देश में गन्ना किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें त्वरित भुगतान नहीं मिलता जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस कड़ी में हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने 5 दिसंबर के दिन जींद जिला के गांव झांझ कलां स्थित द जींद सहकारी चीनी मिल, जींद के 40वें पेराई सत्र 2024-25 का हवन में आहुति डालकर व मिल चेन पर गन्ना डालकर विधिवत तौर पर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि गन्ना पेराई सत्र किसानों के लिए उत्सव की तरह होता है। चार दशक पुरानी जींद शुगर मिल से किसानों का पुराना जुड़ाव रहा है। आज हमें गन्ने के रकबे को बढ़ाने के लिए सभी पुराने गन्ना उत्पादकों को जोड़ने का काम करना होगा। उन्होंने शुगर फेडरेशन के अधिकारियों, मिल प्रशासन के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों से भी आह्वान किया कि वो किसानों को गन्ना बिजाई के लिए प्रेरित करें। विशेषकर जो किसान पहले गन्ना उत्पादन कर चुके हैं, उन्हें अपने साथ नए सत्र में जोड़ने के लिए मिलकर काम करना होगा।
किसानों को एक सप्ताह में किया जाए गन्ने का भुगतान
सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हरियाणा न केवल किसानों को बेहतर गन्ना भाव दे रहा है, अपितु समय पर भुगतान की भी व्यवस्था कर रहा है। उन्होंने कहा कि जींद शुगर मिल प्रबन्धन 15 दिन की बजाय एक सप्ताह में किसानों को गन्ना फसल का भुगतान करने का प्रयास करें, ताकि किसान भाइयों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने की अच्छी वैरायटी की पैदावार के लिए समय-समय पर जागरूक करने का कार्य किया जाए, ताकि चीनी की रिकवरी ठीक आए और उत्पादन भी बेहतर हो। किसानों की सुविधा के लिए चीनी मिल में सीजन के दौरान कैंटीन के माध्यम से 10 रुपए प्रति थाली भोजन मुहैया करवाया जाएगा, इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आज ही कैंटीन को दोबारा से शुरू कर दिया जाए।
किसान टोकन लेकर मिल में ले जा सकते हैं गन्ना
सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिराई सत्र को समुचित ढंग से चलाया जाएगा। किसी भी किसान को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। अब मिल में एडवांस टोकन सिस्टम मोबाइल एप के माध्यम से घर से ही किसान टोकन लगवाकर अपनी ट्राली ला सकता है। पूरी पारदर्शी व्यवस्था से पिराई सत्र का कार्य संपन्न होगा। इस कार्य में कोई भी अधिकारी कोताही न बरतें। किसानों की सुविधा के लिए ठहरने, पानी, बिजली, शौचालय जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने किसानों से भी आह्वान किया कि मिल प्रबंधन के साथ तालमेल बनाकर गन्ना फसल बेचने का कार्य करें, ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो।