उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र एवं उत्पादन में वृद्धि
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा लगातार उद्यानिकी फसलों के उत्पादन पर ज़ोर दिया जा रहा है | अधिक से अधिक किसान उद्यानिकी फसलों की खेती करें इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिसके तहत किसानों को बाग़वानी फसलों की खेती पर प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है | उद्यानिकी उत्पादन बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों के लिए एक ज़िला–एक उत्पाद योजना को लागू कर दिया है | राज्य में वर्ष 2006 में उधानिकी फसलों का कुल रकबा 4 लाख 69 हजार हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 23 लाख 43 हजार हेक्टेयर हो गया है | इसी अवधि में उधानिकी फसलों का उत्पादन भी 42 लाख 98 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर अब सात गुना से अधिक 340 लाख 31 हजार मीट्रिक टन हो गया है |
फल, सब्ज़ियों एवं मसला फसलों के उत्पादन में हुई वृद्धि
मध्य प्रदेश में वर्ष 2006 का फलों की खेती का रकबा 46 हजार 777 हेक्टेयर से बढ़कर 4 लाख 5 हजार हेक्टेयर और उत्पादन 11 लाख 73 हजार मीट्रिक टन से 82 लाख 44 हजार मीट्रिक टन बढ़ा है। इस अवधि में सब्जी का क्षेत्र एक लाख 96 हजार हेक्टेयर और उत्पादन 27 लाख 97 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर क्षेत्र 10 लाख 40 हजार हेक्टेयर और उत्पादन 206 लाख 31 हजार मीट्रिक टन हो गया। मसाला फसलों का क्षेत्र भी 2 लाख 7 हजार 563 हेक्टेयर और उत्पादन 2 लाख 33 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 82 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 46 लाख 37 हजार मीट्रिक टन हो गया। फूलों की खेती जो वर्ष 2006 में मात्र 3 हजार 667 हेक्टेयर में होती थी, वह 35 हजार 554 हेक्टेयर में हो रही है।
उद्यानिकी फसलों की खेती में प्रदेश देश के पहले पाँच राज्यों में
राज्य सरकार ने मसाला तथा उधानिकी फसलों की संभावना को देखते हुए राज्य में बढ़ावा दिया है | वर्ष 2018 के उधानिकी राष्ट्रीय सांखियकी में मध्य प्रदेश ने देश के कुल 8123.87 हजार मीट्रिक टन मसाला उत्पादन में 1191.81 हजार मीट्रिक टन का योगदान किया है | यह देश के सकल मसाला उत्पादन का 14.67 प्रतिशत है, जो अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है | सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में देश के कुल 184394.51 हजार मीट्रिक टन उत्पादन मध्य प्रदेश ने 17545.48 हजार मीट्रिक टन सब्जी का योगदान कर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के बाद तीसरा स्थान प्राप्त किया है |
राज्य सरकार के अनुसार मध्य प्रदेश फल और फूलों के उत्पादन में भी विशिष्ट स्थान प्राप्त किया है | प्रदेश में औषधीय एवं सुगंधित फूलों की खेती जो मात्र 15 हजार 650 हेक्टेयर में होती थी, अब 42 हजार 956 हेक्टेयर में हो रही है | यह देश के कुल उत्पादन का 10.15 प्रतिशत है | इसी प्रकार देश के कुल 97357.51 हजार मीट्रिक टन फल उत्पादन में 7416.91 हजार मीट्रिक टन योगदान कर मध्यप्रदेश देश के कुल उत्पादन में 7.62 प्रतिशत हिस्सा है |
एक जिला–एक उत्पाद योजना के तहत इन फसलों को किया गया शामिल
केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत मध्य प्रदेश में फसलों के अनुसार जिलों का निर्धारण कर दिया गया है | एक जिला एक उत्पाद के अनुसार मध्य प्रदेश के जिले इस प्रकार है |
- संतरा / नींबू – आगर–मालवा और राजगढ़
- सीताफल – अलीराजपुर, धार और सिवनी
- आम – अनुपूर, बैतूल, उमरिया, सीधी और सिंगरौली
- टमाटर – अशोकनगर, दमोह, दतिया, झाबुआ, कटनी, रायसेन, सागर, सतना और शिवपुरी
- कोदो/कुटकी – बालाघाट, डिंडोरी और मंडला
- अदरक – बड़वानी, निवाड़ी और टीकमगढ़
- बाजरा – भिण्ड
- अमरुद – भोपाल, होशंगाबाद, सीहोर और श्योपुर
- केला – बुरहानपुर
- पान – छतरपुर
- आलू – छिदंवाडा, देवास, ग्वालियर और इंदौर
- धनिया – गुना और नीमच
- प्याज – हरदा, शाजापुर, खण्डवा, उज्जैन और विदिशा
- मटर – जबलपुर
- मिर्च – खरगौन
- लहसुन – मंदसौर, रतलाम
- सरसों – मुरैना
- गन्ना – नरसिंहपुर
- हल्दी – शहडोल और रीवा
- आंवला – पन्ना
राज्य में फसलों के भंडारण में हुआ है वृद्धि
पिछले डेढ़ दशक में प्रदेश में उद्यानिकी फसल उत्पादों के भण्डारण के लिये बढ़ी संख्या में कोल्ड-स्टोरेज और भण्डार-गृह बनाये गये हैं। वर्ष 2008 में प्रदेश में करीब एक लाख 19 हजार मीट्रिक टन क्षमता के 2,890 प्याज भण्डार-गृह थे, जो अब 3 लाख 79 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा क्षमता के 8,530 भण्डार गृह हो गये हैं।