अभी रबी फसलों की बुआई का काम चल रहा है, ऐसे में जो किसान इस वर्ष सरसों सहित अन्य तिलहन फसलों की खेती करना चाहते हैं उन किसानों के लिए राहत भरी खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को सरसों सहित अन्य तिलहन फसलों के बीज मिनिकिट निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। रबी फसल के मद्देनजर योगी सरकार किसानों को 5.50 लाख से अधिक तिलहन के मिनीकिट देकर समृद्ध करेगी। इसके साथ ही उत्पादन की नई तकनीक से अवगत कराने के लिए कृषि विभाग 7653 किसान पाठशाला भी चलाएगा।
गौरतलब है कि रबी सीजन में तिलहन की फसलों का क्षेत्रफल एवं उत्पादन खरीफ मौसम की अपेक्षा अधिक होता है। साथ ही रबी के मौसम में फसलों पर कीट एवं व्याधि का संक्रमण भी कम होता है, जिससे तिलहनी फसलों की उत्पादकता अधिक प्राप्त होने की संभावना रहती है।
सरसों की यह किस्म मिलेगी निःशुल्क
कृषि विभाग द्वारा किसानों से अपील की गई है कि “आजाद महक” और “पीएम-32” सरसों की दोनों प्रजातियों के बीज समस्त जिलों में राजकीय बीज भंडारों पर पंजीकृत कृषकों के लिए निःशुल्क उपलब्ध है। कृषि विभाग के मुताबिक इन दोनों ही किस्मों का औसत उत्पादन 27 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होता है। किसान यह बीज निःशुल्क प्राप्त करने के लिए agridarshan.up.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।
किसान बीज शोधन, जैव रसायन व कृषि रक्षा रसायन से बीज शोधित करके ही बुआई करें, जिससे बीज जनित एवं भूमि जनित रोगों के संक्रमण की संभावना नहीं रहती है। इससे फसलों की लागत कम हो जाएगी तथा उत्पादकता में वृद्धि हो सकेगी।
किसान पाठशालाओं का किया जा रहा है आयोजन
रबी में तिलहनी फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा भी किसानों के लिए कई प्रोत्साहन योजना एवं अनुदान आधारित कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विशेष रूप से योगी सरकार द्वारा नवीन प्रजातियों के प्रोत्साहन के लिए तिलहनी फसलों के निःशुल्क मिनिकिट खंड प्रदर्शन एवं किसान पाठशालाएं चलाए जा रहे हैं। योगी सरकार द्वारा चयनित किसानों को अधिकतम प्रति हेक्टेयर 9000 रुपए के अनुदान के साथ ही उत्पादन की नवीन तकनीक के प्रसार के लिए किसान पाठशाला भी चला रही है।
वर्तमान रबी सीजन में 5.50 लाख तिलहन के मिनीकिट 7653 खंड प्रदर्शन तथा 7653 किसान पाठशाला का आयोजन प्रस्तावित है। किसानों को बीजों पर अनुदान सब्सिडी एटसोर्स अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदर्शन का अनुदान चयनित किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया जाएगा।


