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गुरूवार, अप्रैल 18, 2024
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देसी मांगुर मछली का इस तरह करें उत्पादन, होगी लाखों की आमदनी

मांगुर मछली उत्पादन

किसानों के लिए मछली पालन एक मुनाफे का जरिया बन गया है, मछली पालन से किसान कम क्षेत्र में अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं | इसके साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं | मछली पालन के लिए इच्छुक व्यक्तियों को मौसम, जलवायु एवं मिट्टी और पानी को ध्यान में रखते हुए सही मछली का चुनाव करना जरुरी रहता है | किसान समाधान देसी मांगुर मछली के उत्पादन की जानकारी लेकर आया है |

देसी मांगुर जिसका वैज्ञानिक नाम क्लैरियस मांगुर है, मूल रूप से यह मीठे पानी की कैटफ़िश की एक प्रजाति है | कम गहराई तथा कम आक्सीजन में मांगुर मछली पालन अच्छे से किया जा सकता है | मांगुर मछली में प्रोटीन तथा लौह तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है जबकि वसा कम पाया जाता है | बाजार में अधिक मांग रहने के कारण किसानों तथा ग्राहक के बीच मछली की इस प्रजाति की अच्छी मांग है |

क्यों लाभकारी है मांगुर मछली पालन

मांगुर मछली पालन से किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलता है |

  • उथले, दलदली, कम पानी तथा प्रतिकूल पर्यावरणीय स्थिति में भी बढने की क्षमता,
  • कम घुलित आँक्सीजन वाले जल क्षेत्र में भी पालन संभव,
  • बाजार में मांग अधिक,
  • कार्प मछलियों की तुलना में बाजार मूल्य दर अधिक है,
  • सरल मछली प्रबंधन व अपेक्षाकृत कम लागत |

मांगुर मछली पालन के लिए तालाब निर्माण

तालाब निर्माण से पहले इच्छुक व्यक्ति को पानी का परिक्षण करा लेना चाहिए, जिससे उसकी उत्पादकता शक्ति व जल धारण क्षमता का पता चल सके | तालाब के लिए क्ले सिल्ट या दोमट मिट्टी, जिसका पी-एच मान 7 से 8 हो का चयन करना उचित रहता है | तालाब पर आवागमन के साधन उपलब्ध होना चाहिए, जिससे बीज, खाद, खाद्य सामग्री एवं अन्य उपकरण आसानी से पहुँच सकें | तालाब का क्षेत्र प्रदुषण तथा बाढ़ से मुक्त होना चाहिए |तालाब ऐसी विधि से तैयार किया जाए जिससे आवश्यकता पड़ने पर उसका पूरा पानी निकाला व भरा जा सके | मांगुर पालन के लिए 0.02 से 0.1 हैक्टेयर क्षेत्रफल का तालाब पर्याप्त रहता है |

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पानी की गुणत्ता

पानी प्रचुर मात्रा में तथा अच्छी गुणवत्ता वाला होना चाहिए | पानी का पी–एच मान 7 से 8.5 तथा तापमान 27 से 31 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए | पारदर्शिता 35 से 40 से.मी. तथा घुलित आँक्सीजन की मात्रा 5 से 7 मि.ग्रा. प्रति लीटर होनी चाहिए | तालाब में 0.75 से 1 मीटर तक पानी की गहराई उपयुक्त मानी जाती है | वायुश्वासी होने के कारण देसी मांगुर मछली कम पानी वाले तथा उथले जल क्षेत्र, जिनमें घुलित आँक्सीजन कम होती है, में भी सुगमता से रह सकती है तथा बढ़ सकती है |

मांगुर मछली के लिए आहार

सामान्यत: मांगुर मछलियाँ मांसाहारी होती है | पालन प्रणाली में पूरक आहार हेतु इन्हें सूखी हुई मछलियाँ, मछलियों का चूरा, सरसों की खली, चावल का कना आदि दिया जाता है | ये सूक्ष्म केंकड़ा वंशी प्रणालियों, कीट–पतंगों तथा अन्य प्रकार के लार्वा भी खाती है | सूखी मछलियों में 30 से 32 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जो मांगुर के विकास के लिए सबसे अच्छा माना जाता है | बाजरा में उपलब्ध मांगुर आहार भी उपयोग किए जा सकते हैं | यह आहार पानी में स्थिर रहने वाला, मांगुर के लिए संतुलित तथा जल को प्रदूषित न करने वाला होना चाहिए | शिशुओं को आहार दिन में दो बार, शरीर के भार का 3 से 5 प्रतिशत दिया जाता है |

मांगुर शिशु की प्राप्ति

मांगुर मछली दलदली बिलों तथा धान के खेतों में वर्षा काल में प्रजनन करती है | इसके बीज संग्रहण का सही समय शीतकाल से पूर्व का है | इसके शिशु को तालाबों व पानी से भरे छोटे गड्ढों से प्राप्त किए जा सकते हैं | मांगुर के सफल प्रेरित जनन के बाद भी इनके बीजों को विभिन्न राज्यों जैसे–पश्चिम बंगाल, असम, बिहार आदि से रेल अथवा अन्य साधनों द्वारा मंगवाया भी जा सकता है |

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संचय तालाब में अंगुलिकाओं का हस्तांतरण

तालाब तैयारी के 8 से 10 दिनों बाद मांगुर अंगुलिका या शिशु, जो 3 से 5 ग्राम के हों, को छोटे या बड़े तालाबों में स्थानांतरित किया जाता है | शिशुओं को तालाब में स्थांतरित करने से पूर्व इसका अनुकूलन आवश्यक है | इसके लिए शिशुयुक्त पैकेट को तालाब में 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ा जाता है | पैकेट का बाद में मुंह खोलकर शिशुओं को तालाब में धीरे–धीरे प्रवाहित किया जाता है | मांगुर पालन के लिए 50,000 से 70,000 प्रति हैक्टेयर शिशुओं की आवश्यकता होती है |

उत्पादन

अनुकूल परिस्थितयों में मांगुर 10 से 12 माह में 100 से 150 ग्राम भार प्राप्त कर लेती है | समय–समय पर इन मछलियों की वृद्धि व स्वास्थ्य की जाँच करते रहना आवश्यक होता है | विकसित मछलियों को संचय तालाब में छोटे जाल चलाकर अथवा तालाब से पानी की पूर्ण निकासी करके पकड़ा जा सकता है |

फुटकर बाजार में मांगुर का मूल्य 500 से 600 रुपये प्रति किलोग्राम तक मिल जाता है | मछली पालक एक हैक्टेयर के तालाब से 2 से 3 टन मांगुर उत्पादन करके औसतन 8 लाख रुपये तक का शुद्ध लाभ अर्जित कर सकते हैं |

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