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किसानों को धान के बीज दिए जाएंगे 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर

dhan ke beej par subsidy

धान के बीज दिए जाएंगे अनुदान पर

रबी की कटाई के 2 माह बाद खरीफ फसल की बुवाई शुरू हो जाएगी | इस खरीफ फसल में एक महत्वपूर्ण फसल धान की है | इसकी खेती उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक होती है | भारत में सबसे ज्यादा क्षेत्रफल में खेती की जाने वाली फसल है | जिससे इसका महत्त्व ज्यादा बढ़ जाता है | अलग – अलग राज्यों में खेती होने के कारण इसकी प्रजाति भी अलग – अलग हो जाती है | सभी राज्य अपने प्रदेश के किसानों के लिए बीज की व्यवस्था करते हैं | इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत एकीकृत धान विकास कार्यक्रम (चावल) के तहत धान के बीज अनुदान पर उपलब्ध करा रही है | इसके लिए किसानों को सरकार 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है  |

इस योजना की  सभी जानकारी इस प्रकार है :-

योजना का उद्देश क्या है ?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य में धान के उत्पादन को बढाया जा सके , क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना इसके अलावा योजना के माध्यम से धान फसल के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु अनुदान पर प्रमाणित एवं संकर बीज, जिंक सल्फेट एवं माइक्रोन्यूट्रियेन्ट उपलब्ध कराना |

योजना का कार्य क्षेत्र :-

आई.सी.डी.पी. चावल की योजना प्रदेश के 38 नान एन.एफ.एस.एम. एवं नान बी.जी.आर.ई.आई. जनपदों के सभी विकास खंडों में क्रियान्वित की जायेगी |

इस योजना के तहत किसान को क्या सुविधा दी जाएगी

एकीकृत धान विकास कार्यक्रम (चावल) योजनान्तर्गत किसानों को निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएगी |

  • धान बीज दर प्रति है. 40 किलोग्राम के अनुसार 10 वर्ष से कम अधिसूचित प्रजाति पर मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम रु. 20.00 प्रति किलोग्राम तथा 10 वर्ष से अधिक अधिसूचित प्रजाति पर मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम रु. 10.00 प्रति किलोग्राम की दर से अनुदान दिया जायेगा | अधिकतम एक किसान परिवार को 9,000 रुपया दिया जायेगा |
  • संकर धान बीज वितरण :- बीज दर 15 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम रु. 100 /- प्रति किलोग्राम जो भी कम हो, अनुमन्य है | अधिकतम एक किसान परिवार को 9,000 रुपया दिया जायेगा |
  • जिंक सल्फेट :- जिंक सल्फेट की कमी वाले क्षेत्र में कृषकों के लिए मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम रु. – 500 प्रति हे. जो भी कम हो, अनुमोदय है | जिंक सल्फेट के प्रयोग में समय का विशेष ध्यान रखा जाय | क्योंकि इन तत्वों सामन्यत: बुवाई / रोपाई से पूर्व किया जाता है | बेसल ड्रेसिंग हेतु 25 किलोग्राम / हैक्टेयर जिंक सल्फेट का प्रयोग किया जाय |
  • सूक्ष्म तत्वों का वितरण :- सूक्ष्म तत्वों की कमी वाले क्षेत्र में कृषकों के लिए मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम रु. – 500 प्रति हे. जो भी कम हो, अनुमन्य है | सुक्ष्मत्त्वों के प्रयोग का विशेष ध्यान रखा जाय | क्योंकि इन तत्वों का प्रयोग सामान्यत: बुवाई / रोपाई से पूर्व किया जाता है | बेसल ड्रेसिंग हेतु 25 किलोग्राम / हैक्टेयर सूक्ष्म तत्वों का प्रयोग किया जाय |

किसानों की पात्रता क्या है ?

  • योजना के अन्तर्गत निर्धारित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का लाभ सामान्य, लघुसीमांत, महिला तथा अनुसूचित जाति / जनजाति के कृषकों को उपलब्ध कराया जायेगा |
  • योजनान्तर्गत किसी भी कृषक को अधिकतम सीमा 2 हेक्टयर तक ही अनुदान सहायता प्रदान की जा सकती है |
  • भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य :- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की आपरेशनल गाइड लाइन के परिशिष्ट – सी – 1 में प्राविधानित किये गये कार्यक्रम / कार्यमद के अंतर्गत योजना का चयन किया गया है | आई.सी.डी.पी. चावल के विभिन्न मदों का जनपदवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य संलगन है, जनपदवार लक्ष्यों में अन्तर्जंनपदीय परिवर्तन के लिए परियोजना निदेशक अधिकृत होंगे |

योजना का लाभ कैसे प्राप्त होगा ?

इस योजना का लाभ के लिए किसान को आनलाईन पंजीयन कारण होगा | इसके लिए उत्तर प्रदेश की वेबसाईट पर जाकर पहले डी.बी.टी में पंजीयन करायें |

धान के बीज अनुदान पर लेने हेतु आवेदन करें 

 

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