बुवाई एवं खाद डालने के हेतु उन्नत कृषि यन्त्र
प्राचीन काल से ही बीज बोने के लिए केरा एवं पोरा विधियों का प्रयोग होता आ रहा है। इस विधि में देशी हल के पीछे एक लकड़ी की कीपनुमा आकृति होती हैं जिसमें बांस की एक नली लगी होती हैं। कीप से बीज गिराते हैं और नली से होते हुए जमीन के अन्दर गिरता है। इन विधियों से बीज की अनियंत्रित मात्रा गिरती है, जिससे बीज दर अधिक हो जाती है और फसल से खरपतवार निकालने में काफी कठिनाई होती है। इन सभी कमियों को दूर करने के लिए सुधरे हुए कृषि यंत्रों के प्रयोग से फसल की उपज में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है।
बीज एवं खाद डालने के यंत्र का कार्य
बीज एवं खाद डालने के यंत्र के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं :-
- उचित मात्रा में बीज
- पक्तियों में उचित गहराई पर बीज एवं खाद को डालना।
- खूँड में गिरे हुए बीज एवं खाद को भली प्रकार ढ़कना।
बुवाई की विधियाँ
- छिटवाँ विधि
- ड्रिलिंग
- डिबलिंग
- प्रीसीजन
- हिल ड्रापिंग
- चैक प्लांटिंग
हस्त चालित खाद एवं बीज छिडकाव यंत्र
इस यंत्र को पट्टे द्वारा गले में बांध लिया जाता है। हैंडल को घुमाने से बीज बक्से में नीचे छिद्र से होते हुए गोल प्लेट पर गिरता है और उपकेन्द्र बल के नियमानुसार बाहर की ओर दूर बिखर जाता है। हैंडल को एक चक्कर घुमाने से प्लेट 8 चक्कर घुमती हैं। हैडल 45 चक्कर/मिनट की चाल से चलाने से खाद व बीज लगभग 7.25 मीटर चौड़ाई तक गिरता है। इससे एक घंटे में लगभग एक हेक्टेयर खेत की बुवाई की जा सकती है।
ट्रैक्टर चालित बीज एवं खाद छिडकाव यंत्र
प्रायः इस यंत्र का प्रयोग खाद छिटने के लिए किया जाता है, लेकिन बीज छिटने में भी इसका उपयोग कर सकते हैं। यह 25-30 अश्व शक्ति के ट्रैक्टर से आसानी से चल सकता है इसके बॉक्स में एक बार में 2.5-3.0 क्विंटल खाद या अनाज रखकर छिड़काव कर सकते हैं। इसे टै्रक्टर के पीछे 3 प्वांइन्ट लिंकेज से बांध कर पी.टी.ओ. की सहायता से चलाया जाता है।
हस्त चालित बीज एवं उर्वरक यन्त्र
इस यंत्र का प्रयोग प्रायः छोटे किसान एवं पर्वतीय इलाकों के किसान करते हैं। झारखण्ड प्रदेश के लिए यह यंत्र बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। इसे चलाने के लिए दो व्यक्तियों की आवश्यकता पड़ती है। एक व्यक्ति इसे खिंचता है तथा दूसरा व्यक्ति इसे नियंत्रित करता है। इसकी कार्य क्षमता 0.75-1.0 एकड़ प्रति दिन है।
कल्टीवेटर से बुवाई करने के यंत्र
यह बैलों द्वारा बुवाई करने का यंत्र है। इसमे दो या तीन पक्ति वाले कल्टीवेटर के हर खूँड़ के पीछे बीज गिराने वाली पाइप लगी होती है। पाइपों का उपरी भाग एक कीप से जुड़ा होता है। कीप में बीज एवं खाद गिराने से सभी पाइपों में बराबर भागों में बंट जाता है। इसकी कार्य क्षमता 2.5 एकड़ प्रतिदिन तक होती है।
पशु चालित उर्वरक एवं बीज बुवाई यंत्र
मिट्टी की किस्म एवं बैल की शक्ति के आधार पर यह यंत्र 3-5 खूँड़ में एक साथ बुवाई करता है। इस यंत्र
की सहायता से बीज एवं खाद दोनों नियंत्रित मात्रा में गिरता है। इससे खाद, बीज से 2.5 से.मी. हटकर एवं 2.5 से.मी. गहरा गिरता है। खाद एवं बीज नियंत्रित मात्रा में गिराने के लिए कई प्रणालियाँ लगी होती है। इस यंत्र में पंक्ति से पंक्ति की दूरी इच्छानुसार बदल सकते हैं। इस ड्रिल से गेहूँ, जौ इत्यादि की बुवाई कर सकते हैं और इसकी कार्य क्षमता 2.5-3.75 एकड़ प्रतिदिन है।
ट्रैक्टर चालित बीज एवं उर्वरक ड्रिल
