देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए लिए कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा नई-नई किस्में विकसित की जा रही है। इस कड़ी में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, करनाल ने हरे चारे के लिए अधिक पैदावार देने वाली उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन मक्का (HQPM) की संकर किस्म एच.क्यू.पी.एम.-28 विकसित की है। यह संकर किस्म फसल मानकों और कृषि फसलों की किस्मों की रिहाई पर केन्द्रीय उपसमिति द्वारा भारत में खेती के लिए अनुमोदित की गई है जिसमें उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ शामिल है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर.काम्बोज ने बताया कि मक्का की यह यह नई किस्म एच.क्यू.पी.एम. 28 अधिक पैदावार देने के साथ-साथ उर्वरक के प्रति क्रियाशील भी है। यह किस्म पोषण से भरपूर व प्रमुख रोग मेडिस पत्ती झुलसा रोग के प्रतिरोधी व प्रमुख कीट फॉल आर्मी वर्म के प्रति मध्यम रूप से प्रतिरोधी है।
कम समय में अधिक उत्पादन देती है HQPM 28
मक्का की HQPM 28 किस्म से किसान औसतन 141 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। वहीं किस्म की अधिकतम उत्पादन क्षमता 220 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह किस्म बिजाई के बाद केवल 60-70 दिन में ही कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म का हरा चारा पौष्टिकता से भरपूर है जिसमें प्रोटीन 8.7 प्रतिशत, एसिड-डिटर्जेंट फाइबर 42.4 प्रतिशत, न्यूट्रल डिटर्जेंट फाइबर 65 प्रतिशत और कृत्रिम परिवेशीय पाचन शक्ति 54 प्रतिशत है। इस किस्म के यह सभी पाचन गुण इसे मौजूदा किस्मों से बेहतर बनाते हैं। कुलपति ने क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र करनाल के वैज्ञानिकों की टीम को ईजाद की गई इस नई किस्म के लिए बधाई दी।
अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि तीन-तरफ़ा क्रॉस हाइब्रिड होने के कारण इसका बीज उत्पादन किफायती है व QPM हाइब्रिड होने के कारण यह पोषण से भरपूर है व इसमें आवश्यक अमीनो एसिड लाइसिन और ट्रिप्टोफैन की मात्रा सामान्य मक्का की तुलना में दोगुनी है। क्यूपीएम और नवीनतम हाइब्रिड होने के कारण, यह निश्चित है कि यह हाइब्रिड किस्म अपनी सिफारिश के क्षेत्र में मौजूदा लोकप्रिय किस्मों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। इसके साथ ही यह चारे की बेहतर गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी कारगर साबित होगी।
किसान ऐसे करें HQPM-28 की खेती
क्षेत्रीय निदेशक डॉ. ओपी चौधरी ने HQPM-28 की बुवाई का उपयुक्त समय बताते हुए कहा कि इस संकर किस्मों को मार्च के पहले सप्ताह से लेकर सितम्बर के मध्य तक उगाया जा सकता है। इस किस्म की बंपर पैदावार पाने के लिए जमीन तैयार करने से पहले 10 टन प्रति एकड़ अच्छी गुणवत्ता वाली गोबर की खाद डालनी चाहिए। हरे चारे की उपज को अधिकतम करने के लिए एनपीके उर्वरकों की सिफारिश खुराक 48:16:16 किलोग्राम प्रति एकड़ इस्तेमाल करनी चाहिए। नाईट्रोजन की आधी मात्रा तथा फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों की पूरी मात्रा को बुआई के समय और नाइट्रोजन की शेष मात्रा को बुआई के 3- 4 सप्ताह बाद डालें।
वैज्ञानिकों की जिस टीम ने इस किस्म को विकसित करने में मुख्य योगदान दिया उनमें डॉ. एमसी कम्बोज, प्रीति शर्मा, कुलदीप जांगिड़, पुनीत कुमार, साईं दास, नरेंद्र सिंह, ओपी चौधरी, हरबिंदर सिंह, नमिता सोनी, सोमबीर सिंह और संजय कुमार शामिल हैं।
Sukhi makka ka utpadan nahi bataya kyo
Ki MP me hara chara ke liye makka nahi
Lagaya jata.
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