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शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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दुनिया का पहला इफको नैनो तरल यूरिया का उत्पदान हुआ शुरू, किसानों की लिए निकला पहला ट्रक

इफको तरल नैनो यूरिया का उत्पादन

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने नैनो तरल यूरिया Liquid Urea का उत्पादन शुरू कर दिया है | 5 जून पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली में इफको के प्रबन्ध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने इसकी जानकारी दी है | नैनो यूरिया दाने वाले यूरिया की जगह लेगा जिसे किसान पहले से उपयोग करते आ रहे हैं | 

नैनो यूरिया को पहली बार 31 मई 2021 को दिल्ली में हुई प्रतिनिधि महासभा के 50वीं. वार्षिक आमसभा की बैठक में दुनिया के सामने लाया गया | अब इस उत्पाद का किसानों के लिए उत्पादन शुरू कर दिया गया है | नैनो यूरिया का पहला उत्पादन उत्तर प्रदेश तथा गुजरात राज्य के किसानों को मिलेगा |

नैनो लिक्विड तरल यूरिया का उत्पादन कहाँ हो रहा है ? 

पर्यावरण दिवस पर IFFCO ने जानकारी दी कि गुजरात के कलोल एवं उत्तर प्रदेश के आंवला और फूलपुर की इफको की इकाईयों में नैनो यूरिया संयंत्र के निर्माण की प्रकिया पहले ही शुरू किया जा चूका है | 5 जून पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली में इफको के प्रबन्ध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने जानकारी दी है की लिक्विड तरल यूरिया का पहला ट्रक किसानों को आपूर्ति के लिए डिस्पेच भी किया जा चूका है | प्रथम चरण में 14 करोड़ बोतलों की वार्षिक उत्पादन क्षमता विकसित की जा रही है | दुसरे चरण में वर्ष 2023 तक अतिरिक्त 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा | इस प्रकार वर्ष 2023 तक ये 32 करोड़ बोतलें संभवत: 1.37 करोड़ टन यूरिया की जगह लेंगी |

नैनो तरल यूरिया का रेट क्या है ?

तरल (Liquid) नैनो यूरिया अभी बाजार में नहीं आया है, लेकिन IFFCO ने किसानों के लिए नैनो यूरिया का मूल्य 500 मि.ली. के बोतल के लिए 240 रुपये निर्धारित किया है जोकि बोरी में आने वाली यूरिया से लगभग 11 प्रतिशत कम है | यूरिया की एक बोरी (45 किलोग्राम) 266 रूपये में आती है |

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देश में यूरिया की खपत कितनी है ?

देश में उपयोग होने वाले उर्वरकों में यूरिया का स्थान पहले नंबर पर है | देश में नाईट्रोजन खपत में 82 प्रतिशत स्थान यूरिया का है | यूरिया की खपत साल दर साल बढती जा रही है | वर्ष 2020–21 के दौरान यूरिया की खपत 3.7 करोड़ टन तक पहुँचने की उम्मीद है | एक सवाल के जवाब में रसायन और उर्वरक मंत्री श्री सदानन्द गौंड ने बताया था कि वर्ष 2019–20 में देश में 33.526 मिलियन टन यूरिया की खपत है | इसमें से 24.45 मिलियन टन यूरिया का उत्पादन किया जाता है जबकि 9.123 मिलियन टन आयात किया जाता है |

इफको ने यह उम्मीद जताई है की नैनो यूरिया के आने से दाने वाली यूरिया के उपयोग में कमी आयेगी | IFFCO का लक्ष्य है दाने वाले यूरिया के उपयोग में 50 प्रतिशत की कमी करना है | वर्ष 2023 तक 13.7 मिलियन टन दानेदार यूरिया के बराबर नैनो यूरिया लाया जाएगा |

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