इस खाद से पौधों बनेंगे स्वस्थ्य, स्मार्ट और बुद्धिमान
देश में पहली बार मध्यप्रदेश वन विभाग ने वैज्ञानिकों की सहायता से बैक्टिरिया और फंगस से किफायती और अति-गुणवत्तापूर्ण खाद बनाने में सफलता हासिल की है। यह पौधों को स्वस्थ्य, स्मार्ट और बुद्धिमान बनायेगी। खाद की सहायता से पौधे सूक्ष्म पोषण खुद ही मिट्टी से ग्रहण कर लेंगे। फंगस और सात तरह के बैक्टिरिया से विकसित खाद की लागत मात्र 2-3 पैसा आयेगी।
सूक्ष्म तत्वों को अपनी जरूरत के अनुसार उपयोग करेंगे पौधे
बैक्टिरिया स्पन्ज के समान नमी सोखेगा और फंगस दूसरे पौधों तथा खरपतवार के आक्रमण से बचायेगा। फास्फोरस भी घुलनशील रूप में पौधों को मिल सकेगा। यह प्राकृतिक खाद पौधों को सभी तरह के खतरों से बचाते हुए सभी को स्वस्थ्य,निरोगी और शीघ्र वृद्धि करने में बहुत मददगार होगी। यह खाद पौधों को बीमारियों और संक्रमण से बचाने के साथ-साथ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत बनाएगी।
मात्र 45 दिन में तैयार होती है खाद
अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक अनुसंधान विस्तार एवं लोकवानिकी श्री पी.सी. दुबे ने बताया कि वन विभाग ने इंदौर के अनुसंधान विस्तार में सोयाबीन रिसर्च सेन्टर के वैज्ञानिक डॉक्टर बी.पी. बुन्देला और डॉ. सतीश अग्रवाल की मदद से बायोडिग्रेबल और बायोडाइजेस्टर खाद तैयार की है। खाद तैयार करने में मात्र एक से दो ग्राम फंगस एवं बैक्टिरिया की जरूरत होती है। यह एक डेढ़ किलो भूसे में मिलाकर तैयार किया जाता है। वेल्यू एडिशन के लिये इसे वर्मी कम्पोस्ट में मिला दिया जाता है। यह खाद मात्र 45 दिनों में तैयार हो जाती है।
किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव ने किसानों को इस खाद का फायदा देने के निर्देश दिये हैं। पायलेट के रूप में इंदौर और इंदौर के आस-पास के जिलों की ग्राम पंचायतों के करीब 50 प्रतिनिधियों को खाद बनाने का प्रशिक्षण देने की योजना है।