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बुधवार, अक्टूबर 16, 2024
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गोबर से बने कण्डे, गो काष्ठ, वर्मी कम्पोस्ट एवं गोबर पेंट के लिए शुरू किया गया शोरूम, जानें कितनी होती है कमाई

गोमूत्र एवं गोबर से बने उत्पाद की बिक्री से कमाई

देश में गोवंश के संरक्षण तथा किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ शुरू की गई हैं। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई “गोधन न्याय योजना” प्रमुख है। योजना के अंतर्गत पशु पालकों एवं ग्रामीणों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर एवं 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है। सरकार द्वारा गोठानों के माध्यम से खरीदे गए गोबर एवं गोमूत्र से महिला स्व सहायता समूह द्वारा विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाते हैं। जिससे न केवल पशुपालकों की आमदनी बढ़ी है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार बढ़ा है।

gobar se bane kande price
गोबर से बने कण्डे एवं गोबर से बनी ब्रिक

इस कड़ी में छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर की महिलाओं ने नया बिजनेस आइडिया अपनाते हुए गोबर से निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए अंबिकापुर में एक्सक्लूसिव शोरूम शुरू किया गया है। इसे गोधन एम्पोरियम का नाम दिया गया है। इस एम्पोरियम में वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ गौ काष्ठ, अगरबत्ती, कण्डा और गोबर से निर्मित पेंट की बिक्री की जा रही है।

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गोबर से बने उत्पाद बेचकर हुई लाखों रुपए की आमदनी

गोधन एम्पोरियम से अब तक तीन वर्षों में कुल 12 लाख 49 हजार रूपए की आमदनी हो चुकी है। वर्ष 2020-21 में 4 लाख 50 हजार, वर्ष 2021-22 में 4 लाख 87 हजार और वर्ष 2022-23 में 3 लाख 12 हजार रूपए की आय हुई है। यहां कार्यरत महिला सदस्यों ने बताया कि यहां से हर महीने समूह की महिलाएं एम्पोरियम से लगभग 40 हजार रूपए कमा रही हैं। यहां गौठान महिला समूह की दो महिला सदस्य बारी-बारी से तैनात रहती हैं। अन्य दुकानों की तरह सप्ताह में एक दिन मंगलवार को एम्पोरियम में अवकाश भी रहता है।

varmi campsot and jivamrit
गोबर से तैयार की गई वर्मी कम्पोस्ट खाद

यह एम्पोरियम अम्बिकापुर शहरी गौठान का हिस्सा है। इसे गौठान से जुड़ी महिला समूह ही संचालित करती है, समूह की महिलाएं अम्बिकापुर सिटी लेवल फेडरेशन की सदस्य हैं, यह फेडरेशन अम्बिकापुर शहर में स्वच्छता के लिए काम कर रहा है। अब यहां गोबर से पेन्ट बनाने और दोना पत्तल तैयार करने की यूनिट भी शुरू कर दी गई है। गौठान समूहों की सदस्यों को लाभांश के रूप में हर माह 6 से 7 हजार रुपए मिल जाता है।

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रोज़ाना आते हैं 50 से 60 ग्राहक

किसी छोटे शॉपिंग मॉल जैसे दिखने वाले इस अनोखे एम्पोरियम में पूजा-पाठ, हवन आदि के लिए अंबिकापुर शहर के लोग गौ काष्ठ, अगरबत्ती खरीदते हैं। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में लिट्टी-चोखा के शौकिन गोबर के कंडे यहां से खरीदीकर लिट्टी-चोखा तैयार करते हैं। वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग शहरी क्षेत्र के लोग घरों के गमलों के साथ ही अन्य बागवानी कार्यों के लिए कर रहे हैं।

gobar ke diye and other products
गोबर से बने दिए एवं अन्य उत्पाद

गोबर पेंट में तापमान को रोकने की क्षमता के कारण यहां इसकी बिक्री भी हो रही है। इस एम्पोरियम की लोकप्रियता लगातार बढ़ते जा रही है। वर्तमान में यहां प्रतिदिन 40 से 60 ग्राहक का आना-जाना होता है। गोबर के उत्पादों की लोकप्रियता को देखते हुए यहां और भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

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