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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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राजसीड्स द्वारा प्रमाणित बीजों का जी.ओ.टी. परीक्षण कराकर ही किसानों को किया जाता है वितरित

राजस्थान स्टेट सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने कहा कि प्रदेश में अच्छी पैदावार के लिए उच्च गुणवत्ता एवं उन्नत किस्म का बीज जरूरी है। उन्होंने कहा कि निगम इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, जिससे फसलों की उपज के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि हो सके। यह बात उन्होंने सोमवार को दुर्गापुरा स्थित श्याम ऑडिटोरियम में हुई राजस्थान स्टेट सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की 46वीं वार्षिक साधारण सभा में कही।

उन्होंने बताया कि किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2015 से खरीफ फसलों के प्रमाणित बीजों का जी.ओ.टी. परीक्षण करवाया जा रहा है। इस प्रक्रिया को निरन्तर रखते हुए, वर्ष 2020-21 से रबी फसलों के प्रमाणित बीजों का भी जी.ओ.टी. करवाया जा रहा है। जी.ओ.टी. परीक्षण करवाने से बीजों की आनुवांशिक गुणवता सुनिश्चित हो रही है। राजसीड्स देश की प्रथम संस्था है जो प्रमाणित बीज की जी.ओ.टी. कराकर ही किसानों को बीज उपलब्ध कराती है।

राजसीड्स द्वारा किया गया इतने बीज का उत्पादन

वर्ष 2023-24 में 3 लाख 69 हजार क्विंटल प्रमाणित एवं सत्य चिन्हित बीज उत्पादन किया गया है। 2024-25 में खरीफ व रबी फसलों में प्रमाणित व आधार बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत 46 हजार 306 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है, जिसमें 7.34 लाख क्विंटल रॉ-बीज का उत्पादन संभावित है। जायद-2024 में संकर बाजरा बीजोत्पादन कार्यक्रम अन्तर्गत बीसलपुर बांध क्षेत्र में 483 क्विंटल रॉ-बीज का उत्पादन हुआ है।

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गेहूं और जौ बीज के रेट में की गई वृद्धि

राजन विशाल ने कहा कि रबी 2023-24 में उत्पादित गेहूं व जौ प्रमाणित व आधार बीज उत्पादन पर देय प्रीमियम राशि में रबी 2022-23 की तुलना में वृद्धि कर दोनों ही फसलों के प्रमाणित बीज उत्पादन 10 वर्ष तक अधिसूचित किस्मों हेतु 225 रूपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 350 रूपये प्रति क्विंटल एवं 10 वर्ष से अधिक अधिसूचित किस्मों हेतु 175 रूपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 350 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जिसके कारण रबी 2024-25 में गत वर्ष से लगभग गेंहू में 26 प्रतिशत एवं जौ में 36 प्रतिशत बुवाई क्षेत्र में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन के लिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, साथ ही छोटी जोत के कृषकों को भी जोडने का कार्य निगम कर रहा है। राजस्थान ऑर्गेनिक फार्मिंग बोर्ड का गठन किया गया है, जो किसानों की ऑर्गेनिक पैदावार को उचित मूल्य दिलवाने व ऑर्गेनिक उत्पादों के विपणन में सहयोग करेगा।

किसानों को उपलब्ध कराये जाएंगे गुणवत्ता युक्त बीज

शासन सचिव ने कहा कि निगम के विधायन केन्द्रों के अधिकाधिक उपयोग के लिए सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से बीज उत्पादक कृषकों से ज्यादा उत्पादन करवाया जायेगा, साथ ही प्रतिबद्ध विक्रेताओं के माध्यम से राजस्थान के सुदूर क्षेत्र के किसानों को भी उन्नत एवं गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध करवाया जायेगा तथा केवीएसएस एवं जीएसएस पर कैम्प ऑफिस स्थापित कर बीज उत्पादक कृषकों से बीज कलेक्शन प्रायोगिक तौर पर करने के निर्देश दिये।

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3,62,451 क्विंटल बीज का किया गया वितरण

अध्यक्ष ने कहा कि राजसीड्स द्वारा खरीफ 2024 में 1 लाख 46 हजार 95 क्विंटल एवं रबी 2024-25 में 2 लाख 16 हजार 356 क्विंटल, इसी प्रकार वर्ष 2024-25 में कुल 3 लाख 62 हजार 451 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है। प्रमाणित बीज की उपलब्धता को आम कृषक तक पहुंचाने के लिए बीज वितरण मुख्यतः ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से कराया गया है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में निगम की 22 इकाइयाँ एवं 5 बीज विस्तार केन्द्र है। जिनकी कुल भण्डार क्षमता 10 लाख 21 हजार एवं कुल विधायन क्षमता 12.60 लाख क्विंटल है। वर्ष 2023-24 में निगम का सकल कारोबार 23,405.01 लाख रूपये रहा है तथा कर कटौती के पश्चात निगम का लाभ 1606.49 लाख रूपये है।

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