इस ड्रिल में मुख्य रूप से बीज बॉक्स, खाद बाक्स, बीज नियंत्रित प्रणाली, खाद नियंत्रित प्रणाली, बीज नली, खूँड़ ओपनर एवं ट्रांसपोर्ट व्हील इत्यादि होते हैं। सीड ड्रिल में एक अक्ष होता है जो फ्लुटेड रोलर को चलाता है और यह सीड बाक्स के नीचे स्थित होता है। फ्लुटेड रोलर बीज को बॉक्स से लेता है और बीज नली में डाल देता है। चूँकि बीज नली खूँड़ ओपनर से जुड़ी होती है, इसलिए बीज सीधे खूँड ओपनर से होते हुए खूँड़ में गिर जाता है। यह ड्रिल भारत के उत्तरी भाग में बहुत प्रचलित है। इसका प्रयोग झारखण्ड प्रदेश में करने से किसानों को समय की बचत तथा उपज में वृद्धि हो सकती है। यह पशु चालित बीज सह खाद ड्रिल की तुलना में 70 प्रतिशत मजदूरी की बचत, 25-30 प्रतिशत संचालन खर्च में बचत तथा 3 प्रतिशत उपज में वृद्धि करता हैं।
विशिष्ट वर्णन
- शक्ति (अश्वशक्ति) – 35
- बीज नियंत्रण प्रणाली – फ्लुटेड रोलर टाइप
- खाद नियंत्रण प्रणाली – गुरूत्वाकर्षण या कोरूगेटेड रोलर
- शक्ति स्थानांतरण – चैन एवं स्प्रोकेट
- खूँड़ की संखया – 9-13
- फरो ओपनर – रिवर्सिबुल शावेल
- वजन (किलो ग्राम) – 224-338
- प्रारम्भिक लागत (रु0) – 30000/-
- संचालन खर्च (रु0) – 550/-
उपयोग
बीज सह खाद ड्रिल का प्रयोग पूर्णरूप से तैयार खेत में गेंहूँ एवं दूसरी खाद्यान्न फसलों को बोने में होता है।
पैडी ड्रम सीडर
यह छः प्लास्टिक डिब्बों का बना हुआ यंत्र है। इन डिब्बों पर पास वाले छिद्रों की संख्या 28 तथा दूर वाले छिद्रों की संखया 14 होती हैं, और डिब्बे की लम्बाई 25 से.मी. तथा व्यास 18 से.मी. तक होता है। डिब्बे की जमीन से उँचाई 18 से.मी. तथा डिब्बे में बीज रखने की क्षमता 1.5-2.0 किलो ग्राम होता है बिना बीज के यंत्र का भार 6 किलो ग्राम तक होता है। इस यंत्र से एक बार में 12 कतार (2.4 मी.) में बीज की बुवाई होती है। हर बारह कतार के बाद एक कतार छोड़ दी जाती है जिसे स्कीप कतार कहते हैं। चक्कों का व्यास 60 से.मी. तथा चौड़ाई 6 से.मी. होती है। यह एक दिन में 2.5 एकड़ धान की बुवाई करता है। इससे अंकुरित बीज की बुवाई की जाती है और इसकी बीज दर 40 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर तक होती है। झारखण्ड जैसे प्रदेशों के लिए यह काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
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विशिष्ट वर्णन
- कतारों की संखया – 12
- कतार से कतार की दूरी (से.मी.) – 20
- पास वाले छिद्रों की संखया – 28
- दूर वाले छिद्रों की संखया – 14
- डिब्बों की क्षमता (किलोग्राम) – 1.5-2.5
- वजन (किलोग्राम) – 6
- कार्य क्षमता (एकड़ प्रतिदिन) – 2.5
- प्रारम्भिक लागत (रु0) – 5000/-
उपयोग
कादो किये गये खेत में जिसमें पानी नहीं लगा हो, अंकुरित बीज की सीधी बुवाई करता है।
पशु चालित प्लान्टर
यह तीन कतारों वाला प्लांटर है, जिसकी प्लेट झुकी होती है। इसकी सहायता से छोटे एवं बड़े दोनों प्रकार के बीज बोये जा सकते हैं, तथा इसमें तीन अलग-अलग बॉक्स होते हैं। बीज नियंत्रण प्रणाली इनक्लाइन्ड प्लेट टाइप का होता है। भिन्न-भिन्न प्रकार के बीज के लिए भिन्न-भिन्न तरह की प्लेट प्रयोग की जाती है। इसमें ‘शू’ टाइप का फरो ओपनर प्रयोग किया जाता है। यह मिश्रित खेती के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसके भिन्न-भिन्न बॉक्सों में भिन्न-भिन्न प्रकार के बीज रखकर बुवाई कर सकते हैं। यह केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा निर्मित यंत्र है। यह हल के पीछे बुवाई करने वाले यंत्र की तुलना में 40-50 प्रतिशत मजदूरी की बचत, 60 प्रतिशत संचालन खर्च में बचत तथा 5 प्रतिशत उपज में वृद्धि करता है।
विशिष्ट वर्णन
- शक्ति – एक जोड़ा बैल
- बीज नियंत्रण प्रणाली – इनक्लाइन्ड प्लेट सेल व्यास 120 मि.मी.
