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रविवार, मार्च 23, 2025
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छाया घर (शेड हाउस)

शेड नेट हाउस

शेड नेट हाउस या छाया घर एग्रो जालों या अन्य बुनी हुई सामग्री से बना हुआ ऐसा ढांचा होता है जिसमे खुली जगहों से आवश्यक धूप, नमी व वायु के प्रवेश के दार होते है। यह पौधे के विकास के लिये सहायक उचित सूक्ष्म वातावरण बनाता है। इसे शेडनेट घर या नेट घर भी कहा जाता है।

छाया घर के उपयोग

  •     यह फूलों, बेलबूटेदार, जडी-बूटी, सब्ज़ियों एवं मसालों के पौधों की खेती में मदद करता है।
  • फलों व सब्ज़ियों की नर्सरियों तथा जंगली प्रजातियों आदि के लिये उपयोग किया जाता है।
  •     विभिन्न कृषि उत्पादों की गुणवत्तापूर्ण सुखाई में मदद करता है।
  •     कीट प्रकोप के विरुद्ध सुरक्षा के लिये उपयोग किया जाता है।
  •     आंधी , वर्षा, ओले व पाले जैसे मौसम के प्राकृतिक प्रकोपों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है।
  •     कलम की कोपलों के उत्पादन तथा गर्मियों के दिनों में उनकी मृत्यु दर कम करने के लिये उपयोग किया    जाता है।
  •     टिशू कल्चर के पौधों की मज़बूती के लिये उपयोग किया जाता है।

छाया घर के लिये नियोजन

छाया घर के ढांचे का नियोजन फसल के प्रकार, स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री व स्थानीय मौसमी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिये। भविष्य की आकार वृद्धि के लिये प्रावधान होना चाहिये।

स्थल का चयन

छाया घर ऐसी जगह बनाया जाना चाहिये कि वह सामग्री लाने एवं उपज के विक्रय के लिये बाज़ार से आसानी से जुडा हो। यह ढांचा भवनों एवं पेड़ों से दूर लगाया जाना चाहिये एवं औद्योगिक या वाहनगत प्रदूषण से भी दूर। स्थल पर पानी के निकास की समस्या नहीं होनी चाहिये। बिजली तथा अच्छी गुणवत्ता के पानी का प्रावधान होना चाहिये। लेकिन, वायु कि गति कम करने के उपाय (विंड ब्रेकर) ढांचे से ३० मीटर दूर लगाये जा सकते हैं।

अभिविन्यास

छाया घर के अभिविन्यास के लिये मुख्य रूप से दो पैमाने हैं। वे हैं, छाया घर में अपरिवर्तनशील प्रकाश की तीव्रता व हवा की दिशा। एक मेहराब के ढांचे का पूर्व-पश्चिम या उत्तर-दक्षिण दिशा में अभिविन्यास किया जा सकता है लेकिन बहु-मेहराब के ढांचे को अपरिवर्तनशील प्रकाश की तीव्रता के लिये उत्तर-दक्षिण दिशा में अभिविन्याशित किया जाना चाहिये।

संरचना की सामग्री

छाया घर के अभिविन्यास के लिये मुख्य रूप से दो पैमाने हैं। वे हैं, छाया घर में अपरिवर्तनशील प्रकाश की तीव्रता व हवा की दिशा। एक मेहराब के ढांचे का पूर्व-पश्चिम या उत्तर-दक्षिण दिशा में अभिविन्यास किया जा सकता है लेकिन बहु-मेहराब के ढांचे को अपरिवर्तनशील प्रकाश की तीव्रता के लिये उत्तर-दक्षिण दिशा में अभिविन्याशित किया जाना चाहिये।

संरचना की सामग्री

छाया घर के ढांचे में मूल रूप से दो भाग होते हैं यानि फ्रेम तथा आवरण की सामग्री। छाया घर फ्रेम आवरण सामग्री को सहारा देती है और उसे हवा, बारिश तथा फसल के भार से बचाव के लिये डिज़ाइन किया जाता है। यदि जंगरोधी उपचार नियमित अंतराल पर किया जाये तो छाया घर की लोहे के एंगल की फ्रेम २० से २५ साल तक बरकरार रहती है, जबकि बांस का ढांचा ३ साल तक रह सकता है।

