देश के सबसे प्रमुख और बड़े कृषि मेले का आयोजन 22 फ़रवरी से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में किया जाएगा। “पूसा कृषि विज्ञान मेला (PKVM) 2025″ का आयोजन दिनांक 22 फ़रवरी से 24 फ़रवरी 2025 के दौरान 3 दिनों के लिए किया जाएगा। 22 फ़रवरी के दिन मेले के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। कृषि विज्ञान मेले में किसानों को कृषि की नई तकनीकों से अवगत कराने के साथ ही संस्थान द्वारा विकसित नई उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराये जाएँगे।
पूसा संस्थान द्वारा विभिन्न फ़सलों की उन्नत किस्मों और बायो-फ़ोर्टिफ़ाइड किस्मों का विकास किया गया है, जो उच्च उत्पादकता के साथ बेहतर पोषण सुरक्षा भी प्रदान करती है। वर्ष 2024 के दौरान संस्थान द्वारा 10 विभिन्न फसलों में कुल 27 नई किस्मों का विकास किया गया है। जिनमें गेहूं की 7 किस्में, चावल की 3, संकर मक्का की 8, संकर बाजरा की 1, चना की 2, अरहर की 1 संकर किस्म, मूंग दाल की 3, मसूर की 1, डबल जीरो सरसों की 2 और सोयाबीन की 1 किस्म शामिल है।
संस्थान द्वारा विकसित धान की उन्नत किस्में
पूसा संस्थान ने बासमती धान उत्पादन और व्यापार में श्रेष्ठ क़िस्मों के विकास के माध्यम से विशाल योगदान दिया है। पूसा बासमती धान की किस्मों में पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1509 और उन्नत बासमती धान की किस्में जिनमें बैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता है।
जैसा की PB 1847, PB 1885 और PB 1886, 2023-2024 में भारत से 5.2 मिलियन टन बासमती धान के निर्यात से 48.389 करोड़ रुपये की आय में लगभग 90 प्रतिशत योगदान करती हैं। ठीक उसी तरह अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक पूसा बासमती धान से निर्यात आय 31,488 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
संस्थान द्वारा दो छोटे अवधी की धान की किस्में, पूसा 1824 और पूसा 2090 विकसित की गई हैं जो बाद में रबी की फसल के खेतों की तैयारी के लिए पर्याप्त समय प्रदान करती हैं। पूसा RH 60 एक उच्च उपज वाली, छोटी अवधि वाली, सुगन्धित धान की संकर किस्म है जिसमें लंबे पतले दाने होते हैं, जो बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए सबसे उपयुक्त है। पूसा KN 1 और पूसा CRD KN2 उन्नत कालानमक धान की किस्में हैं जिनमें बेहतर प्रतिरोधक क्षमता और उच्च उपज, जो उत्तर प्रदेश के लिए अनुशंसित की गई है।
संस्थान द्वारा विकसित की गई बायो-फोर्टीफाइड
पूसा के अनुसंधान कार्यक्रम ने पोषण सुरक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है और 8 बायो-फोर्टीफाइड किस्मों का विकास किया है। एक गेहूं की किस्म HI 1665 और ड्यूरम गेहूं की किस्म, एचआई 66 PPM, प्रोविटामिन ए (6.22 PPM), उच्च लाइसीन (4.93%) और ट्रिफ़्टोफैन (1.01%) से समृद्ध किया गया है। पूसा बायो-फोर्टीफाइड मक्का संकर 4 को उच्च प्रोविटामिन A, लाइसीन, ट्रिफ़्टोफैन से बायो-फोर्टीफाइड किया गया है। पूसा पॉपकॉर्न संकर-1 और संकर-2 उच्च पॉपिंग प्रतिशत और बटरफ्लाई प्रकार के पॉप किए गए फ्लेक्स प्रदान करते हैं, जो एनडबल्यूपी जेड और पीजेड क्षेत्रों के लिए अनुशंसित हैं। पूसा एचएम 4 मेल स्टीराइल बेबी कॉर्न-2 एक मेल स्टीराइल आधारित संकर है, जिसे एनईपीजेडपीजेड और डबल्यू जेड क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है।
सरसों और चना की उन्नत किस्में
संस्थान द्वारा दो डबल जीरो सरसों की किस्में पूसा सरसों 35 और पूसा सरसों 36 विकसित की गई हैं। जिनमें एरूसिक अम्ल और ग्लूकोसिनोलेट्स कम होते हैं। समय पर बोई गई सिंचित परिस्थितियों में उच्च उपज प्रदान करती हैं, जो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के लिए उपयुक्त है। पूसा 1801 (MH 2417) बाजरा की एक द्विउद्देशीय क़िस्म (अनाज और चारा) है। जो लोहा (70PPM) और जिंक (57PPM) से युक्त बायो-फोर्टीफाइड किस्म हैं। यह कई रोगों के प्रति प्रतिरोधक है और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त है।
चने की किस्म पूसा चना विजय 10217 उच्च उपज वाली किस्म है, जो फ़्यूजोरियम विल्ट के प्रति रोधक है और उत्तर प्रदेश में सिंचित परिस्थितियों के लिए अनुशंसित है। चने की किस्म पूसा 3057 में उच्च प्रोटीन (24.3%) है और यह कई रोगों, जैसे फ़्यूजोरियम विल्ट (उकठा), कॉलर रॉट (तना गलन) और ड्राई रूट रॉट (जड़ गलन) के प्रति प्रतिरोधक है। यह पोड बोरर (फली बेधक सुंडी) के प्रति भी मध्यम प्रतिरोधक है और इसके बीज आकर्षक रंग और बड़े आकार के होते हैं।
अरहर की किस्म पूसा अरहर हाइब्रिड-5 उच्च उपज वाली किस्म है (औसतन 23.35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक, और संभावित उपज 25.46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) जो एसएमडी, फ़ाइटोफोथोरा स्टेम ब्लाइट, मैक्रोफ़ोमिना ब्लाइट (अंगमारी) और अल्टरनेरिया लीफस्पॉट (पत्ती धब्बा रोग) के प्रति प्रतिरोधक है, और यह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
पूसा कृषि विज्ञान मेला कहाँ आयोजित किया जाएगा?
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा, नई दिल्ली द्वारा साल में एक बार कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसकी राह किसान बेसब्री से देखते हैं। इस बार भी यह कृषि मेला 22, 23 और 24 फ़रवरी 2025 के दौरान 3 दिनों के लिए लगाया जाएगा। मेले का आयोजन मेला ग्राउंड, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में किया जाएगा। जिसमें देशभर के किसान हिस्सा ले सकते हैं। मेले की अधिक जानकारी के लिए किसान 011-25841039, 1800118989 पर या संस्थान की मेल आईडी [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं। वहीं कृषि विज्ञान मेले से संबंधित विस्तृत जानकारी iari.res.in पर भी देखी जा सकती है।