राज्य में निर्मित कृषि यंत्रों पर सब्सिडी
कृषि विभाग राज्य में कृषि आधारित उधोग विशेषकर कृषि यंत्रों के निर्माण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, ताकि राज्य के अन्दर वृहत पैमाने पर कृषि यंत्र उधोग की स्थापना हो सके तथा रोजगार सृजन एवं गुणवत्तायुक्त कृषि यंत्रों का निर्माण किया जा सके | बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा निर्मित कृषि यंत्रों पर अनुदान दर प्रतिशत तथा अनुदान दर के अधिकतम सीमा में 20 प्रतिशत वृद्धि कर किसानों को अनुदान का लाभ दिया जायेगा |
यदि कृषि यंत्र पर वर्तमान में 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है तो यदि उस यंत्र का निर्माण राज्य के कृषि निर्माताओं द्वारा किया गया हो तो उस पर 70 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा | बिहार राज्य सरकार का उद्देश्य यह है कि राज्य के किसानों को राज्य के मिटटी एवं जलवायु तथा फसल पद्धति के अनुरूप यंत्र उपलब्ध हो सके | राज्य के अन्दर जो यंत्र निर्मित होंगे , वो यहाँ की परिस्थितियों एवं किसानों की आवश्यकताओं के ज्यादा अनुकूल होंगे |
कृषि यंत्र पेटेंट करवाने पर प्रोत्साहन
इसके लिए राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि यंत्र के निर्माण के संबंध में अधतन तकनीकी जानकारी कराने के उद्देश्य से निर्माताओं को ग्रुप बनाकर देश के अन्दर एवं अन्य देशों का एक्सपोजर विजिट कराये जाने हेतु 2 करोड़ रूपये का प्रस्तावित है |
यदि कोई मशीन पेटेन्ट कराया जाता है तो पेटेन्ट कराने के खर्च को सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति किये जाने एवं संबंधित कृषि यंत्र निर्माताओं को प्रोत्साहित राशि के रूप में 5 लाख रूपये दिए जाने का प्रस्ताव है जिसका भुगतान प्रशासनिक व्यय मद में उपलब्ध राशि से किया जायेगा | बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा निर्मित कृषि यंत्रों के परीक्षण में लगने वाले शुल्क की शत – प्रतिशत राशि का प्रतिपूर्ति प्रशासनिक मद में उपलब्ध राशि से किये जाने का प्रस्ताव है |
निर्माताओं को बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने प्रतिष्ठान का जी.एस.टी. पंजीकरण एवं उधोग विभाग से उधोग आधार प्रमाण – पत्र प्राप्त करना होगा | इसके अतरिक्त विभाग द्वारा विस्तृत नियम एवं शरत तैयार किया जायेगा | जिसका अनुपालन राज्य के सभी कृषि यंत्र निर्माताओं को करना अनिवार्य होगा |
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