- खाद नियंत्रण प्रणाली – एल्युमिनियम फ्लुटेड रोलर
- कार्य क्षमता (हे./घंटा) – 0.16-0.20
- प्रारम्भिक लागत (रु0) – 6500/-
- संचालन खर्च (रु0) – 300/-
उपयोग
यह तीन कतारों वाला प्लांटर है। यह बड़े बीज में मूंगफली, मक्का, काबुली चना तथा छोटे बीज में सरसों, शलजम, इत्यादि की बुवाई करता है। यह मिश्रित खेती के लिए बहुत ही उपयोगी है।
ट्रैक्टर चालित सीधी धान बुवाई यंत्र
यह यंत्र शुष्क भूमि क्षेत्र के लिए ज्यादा उपयुक्त है। यह यंत्र कल्टीवेटर के उपर स्थित होता हैं और इस यंत्र में मुख्य रूप से बीज बॉक्स, बीज नियंत्रण प्रणाली, पहिया, कल्टीवेटर शावेल, फरो क्लोजर, क्लच लीवर, फ्रेम एवं एक शक्ति चालित प्रणाली होती है।
बीज नियंत्रण प्रणाली परिधि में स्थित होती है। संचालन के समय डिस्क कप पीक को घुमाता हैं जिससे धान हाँपर से निकास नली में चला आता है। चूँकि निकास नली फरो ओपनर से जुड़ी होती है अतः बीज सीधे-खूँड़ में गिर जाता है। इस यंत्र को तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है।
विशिष्ट वर्णन
- वजन (किलो ग्राम) – 390
- कतारों की संखया –
- बीज नियंत्रण प्रणाली – कप फीड टाइप
- बीज हॉपर क्षमता (किलोग्राम) – 48
- शक्ति (अश्वशक्ति) – 30
- कार्य क्षमता (हे0/घंटा) – 0.68
- इंधन खपत (ली0/घंटा) – 4.5
- मजदूर की आवश्यकता (मजदूर घंटा/हे0) – 14.5
- प्रारम्भिक लागत (रु0) – 14000/-
- संचालन खर्च (रु0) – 600/-
उपयोग
शुष्क भूमि क्षेत्र में धान की सीधी बुवाई के लिए यह यंत्र बहुत ही उपयुक्त है। यह झारखण्ड प्रदेश के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है क्योंकि यहाँ की उपरी जमीन में किसान छिटकांव विधि से धान की बुवाई करते हैं।
ट्रैक्टर चालित इनक्लाइंड प्लेट प्लांटर
यह पंक्तियों में भिन्न -भिन्न फसलों के बड़े एवं छोटे बीज बोने वाला प्लान्टर है। यह कार्य परम्परागत सीड -ड्रिल से नहीं हो सकता है। इसमें छः बॉक्स के साथ-साथ एक इनकलाइन्ड बीज नियंत्रण प्रणाली लगी होती हैं। इसमें ‘शू’ टाइप का फरो ओपनर होता हैं जो शुष्क भूमि क्षेत्र में अधिक गहराई तक बीज डालता हैं। उर्वरक बॉक्स में फ्लुटेड रोलर टाइप की खाद नियंत्रण प्रणाली लगी होती है। यह मिश्रित खेती के लिए बहुत ही उपयुक्त है। यह एक साथ कई बीज बोने के लिए उपयुक्त है। ग्राउन्ड ड्राइव व्हील एवं सीड प्लेट का ड्राइव अनुपात उचित साइज के स्प्रोकेट एवं मुख्य ड्राइव की सहायता से बदल सकते हैं। मिश्रित खेती के लिए भिन्न-भिन्न बॉक्सों में भिन्न-भिन्न बीज उपयुक्त सीड प्लेट के साथ भरा रहता है। यह प्लांटर केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा विकसित की गई है। परम्परागत विधि की तुलना में इस यंत्र से 70-80 प्रतिशत मजदूरी की बचत, 25-40 प्रतिशत संचालन खर्च में बचत तथा 7-8 प्रतिशत उपज में वृद्धि होती है।
विशिष्ट वर्णन
- शक्ति (अश्वशक्ति) – 35
- बीज नियंत्रण प्रणाली – सेल के साथ इनक्लान्ड प्लेट
- उर्वरक नियंत्रण प्रणाली – एल्युमिनियम फ्लुटेड रोलर
- कार्य क्षमता (हे./घंटा) – 0.45-0.65
- कतार से कतार की दूरी (से.मी.) – 25-45
- प्रारम्भिक लागत (रु0) – 12500/-
- संचालन खर्च (रु0) – 560/-
उपयोग
यह यंत्र बड़े बीज जैसे- मूंगफली, मक्का, काबली चना तथा छोटे बीज जैसे सलजम, सरसों आदि को बोने के लिए उपयोगी हैं यह क्रिया परम्परागत विधि से नहीं की जा सकती है। यह यंत्र मिश्रित खेती के लिए बहुत ही उपयुक्त होती है।