पान की खेती हेतु सब्सिडी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
भारत देश में पान के पत्तों का बहुत अधिक महत्व है | बनारस में पान की सेवा बड़े श्रम से की जाती है तो वहीं मगह के एक किस्म के पान भी बहुत प्रसिद्ध है | पान की खेती के लिए 15 जनवरी उपयुक्त समय रहता है | लेकिन मौसम की मार के कारण पान की खेती पर भी असर पड़ा है | इसके अधिक खर्चीला होने के कारण किसानों को इसकी खेती में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है |
इसी के तहत राज्य सरकारें अपने प्रदेश के किसानों को आर्थिक सहायता देती हैं इसी कड़ी में अब उत्तरप्रदेश सरकार किसानों को सब्सिडी के साथ ही तकनीकी प्रशिक्षण भी देने जा रही है | अब जनपद स्तर पर पान उत्पादकों की कठिनाईयों के निराकरण की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश विभागीय अधिकारीयों को दिये गए हैं |
अभी उत्तर प्रदेश में 800 से 1000 हेक्टेयर में पान की खेती किया जा रहा है | पान की उन्नत क्षेत्रफल को बढ़ाने हेतु किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है | प्रदेश में पान की खेती प्रमुख रूप से महोबा, ललितपुर, बाँदा, कानपूर, मिर्जापुर, बाराबंकी, वाराणसी व गोरखपुर आदि जनपदों में होती है | अब इसके प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार किसानों को पान की खेती पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी तथा तकनीकी प्रशिक्षण देने जा रही है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |
पान की खेती पर सब्सिडी एवं प्रशिक्षण हेतु चयनित जनपद
प्रोत्साहन योजना उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में लागु की गई है | यह जनपद हैं – उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, बलिया, आजमगढ़, कानपूर नगर, बाँदा, मिर्जापुर, सोनभद्र |
पान की खेती के लिए किसानों को दी जाने वाली सहायता ?
ऊपर दिए गए जिलों के किसानों को पान कि खेती के लिए 1500 वर्गमीटर में पान बरेजा निर्माण की इकाई लागत 1,51,360 का 50 प्रतिशत धनराशि 75680 का अनुदान डी.बी.टी. के माध्यम से लाभार्थी कृषकों के बैंक कहते में सीधे अन्तरित की जाती है | इस प्रकार से 1500 वर्गमीटर में निर्मित पान बरेजा से कृषकों को तीन वर्षों में कुल धनराशि 350 – 450 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ है |
इसके अलावा औधानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र मलीहाबाद, लखनऊ, खुशरूबाग़, प्रयागराज एवं पान प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र महोबा में पान उत्पादकों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है |
सोलर पॅनल शेतामध्ये पाहिजे
Fatehpur Barabanki
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