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एग्रो शेडनेट ३ से ५ साल तक रहता है जो मौसम की परिस्थिति पर निर्भर होता है। शेडनेट विभिन्न रंगों में उपलब्ध होते हैं और उनमें शेड के प्रतिशत की विस्तृत श्रंखला होती है यानि २५%, ३०%, ३५%, ५०%, ६०%, ७५% एवं ९०%।

छाया घर की फ्रेमों की डिज़ाइन आवश्यकता तथा इंजीनियरिंग कौशल पर निर्भर होती है। उडीसा जैसे भारी बारिश के क्षेत्रों में कोंसेट, गेबल या गॉथिक आकार की संरचनात्मक फ्रेमें या स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल मामूली संशोधन के साथ फ्रेमों की अनुशंसा की जाती है।

छाया घर की डिज़ाइन व संरचना

प्रिसिज़न फार्मिंग डेवलपमेंट सेंटर, कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में दो प्रकार के छाया घर डिज़ाइन विकसित किये गये हैं। इन छाया घरो का मुख्य लाभ यह है कि इन संरचनाओं में निर्माणश्तल पर किसी वेल्डिंग की आवश्यकता नहीं होती है। अन्य लाभ यह है कि इन दीमक के प्रकोप से संरचनाओं की सुरक्षा के लिये आधार के खम्भों का चयन किया गया है। इन शेडहाउसों के विवरण नीचे दिये गये हैं:

छाया घर I :

इस डिज़ाइन (चित्र १) में लोहे के एंगल (३५ मिमी x ३५ मिमी x ६ मिमी) तथा बांस का संरचनात्मक फ्रेम के लिये उपयोग होता है। लोहे के एंगल का उपयोग आधार स्तम्भ के रूप में होता है जिसमें पकड़ के लिये नीचे व बांस को पकड़ने के लिये ऊपर ‘यू’ क्लिप का प्रावधान होता है। बांस का उपयोग कडी तथा छज्जे की संरचना, दोनों के लिये होता है। छाया घर साइट के समतल करने के बाद जमाव की योजना बनायी जाती है। आधार स्तम्भों के लिये गड्ढे खोदे जाते हैं, गड्ढों का एक हिस्सा रेत से भरा जाता है और अच्छी तरह से

जमा दिया जाता है। उसके बाद आधार स्तम्भों को तीन समांतर पंक्तियों मेंShed House बराबर दूरी सुनिश्चित करते हुए सीमेंट कॉंक्रीट से पक्का किया जाता है। उचित उपचार के बाद उचित माप के बांस को कड़ी, छज्जे की गोलाई की संरचना के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और उचित तरीके से बांध दिया जाता है।

पहले से तैयार सिरे की फ्रेम व दरवाज़े की फ्रेम को नट-बोल्ट के ज़रिए ढांचे से कस दिया जाता है। उसके बाद ५०%-७५% की एग्रो शेडनेट को छज्जे से कस दिया जाता है तथा ३०% की नेट को साइड फ्रेम से कस दिया जाता है। अन्दरूनी फ्रेमें व दरवाज़े भी शेडनेट से ढक दिये जाते हैं। अंत में बीच की फर्श और बाउंड्री रिज लाइन को ईंट की जुडाई से बनाया जाता है।

इस प्रकार की छाया घर संरचना का इकाई मूल्य लगभग रु.२२५/स्क्वे.मी. होता है। इस प्रकार के छाया घर में इस्तेमाल किये जाने वाली सामग्री नीचे तालिका १ में दर्शायी गयी है।

सामग्री की सूची (छाया घर – I)

