फसलों के साथ पोपलर (Populus) वृक्ष की खेती
पोपलर (Populus) एक ऐसा वृक्ष है, जो जमीन की उत्पादकता बनाये रखते हुये 6 – 8 वर्षों में प्रति एकड़ करीब 2.0 लाख रूपये किसान को दे सकता है | पोप्लर सीधा तथा तेज बढने वाला वृक्ष है | कृषि वानिकी में इस वृक्ष का विशेष महत्व है, क्योंकि सर्दियों में इसके पत्ते गिर जाने से रबी की फसलों को नुकसान कम होता है | पोपलर का वृक्ष सीधा बढ़ता है, इसलिए इसकी छाया खरीफ फसलों को भी कम ही नुकसान करती है | पहले दो वर्षों में पोपलर के साथ रबी या खरीफ की सभी फसलें उगाई जा सकती है | तीसरे साल या उसके बाद में छाया सहने वाली फसलें जैसे हल्दी या अदरक भुत लाभदायक रहती है | गेहूं और रबी की अन्य फसलें भी पोपलर के वृक्षों की कटाई तक उगाई जा सकती है | खरीफ में चारे की फसलें भी वृक्षों की कटाई तक उगाई जा सकती है | पोपलर को उगाकर अधिक आमदनी लेने के लिए निम्न सुझावों को ध्यान रखना चाहिए |
भूमि का चुनाव
इसके लिए गहरी और उपजाऊ भूमि अच्छी रहती है | इसके लिए सिंचाई की अधिक आवश्यकता होती है | अत: पोपलर वहीं लगाएं जहाँ पानी नियमित रूप से भली – भांति प्राप्त हो सके | सिंचाई व्यवस्था के साथ – साथ उचित जल निकास का भी प्रबंधन होना चाहिए |
पोपलर की किस्में :-
पोप्ल्स (Populus)डेल्टोयडस की कई किस्में प्रचलित हैं | जिनमें जी – 3 तथा जी 48 की पैदावार अच्छी पाई गई है |
पोपलर की पौधे कैसे तैयार करें
पौधे कलमों द्वारा तैयार किये जाते हैं | 3 – 4 आँखों वाली 20 – 25 से.मी. लम्बी कलमें एक साल के पौधों से काटकर तैयार की जाती है | कलमों को 15 जनवरी से 15 फरवरी तक लगाना चाहिए | कलमों को अच्छी तरह तैयार की गई क्यारियों में 80.60 से.मी. के फासले पर लगाना चाहिए | कलम लगाते समय उनका 2/3 भाग कमिं में तथा 1/3 भाग बाहर रखें | कलम की कम से कम एक आँख जमीन के ऊपर होनी चाहिए | कलम लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करनी चाहिए | इसके बाद भी क्यारियों में नमी बनाये रखने के लिए 7 – 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई भुत जरुरी है | अगली जनवरी तक इन कलमों से 4 – 5 मीटर ऊँचाई के पौधे तैयार हो जाते है, जिनका पौधा रोपण के लिए प्रयोग किया जाता है |
पोपलर खेतों में पौध रोपण
पौधे 15 जनवरी से 15 फरवरी तक लगाए जाते हैं | इसकी अच्छी बढ़ोतरी के लिए 20 – 25 वर्गमीटर जमीन चाहिए | कृषि वानिकी के लिए 5.4 मीटर या 5.5 मीटर की दुरी ठीक रहती है | पंक्ति से पंक्ति का फासला ज्यादा तथा पंक्तियाँ उत्तर – दक्षिण बनाएं | खेत के चरों तरफ तथा पानी के नाले के साथ लगाने के लिए 3 मीटर का फासला रखें | वृक्षारोपण से एक महीने फेल एक मीटर गड्ढा खोद लेना चाहिए | गड्ढे की खुदाई से निकाली हुई मिटटी को पुन: गड्ढे में नहीं डालना चाहिए | इसके लिए जमीन की उपरी स्थ की मिटटी में 3 किलोग्राम गोबर की खाद , 100 ग्राम सिंगल सुपरफास्फेट तथा 250 ग्राम नीम की खली या अन्य दिमक्मार दवाई मिला दें |
पौध रोपण के लिए एसे पौधे चुने जिनकी आयु एक वर्ष हो, ऊँचाई कम से कम 4 मीटर तथा तना सीधा , अंगूठे की मोटाई का व बिना शाखाओं का हो | पौधे विश्वसनीय पौधशाला से प्राप्त करने चाहिए | पौधे लेते समय किसान को पौधशाला देखनी चाहिए | तथा समान बढवार वाले रोगरहित पौधे ही लेने चाहिए | पौधे को गड्ढे में खड़ा करके खाद मिटटी से भरने के बाद चरों तरफ से अच्छी तरह दबा दें | पौधे को पौधशाला से लाने तथा लगाने के दौरान इनमें नमी बनाये रखनी चाहिए | पौधे लगाने के बाद सिंचाई द्वारा बरसात शुरू होने तक मिटटी में नमी बनाये रखें |
