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प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की अटल भू-जल योजना, 7 राज्यों के 8,350 गाँव के लोगों को होगा लाभ

अटल भू-जल योजना की शुरुआत

भूमि के अंदर घटते हुए जल स्तर के कारण देश में गहरा जल संकट पैदा हो गया है | भूजल का स्तर कम होने के कारण अलग–अलग प्रदेशों में पीने के पानी का संकट गहराता जा रहा है | एक तरफ कृषि कार्यों के लिए पानी की ज्यादा जरूरत है तो दूसरी तरफ लोगों को पीने के लिए भी पानी की कमी होते जा रही है |

भूजल का स्तर बढ़ाने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने अटल भूजल योजना की शुरुआत की है | इसका मकसद यह है कि 7 राज्यों के 8,350 गांवों में भूजल का स्तर को बढ़ाना है | जिससे सभी को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके | योजना का उदघाटन करते हुए  प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित किया है |

प्रधानमंत्री की मुख्य बातें

जल प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन करने में ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जल योजना में एक प्रावधान किया गया है, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अधिक आवंटन दिया जाएगा | उन्होंने कहा है कि 70 वर्षों में , 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3 करोड़ के पास पाइप जलापूर्ति की सुविधा पहुँच पाई है | अब हमारी सरकार ने पाइप के जरिए अगले 5 वर्षों में 15 करोड़ घरों में पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा पहुँचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है |

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जल संबंधित योजनाएं प्रत्येक ग्राम स्तर पर स्थिति के अनुसार बनाई जानी चाहिए | उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए दिशा – निर्देश तैयार करते बनाई जानी चाहिए | जल जीवन मिशन के लिए दिशा – निर्देश तैयार करते समय इस पर ध्यान दिया गया है | केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारें दोनों ही अगले 5 वर्षों में जल संबंधित योजनाओं पर 3.5 लाख करोड़ रूपये व्यय करेगी | प्रत्येक गावों के लोगों से एक जल कार्य योजना बनाने और एक जल निधि सृजित करने का अनुरोध किया | किसानों को एक जल बजट बनाना चाहिए, जहाँ भूजल बहुत कम है |

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जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने क्या कहा ?

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहाकि अटल भूजल योजना के तहत सरकार देश के प्रत्येक घर को पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है | उन्होंने यह भी कहा कि हम मुख्य रूप से भूजल पर निर्भर है और यह देश में पीने की आवश्यकताओं के 85 प्रतिशत की पूर्ति कर रहा है | उन्होंने कहा कि भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए कदम उठाने की नितांत आवश्यकता है |

अटल भूजल योजना (अटल जल) का क्रियान्वयन

भूजल की रुपरेखा सहभागी भूजल प्रबंधन के लिए संस्थागत संरचना को सुद्दिढ करने तथा सात राज्यों अर्थात गुजरात, हरियाणा कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में टिकाऊ भूजल संसाधन प्रबंधन के लिए समुदाय स्तर पर व्यवहारगत बदलाव लाने के मुख्य उद्देश्य के साथ बनाई गई हैं | इस योजना के कार्यन्वयन से इन राज्यों के 78 जिलों में लगभग 8350 ग्राम पंचायतों को लाभ पहुँचने की उम्मीद है | अटल जल मांग पक्ष प्रबंधन पर मुख्य जोर के साथ पंचायत केन्द्रित भूजल प्रबंधन और व्यवहारगत बदलाव को बढ़ावा देगी |

अटल भू-जल योजना पैसा कहाँ से खर्च किया जायेगा ?

5 वर्षों (2020–21 से 2024-25) की अवधि में क्रियान्वित किए जाने वाले 6,000 करोड़ रूपये के कुल परिव्यय में से 50 प्रतिशत विश्व बैंक ऋण के रूप में होगा और उनका पुनर्भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा किया जाएगा | शेष 50 प्रतिशत का भुगतान नियमित बजटीय समर्थन से केन्द्रीय सहायता द्वारा किया जाएगा | विश्व बैंक ऋण का समस्त घटक और केन्द्रीय सहायता राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाएगी |

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अटल भूजल योजना की मुख्य बातें

  1. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 13/08/2019 को 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यन्वयन घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध करने के लिए जल जीवन (जेजेएम) को मंजूरी दी |
  2. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, देश के 17.87 करोड़ ग्रामीण घरों में से , लगभग 14.6 करोड़ में जो 81.67 प्रतिशत हैं, उनमें अभी भी घरेलू पानी के नल कनेक्शन नहीं है | कुल परियोजना लागत लगभग 3.60 लाख करोड़ रूपये होने का अनुमान है | केन्द्रीय हिस्सा 2.08 लाख करोड़ रूपये होगा | हिमाचल और पूर्वोतर राज्यों के लिए निधि साझा करने की पद्धति 90:10 होगी | अन्य राज्यों के लिए 50:50 होगी और केन्द्रीय प्रदेश के लिए 100 प्रतिशत होगी |
  3. जेजेयेम का उद्देश्य पर्याप्त मात्रा में यानि नियमित आधार पर प्रति व्यक्ति 55 लिटर प्रति दिन (एलपिसीदी) निर्धारित गुणवत्ता का हो यानि आईएस के बीआईएस मानक 10500 का पिने का पानी उपलब्ध करना है |

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