जाने मुर्गे और मुर्गियों को बर्ड फ्लू से कैसे बचायें !
पक्षियों को बर्ड फ्लू एवं अन्य कई (बिमारियों) हो सकती है | ये बिमारियों एक पक्षी से दूसरे पक्षी में व दूषित पानी से अथवा प्रभावित पक्षी के मल – मूत्र पंखों आदि के जरिये पूरे झूंड को तेजी से प्रभावित कर सकती है | बचाव के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं |
दूरी बनाये रखें :-
- पक्षियों को बाड़े में बंद रखिये केवल पोल्ट्री फार्म की देखभाल करने वालों को ही पक्षियों के पास जाना चाहिए |
- अनावश्यक लोगों को बाड़े में प्रवेश न करने दें | मुर्गे – मुर्गी को दुसरे पक्षियों / पशुओं से न मिलने दें
साफ सफाई रखें :-
बाड़े में और उसके आस – पास साफ – सफाई बहुत जरुरी है |इस प्रकार जीवाणु और विषाणुओं से बचा जा सकता है | पक्षियों के बाड़े को साफ – सुथरा रखें और पक्षियों का भोजन और पानी रोजाना बदलें | पौल्ट्री फार्म – बाड़े को नियमित रूप से संक्रमण मुक्त करते रहें |
पौल्ट्री फार्म में बिमारियों को प्रवेश करने से रोकें :-
अपने आप को और बाजार या अन्य फार्मों में अन्य पक्षियों के सम्पर्क में आनेवाली हर चीज की साफ – सफाई रखें | नये पक्षी को कम से कम 30 दिन तक स्वस्थ पक्षियों से दूर रखें | बीमारी को फैलने से रोकने या बचाव के लिये पौल्ट्री के सम्पर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथ कपड़ों और जूतों को धोये तथा संक्रमण मुक्त करें |
बीमारी उधार न लें :-
यदि आप अन्य फार्मों से उपकरणों औजारों या पोल्ट्री को उधार लेते हैं तो अपने स्वस्थ पक्षियों के सम्पर्क में आने से पहले भली – भांति उनकी सफाई करें और संक्रमण मुक्त करें |
संकेतों को जाने :-
पक्षियों पर नजर रखें, यदि अधिक पक्षी मार रहें हैं आँखों, गर्दन और सर के आसपास सूजन हैं, रिसाव हो रहा है, पंखों कलगी और टांगों का रंग बदल रहा हो और पक्षी अंडे कम देने लगे है तो यह सब खतरे के संकेत है | पक्षियों में अचानक कमजोरी, पंख गिरने और हरकत कम होने पर नजर रखें |
बीमारी की सुचना :-
पक्षियों में असामान्य बीमारी अथवा मौत की सुचना तुरंत नजदीकी पशु उपचार केंद्र को दें |