पोपलर पौधे की देखे – रेख
पहले वर्ष में सप्ताह में एक बार पौधों को भरपूर पानी देना चाहिए | दुसरे वर्ष में गर्मियों में 10 दिनों के अंतराल पर तथा सर्दियों में 15 दिनों बाद, तीसरे वर्ष में 15 दिनों बाद तथा सर्दियों में एक महीने बाद सिंचाई करें | उसके बाद सूखे मौसम में जब आवश्यकता हो तभी सिंचाई करें | 100 ग्राम यूरिया प्रति पौधे की दर से प्रति वर्ष देनी चाहिए | यूरिया डालने के बाद सिंचाई भुत जरुरी है |
अप्रैल से अगस्त में दो वर्ष तक की आयु के पौधे के 1/3 निचले भाग पर निकल रही कलियों को बोरी के टुकड़ों द्वारा कोमलता से रगड़कर साफ कर लेना चाहिए | अच्छा गोलाकार वृक्ष तैयार करने के लिए काटाई – छटाई जरुरी है | तीसरे से छठे साल तक पौधों के निचले एक तिहाई से आधे हिस्से तक शाखाएँ काट देनी चाहिए | कटाई ताने के बिल्कुल पास से हो तथा उसमें बोडोर्पेस्ट या चिकनी मिटटी एवं गोबर का लेप लगाएं | पौधे के निचले आधे भाग में कोई शाखा न बने दे तथा चोटी पर केवल एक ही शाखा रखें |
पोपलर पौध संरक्षण उपाय
दीमक से बचाव के लिए 0.1 प्रतिशत क्लोरोपायरीफास का घोल बनाकर डाले | पोपलर में तना छेदक कीड़ा भी लगता है | यदि पोपलर के तने के छेद में बारीक़ बुरादा सा नजर आये तो मिटटी का तेल डालकर ऊपर से चिकनी मिटटी से छेद बन्द कर दें |
पोपलर से उपज व आमदनी
6 – 8 वर्षों में जिस समय जमीन से 1.37 मीटर की ऊँचाई पर तने की लपेट एक मीटर हो जाती है यह पेड़ काटने लायक हो जाता है | वर्तमान समय में पोपलर के एक पेड़ की प्राइस 5000 – 7000 रूपये के लगभग है | इसकी लकड़ी माचिस , प्लाईवुड, पैकिंग के लिए बाक्स , खेल का सामान आदि बनाने के कम आती है | कृषि फसलों से मिलने वाली आमदनी इससे अलग होती होगी |
MALABAR NEEM KI KATAI 3 SAAL BAAK KAR SAKTE HAI
Amrud ki achhi veraity lgaiye ped lene ke liye call 8532004745
मुझे 2 बीघे में पेड़ लगाने है कौन से पेड़ लगाएं कि अधिक मुनाफा हो सर कृपया सलाह दें
सागौन, चन्दन, पोपलर कोई भी लगा सकते हैं | अपने यहाँ के वन विभाग में या सरकारी नर्सरी में सम्पर्क करें |
अभी पोपलर की सबसे अच्छी प्रजाति कौन सी है??और कहा मिलेगी.।मै lucknow से हूँ।
अपने यहाँ के वन विभाग या उधय्निकी विभाग में सम्पर्क कर वहां से लें |
अभी पोपलर की सबसे अच्छी प्रजाति कौन सी है??और कहा मिलेगी.।मै मुजफ्फरनगर से हूँ।
दी गई लिंक पर देखें |
https://kisansamadhan.com/poplar-tree-farming-with-crops-information-guid/
Ped sukhe rhe h neeche se lekher upar tak kese bachao kare
कोई कीट तो नहीं हैं | देखें |
सर अनार का बाग लगाइए मेरे पास अनार की एक ऐसी प्रजाति है जो 40 से 60 किलो का प्रोडक्शन देती है 2 साल आपको इंतजार करना पड़ेगा ₹325000 का इन्वेस्टमेंट है आपका 2 साल के बाद से आपकी पूरी इंस्ट्रूमेंट वापस हो जाएगी और जो भी इन प्रोडक्शन होगा उसके बाद तीसरे चौथे पांचवे साल से वह आप का शुद्ध मुनाफा होगा पांचवे साल के बाद से दो बिघे 1000000 रुपए प्रति साल कमा सकते हैं मेरा नंबर है 8953 53358 कांटेक्ट कर सकते हैं
मुझे अपने 2 एकड़ खेत मे बृक्षारोपण करना है कौन से पेड़ सबसे बेहतर रहेंगे जो कम समय मे अधिकतम मुनाफा दे सकते हैं। कृपया सुझाव दें। में up अमरोहा का निवासी हूँ।