अधिक से अधिक किसानों को खेती-किसानी के कामों के लिए कृषि यंत्र मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को भारी अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कड़ी में बिहार कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने 31 जनवरी के दिन कृषि यंत्र निर्माताओं के साथ बैठक का आयोजन किया। कृषि भवन पटना में हुई इस बैठक में राज्य एवं राज्य के बाहर के कृषि यंत्र निर्माताओं के साथ किसानों को गुणवत्ता युक्त कृषि यंत्र सुलभता से उपलब्ध कराने के लिए चर्चा की गई।
इस अवसर पर कृषि विभाग के सचिव ने कृषि यंत्र निर्माताओं को निर्देश दिया कि किसानों को कृषि यंत्र के उपरान्त सर्विसिंग की सुविधा समय से उपलब्ध कराई जाए। साथ ही सभी यंत्रों का यूनिक पहचान संख्या मशीनों पर लेजर कट के माध्यम से अंकित कराया जाए।
सर्विस मैकेनिक किए जाए तैयार
कृषि सचिव ने कहा कि बिहार के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर राज्य में मैकेनिक की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि मशीनों का सर्विसिंग सही समय पर किया जा सके। डीलर सेंटर पर कृषि यंत्रों के स्पेयर पार्ट की उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि यंत्र निर्माताओं को अब सभी सीरियल नंबर सहित विवरणी ऑफ़मस पोर्टल पर अपडेट कराना होगा। 1 लाख से अधिक मूल्य के कृषि यंत्रों के लिए ई-वे बिल ऑफमास पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
सचिव ने निर्देश दिया कि सभी कृषि यंत्रों का अधिकतम खुदरा मूल्य कृषि यंत्र पर स्पष्ट रूप से अंकित करें। साथ ही, अपने डीलर के शोरूम में कृषि यंत्रवार अधिकतम खुदरा मूल्य की सूची प्रदर्शित करें।
अगले वित्त वर्ष में किसानों में मिलेगा 250 करोड़ रुपए का अनुदान
कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष कृषि यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत 186 करोड़ रुपये का अनुदान विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों के क्रय, कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। आधुनिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार कृषि यंत्रों पर अनुदान की राशि बढ़ाती जा रही है। आगामी वित्तीय वर्ष में 250 करोड़ रुपये से अधिक राशि का अनुदान किसानों को दिए जाने का प्रस्ताव है। किसानों को समय पर गुणवत्ता युक्त कृषि यंत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।