क्रमांकविवरणआइटमविवरणमात्रा
१.“U” के साथ नींव के खम्भेलोहे का एंगल३५मिमी x ३५ मिमी x ६ मिमी२०९ किलोग्राम
लोहे की पट्टी२५ मिमी x ६ मिमी७ किलोग्राम
२.दरवाज़े की प्रणाली एवं सिरे की फ्रेमलोहे का एंगल३५मिमी x ३५मिमी x६ मिमी७१ किलोग्राम
३.छत का ढांचाबांस७५मिमी – १००मिमी व्यास२० की संख्या में
४.छत एवं साइड के कवरएग्रोशेडनेट५०% – ७०% एवं ३०%३२८ स्क्वे.मी.
५.नींव की ग्राउटिंगसीमेंट कॉंक्रीट१:२:४, १२मिमी चिप्स के साथ१.३क्यू.मी.
६.जंगरोधी उपचारएनेमल पेंट व थिनर४ लिटर
७.ढांचा खडा करना(i) नट एवम बोल्ट३/८”x१”१ किलोग्राम
(ii) जी.आइ. का तार४मिमी२ किलोग्राम
८.फर्शईंट की जुडाईसीमेंट मोर्टार (१:६)२.४क्यू.मी.
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शेड हाउस II :

इस डिज़ाइन (चित्र २) में छाया घर की संरचना के लिये आधार स्तम्भों, कड़ियों, सिरे की फ्रेम तथा दरवाज़े के लिये लोहे के एंगल (४० मिमी x ४० मिमी x ६ मिमी) का उपयोग होता है। लोहे की पट्टी का उपयोग आवरण साम्ग्री के हूप्स के लिये होता है। आधार स्तम्भों में कडियों वा हूप्स के साथ कसने के लिये नट-बोल्ट का प्रावधान होता है। इसी तरह से हूप्स के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली लोहे की पट्टियों में कडियों के साथ कसने का प्रावधान होता है।

निर्माण स्थल पर लेवलिंग तथा जमाय की योजना पिछले मामले की तरह किये जाते हैं। आधार स्तम्भों को गड्ढों में सीमेंट कॉंक्रीट से पक्का किया जाता है और उपचारसात दिनों तक किया जाता है। कडियों, हूप्स, सिरे की फ्रेम व दरवाज़े की फ्रेम को नट-बोल्ट के ज़रिए ढांचे से कस दिया जाता है। इसके बाद नेट को संरचना पर लगाया जाता है। अंत में बीच का फर्श तथा बाउंड्री रिज लाइन को ईंट की जुडाई से बनाया जाता है।

इस प्रकार की छाया घर संरचना का इकाई मूल्य लगभग रु.५००/स्क्वे.मी. होता है। इस प्रकार के छाया घर में इस्तेमाल किये जाने वाली सामग्री नीचे तालिका २ में दर्शायी गयी है।

सामग्री की सूची (शेड हाउस – II)

क्रमांकविवरणआइटमविवरणमात्रा
१.नींव के खम्भेलोहे का एंगल४०mm x ४०mm x ६mm3३६ किलोग्राम
२.कडी तथा सिरे की फ्रेमलोहे का एंगल४०mm x ४०mm x ६mm३०५ किलोग्राम
3.दरवाज़े की फ्रेमलोहे का एंगल४०mm x ४०mm x ६mm४१ किलोग्राम
४.छल्लेलोहे की पट्टी३०mm x ६mm१५९ किलोग्राम
५.छत एवं साइड के कवरएग्रोशेडनेट५०% – ७०% & ३०%३२८ स्क्वे.मीटर
६.नींव की ग्राउटिंगसीमेंट कॉंक्रीट१:२:४, १२mm चिप्स के साथ१.८ क्यू.मीटर
७.रास्ते की फर्शईंट की जुडाईसीमेंट मोर्टार (१:६)२.४ क्यू.मीटर
८.ढांचा खडा करना(i) नट एवं बोल्ट३/८”x१”४ किलोग्राम
(ii) जीआइ का तार४mm४ किलोग्राम
९.जंगरोधी उपचारएनेमल पेंट व थिनर८ लिटर
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