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राजस्थान बजट 2021-22: विस्तार से जानिए किसानों को क्या-क्या मिला

राजस्थान कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए बजट 2021-22

गाँधीजी ने कहा था की “अगर भारत को शांतिपूर्ण सच्ची प्रगति करनी है तो पैसे वाले यह समझ लें की किसानों में ही भारत की आत्मा बस्ती है |” के साथ मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 24 फ़रवरी को कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया | कोरोना के बीच यह राज्य का पहला ‘पेपरलेस’ बजट है | मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अगले साल से कृषि का बजट अलग से पेश करेगी | राज्य सरकार अपने आगामी बजट में किसानों सहित समाज के सभी वर्गों की खुशहाली और कल्याण का ध्यान रखेगी साथ ही इस बजट में सरकार ने पशुपालकों के लिए भी कई घोशनाएँ की है |

गहलोत सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2 लाख 50 हजार 747 करोड़ का बजट पेश किया जो पिछले साल के बजट से 25 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। पिछले साल के लिए 2 लाख 25 हजार 731 करोड़ का बजट पेश किया गया था।  इस वर्ष गहलोत सरकार ने कई नई घोशनाएँ की है इनमें किसानों के लिए अगले वर्ष से अलग से कृषि बजट, कृषक कल्याण योजना, कृषि क्षेत्र के लिए अलग से विद्युत वितरण कंपनी, मिनी फ़ूड पार्क की स्थापना एवं 50 हजार सोलर पम्पों की स्थापना आदि शामिल है | किसान समाधान आपके लिए विस्तार से कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित बजट की जानकारी लेकर आया है |

किसानों को बजट में क्या-क्या मिला

 कृषकों एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि तथा समग्र विकास सुनिश्चित करने की दृष्टि से “कृषक कल्याण योजना” की घोषणा की गई | योजना के तहत सरकार 2 हजार करोड़ रुपये का खर्च करेगी | योजना के तहत प्रदेश के तहत किसानों को निम्न लाभ दिए जाएंगे-

कृषक कल्याण योजना की मुख्य बातें
  • 3 लाख किसानों को निः शुल्क Bio-Fertilizers एवं Bio-Agents दिए जाएगें,
  • एक लाख किसानों के लिए कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना की जाएगी,
  • तीन लाख किसानों को “माइक्रोन्यूट्रीएन्ट्स किट” उपलब्ध करवाई जाएँगी,
  • पांच लाख किसानों को उन्नत किस्म के बीज वितरित किये जाएंगे,
  • 30 हजार किसानों के लिए डिग्गीफार्म पोण्ड बनाये जाएंगे,
  • 1 लाख 20 हजार किसानों को स्प्रिंकलर व मिनी स्प्रिंकलर दिए जाएंगे,
  • 120 फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाईजेशन (FPO) का गठन किया जायेगा, जिसके उत्पादों की क्लीनिंग, ग्राइंडिंग एवं प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो सके |

राज्य में ड्रिप एवं फव्वारा सिंचाई प्रणाली की उपयोगित को देखते हुए आगामी 3 वर्षों में लगभग 4 लाख 30 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया जायेगा | साथ ही फर्टिगेशन एवं ऑटोमेशन आदि तकनीकों को भी व्यापक प्रोत्सहन दिया जायेगा | इसके लिए सरकार ने 732 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान प्रस्तावित किया है |

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स्थापित किये जाएंगे मिनी फ़ूड पार्क

कृषि जिंसो एवं उनके प्रोसेस्ड उत्पादों के व्यवसाय व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक जिले में चरणवद्ध रूप से मिनी फ़ूड पार्क स्थापित किये जाएंगे | आगामी वर्ष में पाली, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सवाई माधोपुर, करौली, बीकानेर एवं दौसा जिलों में 200 करोड़ रुपये की लागत से मिनी फ़ूड पार्क बनाये जायेंगे | साथ ही मथानिया-जोधपुर में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से मेगा फ़ूड पार्क की स्थापना की जाएगी |

ज्योतिबा फूले कृषि उपज मंडी की स्थापना

किसानों को उनकी उपज के विपणन व बेहतर मूल्य दिलाये जाने के लिए आंगणवा-जोधपुर में आधुनिक सुविधा युक्त 60 करोड़ रुपयों की लागत से ज्योतिबा फूले कृषि उपज मंडी स्थापित की जाएगी |

खोले जायेंगे किसान सेवा केंद्र

किसानों को विभिन्न प्रकार की सेवाएँ देने के उद्देश्य से आगामी 3 वर्षों में 125 करोड़ रुपये की लागत से भारत निर्माण राजीव गाँधी सेवा केन्द्रों में 1 हजार किसान सेवा केन्द्रों का निर्माण करवाया जायेगा | इसके लिए कृषि पर्यवेक्षकों के 1 हजार नए पद भी सृजित किये जाएंगे |

