मार्च से जून के मध्य तने में लगने वाली अंकुर बेधक सुंडी उपोष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में अंकुरण से चार माह तक इसका प्रकोप रहता है | इसके लारवा वृद्धि बिन्दुओं को बेधक मृत केन्द्र बनाते है जिसमें से सिरके जैसी बदबू आती है | आइये जानते हैं इस कीट से किस प्रकार निजात पाया जा सकता है |
प्रभावित फसल
गन्ना , सब्जी
रोकथाम अंकुर बेधक के प्रकोप से ग्रस्त फसल को निकाल कर नष्ट कर देना चाहिए |
एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन के अंतर्गत ट्राइकोग्राम किलोनिस के 10 कार्ड प्रति हे. की दर से प्रयोग करना चाहिए |
अथवा
मेटाराइजियम एनिसोप्ली की 2.5 कि.ग्रा. मात्रा प्रति हे. की दर से 75 कि ग्रा. गोबर की खाद में मिलाकर प्रयोग करना चाहिए |
अथवा
रसायनिक नियंत्रण हेतु निम्नलिखित कीटनाशकों में से किसी एक का प्रयोग करना चाहिए |
अथवा
क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत ई.सी.1.5 ली. प्रति हे. 800 – 1000 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए |
अथवा
कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिशत सी.जी. 30 किग्रा प्रति हे. की दर से बुरकाव करना चाहिए |
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अथवा
फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत जी.आर. के 2.5 कि.ग्रा. प्रति हे. की दर से |
अथवा
फोरेट 10 प्रतिशत सी.जी. 30 कि.ग्रा. प्रति हे. की दर से बुरकाव करना चाहिए |