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मंगलवार, जनवरी 14, 2025
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अनुदान पर शुरू किया मछली पालन, अब सालाना हो रहा है लाखों रुपये का मुनाफा

ग्रामीण क्षत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार मछली पालन को बढ़ावा दे रही है, इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को अनुदान दिया जाता है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिलाओं को 60 प्रतिशत तक अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे इस वर्ग के लोग मछली पालन को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बना रहे हैं।

इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मैलावाड़ा के प्रगतिशील किसान जयराम कश्यप ने मत्स्य पालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए अन्य कृषकों के लिए प्रेरक बन गए है। पारंपरिक खेती से सीमित आय प्राप्त करने वाले जयराम ने 2017 में अपनी पुश्तैनी भूमि पर तालाब बनाकर मत्स्य पालन शुरू किया। उन्होंने मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में इन योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपनी सवा एकड़ भूमि पर तालाब का निर्माण कराया और 2023-24 में 25 डिसमिल भूमि में पौंड-लाइनर भी स्थापित किया।

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सालाना हो रहा है साढ़े पांच लाख रुपये का मुनाफा

किसान जयराम कश्यप सघन मत्स्य पालन तकनीक अपनाते हुए रोहू, कतला, मृगल और कॉमन कॉर्प जैसी उन्नत नस्लों का पालन कर रहे हैं। उनके पौंड-लाइनर में सारंगी (फंगाल) जैसी मछलियों के बीजों को तैयार किया जाता है। तालाबों में ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति और वैज्ञानिक तरीकों से मछलियों की बेहतर देखभाल की जाती है। किसान कश्यप को मत्स्य पालन से सालाना साढ़े पांच लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है, जो कि उनके कृषि आय से कई गुना अधिक है। उनके दोनों पुत्र इस व्यवसाय में सहयोग कर रहे हैं। स्थानीय बाजार में मछलियों की अधिक मांग के कारण उनकी मछलियां आसानी से बिक जाती हैं।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने के लिए मछुआरों को तालाब निर्माण, उपकरण, परिपूरक आहार और मत्स्य बीजों के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। किसान ने बताया कि वे अपने तालाब के पास कुक्कुट शेड बनाकर आय के स्रोतों को और बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

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