आज के समय में किसान साल में तीन फसलें लेने लगे हैं, जिसमें गर्मी में मक्के की खेती कर किसान ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 जून के दिन जनता महाविद्यालय, अजीतमल, जनपद औरैया में विकसित कृषि संकल्प अभियान में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मक्का किसान सम्मेलन में किसानों से संवाद किया साथ ही प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों को बीज मिनी किट तथा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक, प्रमाण पत्र तथा स्वीकृति पत्र आदि प्रदान किए। इसके पहले उन्होंने कृषि उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन तथा बच्चों का अन्नप्राशन किया। उन्होंने जनता इंटर कॉलेज परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम” कार्यक्रम के तहत पौधरोपण भी किया।
मक्के की खेती से किसान कमा रहे हैं मुनाफा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद औरैया के किसानों की सक्सेस स्टोरी को सुना और किसानों की मेहनत को खेतों में मक्के रूप में लहलहाते हुए देखा। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश का किसान एक या दो फसलों तक सीमित रह जाता था। आज उसी प्रदेश में दो फसलों के अतिरिक्त तीसरी फसल मक्का का उत्पादन कर किसान मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि बहुत ही शीघ्र मक्का के क्रय केंद्र स्थापित कर MSP की घोषणा की जाएगी।
मक्के की फसल से किसान कर रहे हैं लाखों रुपए की कमाई
उन्होंने कहा कि मक्का किसानों की कैश क्रॉप है। एक किसान प्रति हेक्टेयर ढाई लाख रुपए की आमदनी कर रहा है। प्रति एकड़ किसानों को एक लाख रुपये की आमदनी प्राप्त हो रही है। किसान अब तीन-तीन फसलें बो सकता है। मक्के के बाद आलू, आलू के बाद धान की खेती की जा सकती है। यही कौशल है। उन्होंने कहा कि मक्का एक पौष्टिक आहार है। इसके अंतर्गत स्वीट कॉर्न तथा बेबी कॉर्न आदि सम्मिलित है। मक्का से बायो फ्यूल तथा बायो प्लास्टिक भी बनाई जा सकती है।
1 लाख किसानों को दिए गए सोलर पम्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अन्नदाता किसानों को राहत देते हुए 15 लाख निजी ट्यूबवेलों को निःशुल्क बिजली उपलब्ध करायी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा यह खर्च स्वयं उठाते हुए बिजली विभाग को 2,700 करोड़ रुपए की धनराशि का भुगतान किया गया है। अब तक 1 लाख से अधिक किसानों को पीएम कुसुम योजना के माध्यम से सोलर पैनल उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपए का कर्जमाफी कार्यक्रम आगे बढ़ाया गया। कर्ज माफी के बाद प्रदेश में सिंचाई की क्षमता में वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का सहारा लिया गया। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना तथा बाण सागर परियोजना आदि के माध्यम से अब तक 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गई है।