार्ता हुई। सरकार का कहना है की किसानों की in मांगों पर सरकार और किसान महापंचायत के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी हैं | सहमति के पश्चात किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की है |
पीएम किसान सम्मान निधि के पैसे कौन कौन डालता है किसानों के खाते में किसानों के खाते हैं