back to top
28.6 C
Bhopal
शनिवार, सितम्बर 21, 2024
होमकिसान समाचारवैज्ञानिकों ने बनाई मक्का दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटेड मशीन, 1...

वैज्ञानिकों ने बनाई मक्का दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटेड मशीन, 1 घंटे में निकलेगी 60 किलो बीज

मक्का दाना निकालने के लिए मशीन

किसानों की आय एवं कृषि में नवीन तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों द्वारा लगातार काम किया जा रहा है | जिसके तहत अधिक पैदावार वाली किस्मों के विकास के आलवा नए-नए कृषि यंत्र भी वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित किए जा रहे हैं | अभी हाल ही में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि हासिल की है, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अविष्कार की गई मकई का दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय की ओर से डिजाइन पेटेंट मिला है।

मक्का बीज निकालने के लिए तैयार की गई इस आधुनिक मशीन को चलाने के लिए केवल एक व्यक्ति की जरूरत है और इसको एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन की भी समस्या नहीं होती क्योंकि इसका वजन लगभग 50 किलोग्राम है जिसमें पहिए लगे हुए हैं।

किसान कम लागत में निकाल सकेगें अधिक बीज

इसका प्रयोग कम जोत वाले व छोटे किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। इस मशीन से मक्का का बीज तैयार करने में मदद मिलेगी क्योंकि इसके द्वारा निकाले गए दाने मात्र एक प्रतिशत तक ही टूटते हैं और इसकी प्रति घंटा की कार्यक्षमता 55 से 60 किलोग्राम तक की है। इससे पहले यह कार्य मैनुअल तरीके से चार-पांच किसान मिलकर करते थे जिसमें समय व लेबर अधिक लगती थी और एक व्यक्ति एक घंटे में केवल 15 से 20 किलोग्राम तक ही दाने निकाल पाते थे और दाने टूटते भी अधिक थे।

यह भी पढ़ें   किसान यहाँ से ऑनलाइन खरीद सकते हैं मूंग की इन दो उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज 

किसान आसानी से कर सकते हैं इस मशीन का उपयोग

प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रवि गुप्ता ने बताया कि मक्का तैयार होने व छिलका उतारने के बाद अगर समय पर इसका बीज नहीं निकाला जाए तो फसल में फफूंद व अन्य बीमारियों की समस्या आ सकती है | जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए इस मशीन की मदद से समय पर मक्का निकाला जा सकता है और उसके भण्डारण में भी दिक्कत नहीं आती | साथ ही ऑफ सीजन में भी किसान मक्का के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाकर और उन्हें बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं | इसके अलावा यह मशीन बिना बिजली खर्च के उपयोग में लाई जा सकती है और इसे कोई भी व्यक्ति बिना किसी खास प्रशिक्षण के उपयोग कर सकता है |

इन वैज्ञानिकों ने तैयार की है मशीन

मशीन का अविष्कार महाविद्यालय के प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. विजय कुमार सिंह व सेवानिवृत्त डॉ. मुकेश गर्ग की अगुवाई में किया गया । इस मशीन के लिए वर्ष 2019 में डिजाइन के लिए आवेदन किया था। एचएयू को मिल रही लगातार उपलब्धियां यहां के वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही मेहनत का ही नतीजा है |

यह भी पढ़ें   मंडी में गेहूं ले जाने से पहले किसान करें यह काम, वरना नहीं खरीदा जाएगा समर्थन मूल्य पर गेहूं
download app button
google news follow
whatsapp channel follow

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें