देश में केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले किसानों और पशुपालकों को सम्मानित किया जा रहा है। ताकि अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा लेकर श्रेष्ठ काम कर सकें। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में “गोकुल पुरस्कार” एवं “नन्दबाबा पुरस्कार” का वितरण किया गया। राज्य के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने वर्ष 2023-24 में प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध आपूर्तिकर्ता 63 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार और गाय के सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 44 उत्पादकों को नन्दबाबा पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कृत पशुपालकों को प्रतीक चिह्न, पुरस्कार स्वरूप धनराशि एवं प्रमाण-पत्र दिए गए।
इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने कहा कि भारतीय गोवंशीय देशी गाय के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध समितियों के माध्यम से व्यवसाय करने का आह्वान किया और कहा कि समितियों के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय करके और डेयरी व्यवसाय अपनाकर किसान एवं पशुपालक अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। दुग्ध संघों एवं अधिकारियों द्वारा अनुरोध किए जाने पर दुग्ध अनुदान दिए जाने के संबंध में विचार किए जाने का भी आश्वासन दिया।
इन पशुपालकों को मिला पुरस्कार
कार्यक्रम में गोकुल पुरस्कार के अंतर्गत लखनऊ दुग्ध संघ के लखीमपुर-खीरी जनपद निवासी एवं वेलवा मोती समिति के वरुण सिंह को 230862 लीटर दुग्ध आपूर्ति हेतु राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार और बरेली दुग्ध संघ के जनपद बँदायु के कुवाडांडा के हरविलास सिंह को 72140 लीटर दुग्ध आपूर्ति हेतु द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसमें प्रथम पुरस्कार के रूप में 2 लाख रुपये एवं द्वितीय पुरस्कार के लिए 1.50 लाख रुपये का पुरस्कार राशि दी गई। शेष अन्य चयनित लाभार्थियों को जनपद स्तरीय पुरस्कार के तहत 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।
इसी प्रकार नंदबाबा पुरस्कार के तहत लखनऊ दुग्ध संघ के जनपद रायबरेली के निवासी एवं दुग्ध समिति लालूपुर खास के लाभार्थी नरेंद्र कुमार को 12361 लीटर दुग्ध आपूर्ति हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित करते हुए पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। इनके अलावा जनपद स्तरीय पुरस्कार के तहत 21 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि पुरस्कृत 107 दुग्ध उत्पादकों में से 36 महिला लाभार्थी है, जो दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी का एक सशक्त उदाहरण है।
गोवंशों को लगाए जाएंगे रेडियम
राज्य सरकार निराश्रित गौवंश के कारण होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए आगामी 15 मार्च से हाईवे या मुख्य सड़कों के किनारे बसे गांव के आसपास विचरण करने वाले गौवंश के गले में रेडियम पट्टी लगाये जाने का कार्य किया जाएगा। पशुपालन मंत्री ने कहा कि दूध प्रोसेसिंग की कमियों को दूर करने, किसानों को प्रशिक्षण देने एवं दुग्ध उत्पादन में नई तकनीक व नई जानकारी देने का कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिससे प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। दूध न देने वाली गायों को न छोड़े जाने की अपील किसानों और पशुपालकों से की।
इन पशुपालकों को मिलता है गोकुल पुरस्कार
प्रमुख सचिव ने बताया कि गोकुल पुरस्कार के तहत दुग्ध विकास के अंतर्गत दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने हेतु किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए गोकुल पुरस्कार का वितरण प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किया जाता है। गोकुल पुरस्कार के चयन के लिए वे ही दुग्ध उत्पादक पात्र होते हैं, जिनके द्वारा वित्तीय वर्ष में 5000 लीटर या इससे अधिक दूध दुग्ध समिति में आपूर्ति किया गया हो। प्रदेश की दुग्ध समिति में सर्वाधिक दुग्ध अपूर्तिकर्ता दुग्ध उत्पादक को प्रथम एवं द्वितीय लाभार्थी को राज्य स्तरीय पुरस्कार तथा शेष को जनपद स्तरीय पुरस्कार वितरित किया जाता है।
इन पशुपालकों को मिलता है नंदबाबा पुरस्कार
नंदबाबा पुरस्कार के तहत दुग्ध विकास के अंतर्गत भारतीय गोवंश की गाय के दूध में वृद्धि करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए नंदबाबा पुरस्कार का वितरण प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किया जाता है। नंदबाबा पुरस्कार के लिए भारतीय गोवंश की गाय के सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले वे ही उत्पादक पात्र होते हैं, जिनके द्वारा वित्तीय वर्ष में कम से कम 1500 लीटर या उससे अधिक दूध दुग्ध समिति में आपूर्ति किया गया हो।