आज के समय में पोल्ट्री फार्मिंग का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है। किसान छोटे-बड़े स्तर पर मुर्गी पालन का व्यवसाय कर अच्छा मुनाफा कमा रहें हैं। इस कड़ी में छिन्दवाड़ा जिले के इंदर सिंह चौहान बड़े स्तर पर लेयर मुर्गी फॉर्मिंग कर रहे हैं और इसके जरिए अच्छी कमाई भी हो रही है। मुर्गी पालन के क्षेत्र में रोजगार का अवसर तलाश रहे किसानों के लिए इन्दर सिंह चौहान एक बेहतर उदाहरण हैं। इन्दर सिंह चौहान पिछले 8 साल से लेयर के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और अंडे के उत्पादन के लिए 10 हजार मुर्गी को पाल रखा है।
मुर्गीपालक किसान इंदर सिंह चौहान ने बताया यदि सही तरीके से मुर्गीपालन किया जाये तो इसमें जबरदस्त मुनाफा है। हालांकि जानकारी के अभाव में आपको घाटा भी हो सकता है, इसलिए मुर्गी पालन का तरीका जान लेना बेहद जरूरी है। इन्दर सिंह चौहान ने 10 हजार मुर्गियों को सिर्फ अंडा उत्पादन के लिए रखा है और प्रत्येक दिन छिंदवाड़ा में अंडे की सप्लाई की जा रही है। एक बार मुर्गी लाने के बाद 20 महीने तक कारोबार होता है। शुरुआती 5 महीने तक मुर्गी के चूजे को पालकर बड़ा करना होता है।
रोजाना हो रहा है 9 हजार अंडों का उत्पादन
किसान इन्दर सिंह चौहान ने बताया कि एक मुर्गी लगभग 2 वर्षों तक अंडा देती है। उसके बाद उसे बेच दिया जाता है। वहीं अंडे की कीमत बाजार पर भी निर्भर करती है। 10 हजार मुर्गी से प्रतिदिन 8 से 9 हजार अंडे निकलते हैं, जिसे मंडी के रेट के अनुसार बाजार में बेच दिया जाता है। उन्होंने बताया कि अमूमन 4 से 5 रुपए प्रति अंडा की बिक्री हो जाती है, जिससे साल में खर्चा काटकर लाखों रुपये तक का मुनाफा होता है। इन्दर सिंह चौहान ने बताया कि कमाई का दायरा लगातार बढ़ रहा है। मुर्गी पालन में पशुपालन विभाग का पूरा सहयोग मिलता है।
जिला उप संचालक एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार ने बताया कि मुर्गी पांचवे महीने से अंडा देना शुरू कर देती है। जब मुर्गी अंडा देना बंद कर देती है तो उसे बेच दिया जाता है। साथ ही मुर्गी का दाना और अपशिष्ट को खाद के रूप में बेचकर तिगुना मुनाफा कमाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मुर्गी की देखभाल करना बेहद जरूरी है। साफ-सफाई पर ध्यान नहीं रखा गया तो बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में मुर्गियों को स्वस्थ रखना बेहद जरुरी है।