अधिक से अधिक किसानों को नई उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जा सकें इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश मंत्री परिषद ने प्रदेश में बीजों के प्रसंस्करण में वृद्धि किए जाने हेतु सीड पार्क की स्थापना किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश में खरीफ, रबी एवं जायद में लगभग 139.43 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता रहती है। जिसकी पूर्ति सरकारी/ अर्द्धसरकारी तंत्र के माध्यम से लगभग 7 प्रतिशत, निजी क्षेत्र से 43 प्रतिशत एवं शेष 50 प्रतिशत की पूर्ति किसान संरक्षित बीज से होती है।
सरकार के अनुसार कुल आवश्यक बीज के सापेक्ष 70 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज की आवश्यकता होती है। प्रदेश में लगभग 40 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें से लगभग 5 लाख क्विंटल संकर बीजों की आवश्यकता होती है। शेष प्रमाणित बीज एवं शत प्रतिशत संकर बीज के लिए प्रदेश को अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। प्रदेश में सीड पार्क की स्थापना से जहाँ अन्य राज्यों पर बीज के लिए निर्भरता कम होगी एवं स्थानीय तौर पर बीज की उपलब्धता होने के फल स्वरूप बीज की दरों में कमी आएगी।
5 सीड पार्क की होगी स्थापना
उत्तर प्रदेश में बीजों के प्रसंस्करण में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश में 9 कृषि जलवायु क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्थित कृषि विश्वविद्यालय अथवा कृषि विभाग के राजकीय कृषि प्रक्षेत्र में उपलब्ध भूमि पर उपयुक्तता के आधार पर 5 सीड पार्क की स्थापना की जाएगी। इन सीड पार्कों को पश्चिमी जोन, तराई जोन, मध्य जोन, बुंदेलखंड एवं पूर्वी जोन में स्थापित करने का प्रस्ताव है।
सीड पार्क प्रदेश स्थित कृषि विश्वविद्यालय अथवा कृषि विभाग के राजकीय कृषि बीज प्रक्षेत्रों की उपलब्ध भूमि की उपयुक्तता के आधार पर 150 से 200 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित किया जाएगा। सबसे पहले मध्य जोन में लखनऊ जनपद स्थित राजकीय कृषि प्रक्षेत्र अटारी की कुल 130.63 एकड़ भूमि पर सीड पार्क की स्थापना की जाएगी। राजकीय कृषि प्रक्षेत्र अटारी पर प्रस्तावित सीड पार्क की स्थापना पर कुल 266.70 करोड़ रुपये का व्यय संभावित है।
सीड पार्क में यह रहेगा खास
सीड पार्क में अधिक से अधिक बीज व्यवसाय स्थापित हो सकें, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सीड पार्क में बीज व्यवसायियों को बीज प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना ताप नियंत्रण भंडारण, स्पीड ब्रीडिंग, हाइब्रिड लैब आधी विभिन्न प्रकार की सुविधाएं और छूट प्रदान की जाएगी। सीड पार्क में बीज संयंत्र, भंडारण सुविधाओं, प्रयोगशालाओं व अन्य सुविधाओं की स्थापना करने हेतु बीज व्यवसायियों संस्थाओं को 30 वर्ष की लीज पर भूमि दी जाएगी जो अधिकतम 90 सालों के लिए होगी।
सरकार के मुताबिक एक सीड पार्क में स्थापित किए जाने वाले उद्योगों से लगभग 1200 लोगों को प्रत्यक्ष एवं लगभग 3,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। वहीं एक सीड पार्क से लगभग 40,000 बीज उत्पादक किसान जुड़ सकेंगे। इस प्रकार 5 सीड पार्क से 6,000 को प्रत्यक्ष एवं 15 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा। वहीं सीड पार्क की स्थापना से प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी। बीज प्रतिस्थापन दर (एस.आर.आर.) में सुधार से उत्पादकता में वृद्धि होगी तथा किसानों की आय बढ़ेगी। प्रदेश में उत्पादित बीजों को व्यापक बाजार प्राप्त होगा।