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31 लाख किसानों को सरकार के कुशल प्रबंधन से मिला 172 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ

किसानों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की बीमा योजनाएं चलाई जा रही है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने राज्य में किसानों को जीवन बीमा उपलब्ध कराने के लिए “सहकार जीवन बीमा सुरक्षा योजना” शुरू की है। सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना की प्रगति को लेकर विधानसभा में सवाल किया गया। जिसमें सहकारिता राज्य मंत्री जवाब देते हुए बताया कि किसानों द्वारा देय प्रीमियम राशि को कम करने से किसानों को 172 करोड़ रुपये का लाभ किसानों को हुआ है।

सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार ने 24 मार्च के दिन विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन से प्रदेश के 31 लाख किसानों को सहकार जीवन बीमा सुरक्षा योजना में 172 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला है। योजना के तहत बीमा योजना की राशि किसानों द्वारा वहन की जाती है। जिसमें सरकार ने अब किसानों द्वारा दिए जाने वाली इस प्रीमियम राशि को कम किया है। जहाँ किसानों ने वर्ष 2023-24 में योजना के तहत 360 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया था वहीं प्रीमियम कम करने से किसानों को वर्ष 2024-25 में मात्र 186 करोड़ रुपये का प्रीमियम ही जमा कराना पड़ा।

बीमा कंपनी का चयन कर किसानों दिया जाएगा योजना का लाभ

सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि प्राथमिक ऋण दाता समितियों में ऋणी सदस्यों के लिए सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना तथा राज्य की अल्पकालीन कृषि संरचना में फसली ऋण लेने वाले किसान सदस्यों की सामाजिक सुरक्षा के लिए राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना लागू है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में गत सरकार ने बीमा कम्पनी का चयन नहीं किया। इस कारण राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना की क्रियान्वित नहीं की गई। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के लिए बीमा कम्पनीयों के चयन के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं। शीघ्र ही बीमा कम्पनी का चयन कर लिया जाएगा, ताकि किसानों का जल्द से जल्द बीमा करवाया जा सके।

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उन्होंने कहा कि बीमा कम्पनियों द्वारा क्लेम खारिज करने के कारणों में पारदर्शिता के लिए सारा डेटा पोर्टल पर ले लिया गया है। विभागीय अनुभाग द्वारा इसकी निरंतर समीक्षा की जाती है। इसके अतिरिक्त इस तरह के प्रकरणों में विधिक राय के लिए एक एडवोकेट भी नियुक्त किया गया है। इसके बाद भी असंतुष्ट होने पर किसान के पास बीमा विनियामक बोर्ड, बीमा लोकपाल तथा उपभोक्ता मंच के समक्ष प्रकरण ले जाने का विकल्प होता है।

किसानों के लिए आवश्यक नहीं है स्वास्थ्य प्रमाण पत्र

सहकारिता राज्य मंत्री ने सदन में आश्वस्त किया कि बीमा योजनाओं के अलग अलग प्रीमियम के मामले में समिति द्वारा जांच की जाएगी तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लिए जाने का प्रावधान नहीं है। स्वास्थ्य प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण एक भी प्रकरण निरस्त नहीं किया गया है।

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लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में 24 दावे का भुगतान

विधानसभा में विधायक श्रीमती कल्पना देवी के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 में विधान सभा क्षेत्र लाडपुरा में 12 हजार 851 ऋणी किसान सदस्यों का दुर्घटना बीमा किया गया है। वर्ष 2024-25 में 12 हजार 851 सदस्यों की प्रीमियम राशि 37.53 लाख रुपए किसानों के ऋण खातों से प्राप्त कर इंश्योरेंस कम्पनी को भिजवाई गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में विधान सभा क्षेत्र लाडपुरा में बीमा कम्पनी द्वारा राज्य के सहकारी बैंकों के 24 दावे राशि रुपये 240 लाख के भुगतान किए गए तथा 16 दावे राशि रुपये 160 लाख के बीमा कंपनी के निर्धारित मानकों की पूर्ति नहीं करने के कारण निरस्त किये गये। उन्होंने अवगत कराया कि वर्ष 2024-25 में लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से बीमा क्लेम हेतु कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।

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