पॉवर टिलर कृषि मशीन
देश में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या अधिक होने एवं जोतों का आकार कम होने के कारण ट्रेक्टर जैसे कृषि यंत्र सभी किसान नहीं ले सकते हैं | छोटे और अलग-अलग स्थानों पर खेत होने के कारण कृषि में मशीनों के उपयोग में किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है | देश में किसानों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है की सभी किसान ट्रेक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर जैसे बड़े और महंगे कृषि यन्त्र नहीं खरीद सकते हैं | ऐसे किसानों के लिए पॉवर टिलर एक छोटा और सस्ता कृषि यंत्र उपलब्ध है | जिसका उपयोग खेती के कई कार्यों में किया जा सकता है |
पॉवर टिलर कृषि मशीन से किये जा सकने वाले कृषि कार्य
हल्के वजन तथा दो व्हील होने के कारण आसानी से खेत के मेड़ों पर भी लेकर चला जा सकता है | इसका उपयोग पानी भरे खेतों, पडलिंग, सूखे खेत की जुताई, समतलीकरण, बुआई, रोपाई, कीटनाशक छिडकाव, निंदाई-गुड़ाई, खेत में पानी पम्प करना, फसल कटाई, फसल ढुलाई आदि जैसे कई कार्य किये जा सकते हैं |
पॉवर टिलर कितने प्रकार के होते हैं ?
कृषि कार्यों में उपयोग के अनुसार बाजार में अलग-अलग हार्स पॉवर के पॉवर टिलर मौजूद हैं | इसमें मिनी पॉवर टिलर जो कि 9 एचपी तक होता है का उपयोग छोटे बगीचे एवं किचन गार्डन में आसानी से किया जा सकता है | वहीँ मध्यम आकार के टिलर जो की 9 से 14 हार्स पॉवर तक होता है का उपयोग छोटे खेत में हल्की जुताई एवं अन्य कृषि कार्यों में किया जा सकता है | इसके आलवा बड़े पॉवर टिलर भी बाजार में मौजूद हैं जो 20 हार्स पॉवर तक के होते हैं का उपयोग लगभग सभी प्रकार के कृषि कार्यों में आसानी से किया जा सकता है |
ट्रेक्टर की तुलना में पॉवर टिलर से लाभ
- पॉवर टिलर ट्रेक्टर की तुलना में काफी सस्ता होता है एवं उन जगहों में आसानी से कार्य कर सकता है जहाँ ट्रेक्टर नहीं पहुँच सकता |
- ट्रेक्टर की तुलना में इसमें ईंधन की खपत कम होती है जिससे कृषि की लागत कम की जा सकती है |
- जहाँ खेती के कार्यों में श्रमिक कम है वहां यह अधिक उपयोगी होता है | छोटा होने के चलते इसका उपयोग, पहाड़ी, पठारी और छोटे जोत वाले किसानों के बीच अधिक किया जाता है |
पॉवर टिलर के साथ यह कृषि यंत्र लगाकर करें बुआई से लेकर कटाई तक के कार्य
वैसे तो पॉवर टिलर इंजन, ट्रांसमिशन, गियर, क्लच, ब्रेक और रोटरी के साथ आता है परन्तु इसके साथ अलग-अलग कृषि कार्यों के लिए अलग-अलग प्रकार के कृषि यंत्रों को जोड़ कर बुआई से लेकर कटाई एवं फसल ढुलाई का काम भी आसानी से कर सकते हैं |
रोटरी हल इकाई :-
रोटरी हल इकाई का प्रयोग सूखे तथा हल्की नमी वाले खेतों की जुताई में किया जाता है | यह झाड़ियाँ तथा खरपतवार को खत्म करने में काम आता है | इसका उपयोग रबी फसल की बुवाई में किया जाता है | इसके संचालन में 1.5 से 2.0 लीटर प्रति घंटे की दर से डीजल की खपत होती है |
केज व्हील :-
पावर टिलर के टायर के चक्कों को बदलकर केज व्हील लगाया जाता है | इसका उपयोग धान की खेती या फिर पानी भरे खेत की जुताई के लिए किया जाता है | केज व्हील से पॉवर टिलर खेत में आसानी से चलता है तथा मिट्टी को कर्षण बनाकर पडलिंग किया जाता है |