नहीं बढेंगी बिजली की दरें, बनाई जाएगी कृषि विद्युत वितरण कंपनी

5 सालों के लिए बिजली दरें न बढे इसके लिए सरकार ने इस वर्ष 12 हजार 700 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही हैं तथा आगामी वर्षों के लिए भी 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान प्रस्तावित है | खेती हेतु पर्याप्त बिजली की उपलब्धता, बिजली खरीद में पारदर्शिता व अच्छे वित्तीय प्रबन्धन के लिए नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणा की गई |

ग्रामीण कृषि उपभोक्ताओं जिनक बिल मीटर से आ रहा है उनको सर्कार प्रतिमाह 1 हजार रुपये तक व प्रतिवर्ष अधिकतम 12 हजार रुपये तक की राशि दिए जाने की घोषण की गई | इस पर 1 हजार 450 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय संभावित है | 150 यूनिट तक बिजली के बिल अब प्रत्येक माह के स्थान पर अब 2 माह में भेजे जायेंगे |

50 हजार किसानों को दिए जाएंगे सोलर पम्प

किसानों को निरंतर बिजली मिल सके, इसके लिए 50 हजार किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध करवाए जाएंगे इसके आलवा 50 हजार किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे इसके अलावा कटे हुए कृषि कनेक्शन को फिर से शुरू किया जायेगा |

किसानों के लिए अन्य योजनाएं

  • राज्य की कृषि उपज मंडी समितियों में सड़क निर्माण, अन्य आधारभूत संरचना विकसित करने तथा मंडियों को ऑनलाइन करने हेतु आगामी तीन वर्षों में एक हजार करोड़ रुपये की लागत कार्य किये जायेंगे |
  • खेती की लागत कम करने तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जीरो बजट प्राकृतिक खेती योजना शुरू की थी | इसके अंतर्गत आगामी तीन वर्षों में 60 करोड़ रुपये खर्च कर 15 जिलों के 36 हजार किसानों को लाभान्वित किया जायेगा |
  • कृषि कार्य में समय की बचत तथा खेती की लागत कम करने के उद्देश्य से लघु एवं सीमांत किसानों को उच्च तकनीक के कृषि उपकरण किराये पर उपलब्ध करवाने हेतु PPP मोड पर GSS एवं एनी जगहों पर एक हजार कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्तःपना करना प्रस्तावित है | इस पर 20 करोड़ रुपये की लागत संभावित है |
  • वर्ष 2021-22 में 100 पैक्स/ लैम्प्स में प्रत्येक में 100 मीट्रिक तन क्षमता के गोदाम का निर्माण करवाया जायेगा | इस पर 12 करोड़ रुपये का व्यय होगा |
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कृषि ऋण को लेकर बजट में क्या है

जो किसान कर्ज माफी से वंचित रह गए हैं, उन किसानों को भी अपने बजट में राहत देने की घोषणा की है। ऐसे किसानों की ओर से कॉमर्शियल बैंकों से लिया गया कर्ज वन टाइम सैटलमेंट के जरिए कर्ज माफ करने की घोषणा की है। इस साल 16 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त फसली कर्ज दिया जाएगा। 3 लाख नए किसानों को कर्ज मिलेगा, इस योजना में पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी शामिल किया जाएगा।

पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र के लिए बजट में प्रावधान

बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञानं विश्वविद्यालय तथा शररे कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर में डेयरी विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी | बस्सी-जयपुर में डेयरी व खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है | साथ ही डूंगरपुर, हिंडौली-बूंदी एवं हनुमानगढ़ में नवीन कृषि महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी |

दूध उत्पदान को बढ़ावा देने व उत्पादकों की सहूलियत के लिए राजसमन्द में स्वतंत्र रूप से नए दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के गठन किया जायेगा | वर्ष 2021-22 के लिए राज्य में नए दुग्ध संकलन रूट प्रारंभ करने के साथ ही जिला दुघ्ध संघों में संचालित 1 हजार 500 दुग्ध संकलन केन्द्रों को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहाकरी समितियों के रूप में पंजीकृत किया जाना प्रस्तावित है |

पशुपालकों को घर पर ही दी जाएगी चिकित्सा सेवा

राज्य की गोशालाओं व पशुपालकों को उनके घर पर ही आपातकालीन पशु चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए 108 एम्बुलेंस की तर्ज पर “102-मोबाइल वेटेनरी सेवा” शुरू की जाएगी जिस पर 48 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा |

  • पशु चिकित्सा सेवाओं को सुद्रढ़ एवं आधुनिक बनाने हेतु प्रत्येक पशु चिकित्सालय में राजस्थान पशु चिकित्सा रिलीफ सोसाइटी का गठन किया जायेगा |
  • प्रत्येक ब्लॉक में नंदी शाला की स्थापना की जाएगी | नंदी शालाओं को 1 करोड़ 50 लाख रुपये के मॉडल के आधार पर बनाया जाना प्रस्तावित है | इस हेतु आगामी वर्ष 111 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी |
  • प्रदेश के प्रगतिशील किसानों की तरह ही, प्रगतिशील पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समाहरोह आयोजित किये जायेंगे |

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