चना,मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद
केंद्र सरकार प्रति वर्ष देश के सभी किसानों के लिए 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करता है | फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों की बुआई से पहले जारी किया जाता है | न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करने का मकसद यह रहता है की किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन से अधिक मूल्य मिल सकें |
न्यूनतम समर्थन मूल्य का मतलब यह भी रहता है की किसी किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य मिल रहा है तो उसे सरकार खरीदेगी| इस वर्ष केंद्र सरकार ने सरसों का 4200 रुपया, चना का 4620 रुपया तथा मसूर का 4450 रुपया घोषित किया है | प्रत्येक वर्ष अलग – अलग राज्यों के द्वारा किसानों से रबी फसल की खरीदी करती है | राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के किसान कैसे और कब बेच सकेगें |
इसी क्रम में राज्य सरकार ने अपने – अपने राज्य के किसानों को रबी फसल को खरीदी शुरू कर रही है | इसके लिए किसान को पंजीयन कराना जरुरी रहता है | जो 15 जनवरी से शुरू कर दिया गया था और अब भी जारी है | जिस किसान ने अपने – अपने राज्यों में रबी फसल को बेचने के लिए पंजीयन करा चुके हैं तो उसकी खरीदी 25 मार्च से बेच सकते हैं |
मध्यप्रदेश
प्रदेश में रबी वर्ष 2018 की रबी उपज चना, मसूर और सरसों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन 25 मार्च से 90 दिन तक किया जायेगा | केंद्र शासन ने तीनों जिंसों की कुल 15 लाख 62 हजार 500 मीट्रिक टन खरीदी का अनुमोदन प्रदान किया है | इसमें अधिकतम 11 लाख 48 हजार 750 मीट्रिक टन चना, एक लाख 69 हजार 750 मीट्रिक टन मसूर तथा अधिकतम 2 लाख 44 हजार मीट्रिक टन सरसों शामिल है | इस बार खास बात है की सरकार किसानों को फसल खरीदने के बाद 3 दिन में भुगतान कर देगी |
राजस्थान
राज्य में अलग – अलग जिलों में रबी फसल अलग – अलग समय आने के कारण राज्य सरकार ने खरीदी का समय भी अलग – अलग घोषित किया है | कोटा संभाग में फसल जल्दी आने के कारण सरसों की खरीदी 15 मार्च तथा चने की खरीदी 25 मार्च खरीदी करेगी | कोटा को छोड़ बाकि सभी संभ्गों में सरसों तथा चना की खरीदी 1 अप्रैल से किया जायेगा |
सरकार इस वर्ष 9 लाख मीट्रिक टन सरसों , 5.50 मीट्रिक टन चना की खरीदी का लक्ष्य रखा है | इस बार खास बात यह है की सरसों तथा चना की खरीदी 90 दिनों तक किया जायेगा | कुछ दिनों में राजस्थान सरकार किसानों की सरसों तथा चना खरीदी के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू किया जायेगा |