खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है, इस कड़ी में 8 मई के दिन पूसा नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में पूसा, नई दिल्ली में “कृषि खरीफ अभियान 2025” पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बिहार के कृषि मंत्री ने सभी जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे और विभिन्न फसलों के बीजों पर दिए जाने वाले अनुदान को बढ़ाने का अनुरोध किया।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वर्तमान खरीफ मौसम में राज्य के सभी 38 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया जाएगा। इससे पहले रबी सीजन में राज्य के कुल 28 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए नींबू, आंवला, बेल एवं बैर आदि बागवानी फसलों का विस्तार किया जाएगा। विशेषकर दक्षिण बिहार में अर्धशुष्क जलवायु और शुष्क जलवायु के कारण वर्षा कम होती है। ऐसे जिलों में जामुन, आंवला, बेल जैसे फलों की खेती की जा सकती है। इसके लिए दक्षिण बिहार में एक समर्पित बागवानी संस्थान की स्थापना होनी चाहिए।
सरकार बीजों पर बढ़ाए अनुदान की राशि
बिहार के कृषि मंत्री ने भारत सरकार से राज्य के लंबित मुद्दों पर अनुरोध किया कि धान और मक्का के लिए संकर बीजों पर भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि को 100 रुपये प्रति किलोग्राम को संशोधित किया जाना चाहिए, क्योंकि संकर बीजों की लागत बहुत अधिक है। इसी प्रकार दलहनी फसलों के लिए बीजों की सीमा 50 रुपए किलोग्राम को संशोधित किया जाना चाहिए। साथ ही मक्का एवं दलहन के लिए प्रत्यक्षण दरें बढ़ाई जानी चाहिए।
कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में नेफेड एवं एनसीसीएफ जैसी सरकारी एजेंसियों द्वारा राज्य में तिलहन और दलहन की कोई खरीद नहीं की गई है। इन एजेंसियों को राज्य में दलहन और तिलहन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए निर्देशित किया जाए। इससे किसानों को फसलों की अच्छी कीमत मिलेगी और वे दलहन और तिलहन की खेती के लिए प्रेरित होंगे।