कल्टीवेटर इकाई :-
आमतौर पर इसमें पांच टाइन होते हैं | इससे हल्की से लेकर माध्यमिक जुताई की जा सकती है | जुताई के लिए टाइन को ऊपर या नीचे कर सकते हैं | इसके संचालन में लगभग 1.4 से 1.8 लीटर प्रति घंटे की दर से डीजल की खपत होती है |
रिज फरोवर :-
सब्जी, गन्ने या आलू की बुवाई के लिए किसान इस यंत्र का प्रयोग करते हैं | इस कृषि यंत्र से किसान पावर टिलर के सहयोग से मेड बना सकता है | इसका संचालन में 1.6 से 1.8 लीटर प्रति घंटे की दर से डीजल की खपत होती है |
भूमि समतलीकरण इकाई :-
खेत में पट्टा लगाने तथा मिट्टी के बड़े–बड़े ढेलों को छोटा करने के लिए इस कृषि यंत्र का प्रयोग किया जाता है | इसके उपयोग में 1.2 से 1.5 लीटर प्रति घंटे की दर से डीजल की खपत होती है |
बीज सह उर्वरक ड्रिल :-
बीज को निश्चित दुरी तथा गहराई पर रोपने के लिए इस कृषि यंत्र का उपयोग किया जाता है | इस कृषि यंत्र का उपयोग गेहूं, मूंगफली, सोयाबीन, चना आदि की बुवाई के लिए किया जाता है |
पम्प सेट :-
फसलों के सिंचाई के लिए पम्प सेट का प्रयोग किया जाता है | पॉवर टिलर पम्प सेट को एक जगह से दुसरे जगह ले जाने में काफी आसानी होती है | इसका प्रयोग कुआँ, तलाब, नदी से पानी को बाहर निकलने के लिए उपयोग किया जाता है | इसे संचालन में 1.2 से 1.4 लीटर प्रति घंटा डीजल की खपत होती है |
स्प्रेयर इकाई :-
इस कृषि यंत्र का प्रयोग कृषि फसलों तथा बागवानी में कीटनाशक या अन्य प्रकार के दवाईयों के छिडकाव के लिए किया जाता है | इस कृषि यंत्र की संचालन में 1.2 से 1.5 लीटर प्रति घंटे की दर से डीजल की खपत होती है |
आलू खुदाई यंत्र :-
खेत से आलू को निकालने के लिए बनाया गया है | इसको पॉवर टिलर के माध्यम से संचालित किया जाता है | इसको चलाने में 1.5 से 1.8 लीटर प्रति घंटा के दर से डीजल की खपत होती है |
रीपर इकाई :-
1 फीट से अधिक लम्बी फसलों की कटाई के लिए रीपर का प्रयोग किया जाता है | पावर टिलर से चलने वाले रीपर रबी तथा खरीफ दोनों प्रकार के फसलों की कटाई के लिए उपयोग किया जाता है | इसके संचालन में 1.5 से 1.8 लीटर डीजल की खपत होता है |
ट्राली :-
ट्रेक्टर की तरह ही पॉवर टिलर में ट्राली का उपोग किया जाता है | इसका आकर छोटा होता है तथा खेतों में समान ढोने के काम आता है | पावर टिलर ट्राली का उपयोग करने में 1.2 से 1.4 लीटर डीजल का खर्च होता है |
पॉवर टिलर की कीमत क्या है ?
इसकी कीमत की बात की जाए तो इसका दाम ट्रैक्टर की तुलना में काफी कम होता है। क्वालिटी और कंपनी के अनुसार इसके दाम अलग-अलग हो सकते हैं। बाज़ार में 14 हॉर्स पावर के पावर टिलर की कीमत 1.5 लाख रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक है | जो कम्पनी के अनुसार अलग-अलग हो सकती है | अलग-अलग राज्यों में सरकार द्वारा किसानों को पॉवर टिलर पर सब्सिडी भी दी जाती हैं | इसके लिए किसानों को पहले आवेदन करना होता है उसके बाद चयन होने पर किसान सब्सिडी पर पॉवर टिलर खरीद सकते हैं |
Is Yojana ka Labh kab milega
जी किस राज्य से हैं ? मध्यप्रदेश में अभी आवेदन चल रहे हैं पॉवर टिलर के लिए |
Bihar rajya me milne wali yojna k bare me bataiye
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Good morning 💖
जी सर क्या जानकारी चाहिए ?