पशु संजीवनी सेवा
सरकार ने में पशु संजीवनी सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके अन्तर्गत पशुपालकों को मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक्स के माध्यम से निशुल्क गुणवत्तापरक चिकित्सा सेवाएं और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उनके घर-द्वार पर पशुधन के लिए उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रारम्भ में, इस सेवा को तीन जिलों नामत: जींद, यमुनानगर और नूंह के सभी खण्डों में आरम्भ किया जाएगा।
पायलट आधार पर चलाई गई योजना की सफलता के उपरांत इस योजना को अन्य जिलों में भी शुरू किया जाएगा। मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाओं को सार्वजनिक निजी भागिदारिता (पीपीपी) मोड में प्रदेश के अनकवर्ड, स्टाफ की कमी वाले और दूर-दराज के क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा। यह योजना न केवल पशुधन को तुरंत आपातिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में सहायक होगी, बल्कि नीम-हकीमों की गतिविधियों पर भी अंकुश लगाएगी।
क्या रहेंगी सुविधाएँ
पशुपालक टोल फ्री नम्बर 1962 पर फोन करने के उपरांत 24 घण्टे मोबाइल चिकित्सा क्लीनिक की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इन तीनों जिलों के प्रत्येक खण्ड की सेवा में एक मोबाइल वाहन को लगाया गया है ताकि पशुधन को आपातिक चिकित्सा सेवाएं और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान की जा सकें। प्रत्येक मोबाइल वाहन में तीन सदस्यों का एक दल होगा, जिसमें एक पशु चिकित्सक, एक पैरा वैट और एक सहायक-सह-चालक शामिल हैं। इसके लिए पशुपालक से प्रति दौरा प्रति मालिक के हिसाब से 100 रुपये की मामूली फीस वसूल की जाएगी। बहरहाल, उपचार और औषधियां निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी।
गुणवत्तापरक रोगनिदान सुविधाएं प्रदान करने और पशु बीमारियों की बेहतर निगरानी करने के अतिरिक्त पशुपालकों को उनके घर-द्वार पर गुणवत्तापरक रैफरल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं और एक्टेंशन गतिविधियां भी प्रदान की जाएंगी।
अभी उपलब्ध सुबिधायें
राज्य में 1018 पशु अस्पताल, सात पोलिक्लीनिक्स और 1814 पशु औषधालय हैं।विभाग बड़े पैमाने पर मिल्क प्रोसेसिंग का कार्य कर रहा है। इसी क्रम में एक मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार में उपभोक्ताओं को ताजा दुग्ध उत्पाद प्रदान करने के लिए स्थापित की गई है।