जैविक उपायन उधोग की स्थापना में सरकारी सहयोग
जैविक उपायन जैसे कम्पोष्ट खाद तथा जीवाणु खाद इत्यादि जैविक खेती के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि पारंपरिक विधा में समन्वित पोषक व कीट प्रबंधन में भी उनका महत्वपूर्ण स्थान है | येसे पर्यावर्णीय मित्र उपादानों के उत्पादन व प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए “राष्ट्रीय जैविक खेती परियोजना” के अंतर्गत एक वितीय सहायता कार्यक्रम की शुरुआत की गई है |
इस कार्यक्रम के तहत कुछ चुने हुए उपादानों की उत्पादन इकाइयां स्थापित करने पर कुल लागत के 25 से 33 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है | यह सहायता सभी व्यक्तिगत उधोजनकों, रजिस्टर्ड संस्थओं, कम्पनियों, सहकारी संस्थाओं, सरकारी विभाग व संस्थओं तथा नगर पालिकाओं इत्यादि को एसी उत्पादन इकाईयों की स्थापना करने पर दी जाती है |
यह सुविधा कैसे प्राप्त करें
शासकीय विभाग व संस्थायें :-
सभी सरकारी व अर्द्ध सरकारी संस्थायें जैसे – निगम, नगर निगम, नगर पालिका आदि जो बैंकों से कर्ज नहीं प्राप्त कर सकती है सीधे कृषि और सहकारिता विभाग या राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र को आवेदन कर सकती हैं |
गैर सरकारी, निजी व व्यक्तित्व संस्थायें :-
इस श्रेणी की संस्थाओं व आवेदकों हेतु यह सुविधा द्वारा ऋण संबंधित अंतिम चरण अनुदान प्रक्रिया के तहत उपलब्ध है | इस प्रक्रिया के अंतर्गत उधोजक या संस्था बैंक को ऋण हेयु प्रस्ताव देती है | ऋण की उपलब्धता तथा स्वीकृति संबंधित बैंक के नियम व शर्तों के अधीन है | बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति के पशचात जब उधोजक ऋण राशि आहरित कर लेता है तब बैंक अनुदान हेतु नाबार्ड को आवेदन कर
ता है | बैंक के आवेदन पर नाबार्ड 50 % अनुदान राशि का भुगतान तुरंत बैंक को कर देता है | शेष 50 % अनुदान राशि उत्पादन इकाई के उत्पादन शुरू करने पर तथा संयुक्त जाँच समिति के निरिक्षण के पशचात जारी की जाती है | पूरी अनुदान राशि संबंधित बैंक के पास तब तक धरोहर के रूप में सुरक्षित रहती है जब तक बैंक के पुरे ऋण का भुगतान नहीं हो जाता है | इस अंतरिम अवधि में बैंक अनुदान राशि के विरुद्ध ग्रहण राशि पर ब्याज नहीं वसूलता है | साधारनतया इस पूरे वित्तीय प्रबंधन में 25 से 33 % हिस्सा उधोजक का, 34 % से 50 बैंक ऋण तथा 25 से 33 % अनुदान राशि समायोजित करने के बाद केवल 34 से 50 % ऋण की आदायगी करनी होती है |
क्र. | उत्पादन इकाई का प्रकार | उत्पादन क्षमता | अनुदान की मात्रा |
1. | फल व सब्जी बाजार अवशिष्ट कम्पोष्ट | 100 टन प्रति दिन | कुल लगत का 33 % या रु. 60 लाख जो भी कम हो |
2. | जैव उर्वरक व जैविक कीटनाशी | 200 टन प्रति वर्ष | कुल लागत का 25 % या रु. 40 लाख जो भी कम हो |
उर्वरक नियंत्रण आदेश के अंतर्गत पंजीकरण
अप्रैल 2006 से सभी जीवाणु खाद जैसे राइजोबियम, एजोसिपरिलम तथा पी.एस.बी. तथा जैविक खाद जैसे शहरी कचरा कम्पोस्ट तथा वर्मीकम्पोस्ट उर्वरक नियंत्रण आदेश के अंतर्गत नियंत्रित है | सभी उत्पादकों, वितरकों तथा विक्रताओं को इस आदेश के तहत राज्य उर्वरक नियंत्रण अधिकारी के पास पंजीकरण कराना आवश्यक है | संबंधित राज्य सरकार के कृषि विभगों को इस आदेश के तहत वांछित शक्तियाँ प्रदान की गई हैं |
सभी जिला एवं उप जिला कृषि अधिकारी इन आदेशों के तहत उर्वरक निरीक्षक के रूप में प्राधिकृत है तथा उर्वरक नमूने आहरित कर विशलेषण प्रयोगशालाओं को भेज सकते हैं | राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र हिसार, बैंगलोर, भुवनेशवर, इम्फाल, जबलपुर तथा नागपुर स्थित क्षेत्रीय जैविक खेती केंद्र इन आदेशों के अंतर्गत अधिकृत विशलेषण प्रयोगशालाएं हैं | राज्य सरकारें अपनी स्वयं की भी प्रयोगशालाएं विकसित कर प्राधिकृत कर सकती हैं |
मैं जैविक खेती प्रारम्भ करना चाहता हूँ, कृपया सुझाव दें, व मार्गदर्शन करें कि इस हेतु सरकारी सहायता व प्रशिक्षण के क्या प्रावधान हैं….. डॉक्टर पी आर शास्त्री मथुरा मोबाइल नंबर,– 7983557727
Source: जैविक खेती के लिए क्या है सरकारी नियम और सहयोग एक नजर में समझें – Kisan Samadhan (https://kisansamadhan.com/rules-for-organic-farming/)
जैविक खेती के लिए आप प्रशिक्षण जिला कृषि विज्ञान केंद्र से ले सकते हैं | अधिक जानकारी के लिए आप 9098298238 पर कॉल करें |
नमस्कार ।
मै पच्छिम बंगाल कि दार्जिलिङ के चाय बगान क्षेेत्र से हुँँ । इस क्षेत्र मे शिमला मिर्च, corn कि प्रजातिया (baby corn, sweet corn etc),mushroom, cherry tomato , tree tomato, bamboo shoot, मिर्ची कि एक खास प्रजाति आदि कि खेती किया जा सकता है। लेकिन हमारे यहाँ जमिन अपनी नहि होने कि बजह से हम लोग व्यावसायिक तौर पर खेती नहि कर सकते है लेकिन यहाँ छोटे तौर पर या खुद के उपयोग के लिये हि खेती किया जाता है। अगर सरकारी सहयोग या सल्लाह मिलती तो बडे पैमाने पर quantity & quality उत्पादन commercial basis पर किया जा सकता है।
मै आप से यह निवेदन करना चाहता हुँ कि इस बारे मे सरकार से सहि सलाह या सहयोग मिले।
सर आप जिले के कृषि विज्ञानं केंद्र में सम्पर्क करें या जिला कृषि विभाग में आवेदन करें |
नमस्कार ।
मै पच्छिम बंगाल कि दार्जिलिङ के चाय बगान क्षेेत्र से हुँँ । इस क्षेत्र मे शिमला मिर्च, corn कि प्रजातिया (baby corn, sweet corn etc),mushroom, cherry tomato , tree tomato, bamboo shoot, मिर्ची कि एक खास प्रजाति आदि कि खेती किया जा सकता है। लेकिन हमारे यहाँ जमिन अपनी नहि होने कि बजह से हम लोग व्यावसायिक तौर पर खेती नहि कर सकते है लेकिन यहाँ छोटे तौर पर या खुद के उपयोग के लिये हि खेती किया जाता है। अगर सरकारी सहयोग या सल्लाह मिलती तो बडे पैमाने पर quantity & quality उत्पादन commercial basis पर किया जा सकता है।
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मैं जैविक खाद युनिट लगाना चाहता हूं और जैविक खेती भी। इसके लिए क्या किसान समाधान है। मेरी एक हेक्टर सिंचित भूमि है।
जिला कृषि विज्ञानं केंद्र में सम्पर्क करें | वहां से प्रशिक्षण लें |
वंदे मातरम किसान भाइयों मैं राजस्थान भीलवाड़ा से मुकेश जैविक खेती करना चाहता हूं और अभी कर भी रहा हूं आप लोगों में से जो आदमी जैविक खेती कर रहे हैं और जो जैविक खेती भी करना चाहते हैं हमने व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखे हैं बहुत सारे ऐसे प्रोग्राम भी कर रहे हैं इसमें लोगों को जागरूकता करते हैं जैविक खेती के लिए और जो जैविक खेती कर रहे हैं किसानों को भी हमसे मिले और अच्छी-अच्छी जानकारी उनको हम दे देंगे और उनसे हम आदान-प्रदान करेंगे जानकारियां जो लोग जैविक खेती करना चाहते हैं जरूर व्हाट्सएप पर मैसेज करें हमारे नंबर दे रहे हैं आपको और यह चैनल भी बहुत अच्छा मैच चैनल पर काफी दिनों से सारे वीडियो सुनता हूं देखता हूं और लोगों को शेयर करता हूं आप लोग भी मेरे को व्हाट्सएप कर सकते हैं ज्यादा जानकारी के लिए 8696669927
मैं जैविक खेती प्रारम्भ करना चाहता हूँ, कृपया सुझाव दें, व मार्गदर्शन करें कि इस हेतु सरकारी सहायता व प्रशिक्षण के क्या प्रावधान हैं…..
Hame jaivic khad bechna h jo ghar me taiyar ki gaye h hame contect kare 7850896492
Main Jaivik kheti Shruti Hassan composed best decomposer se ke liye Sarkari anudan chahiye
हम जैविक खेती करने के साथ जैविक कीटनाशक व जैविक पमोटर का उत्पादन करते है इनके पंजीयन व विकय हेतु आवश्यक सुझाव देने का कष्ट करे,धन्यवाद
मुझे जैविक खेती और जैविक खाद कीटनाशक के बारे में जानकारी चाहिए।