धान की जगह वैकल्पिक फसलों की खेती पर अनुदान
देश में खरीफ सीजन की फसलों की बुआई का समय हो गया है, इस समय देश में मुख्य रूप से धान की खेती की जाती है। परंतु धान की खेती में बहुत अधिक पानी लगता है जिसके कारण लगातार भूमिगत जल स्तर नीचे जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों को धान की खेती को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कड़ी में हरियाणा राज्य सरकार धान की जगह अन्य खरीफ फसल लगाने पर किसानों को 7000 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान देने जा रही है।
हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना “मेरा पानी मेरी विरासत” के तहत अभी तक सिर्फ गैर बासमती धान की जगह ही वैकल्पिक फसलें लगाने पर किसान इस योजना का लाभ उठा सकते थे लेकिन अब बासमती धान की जगह भी वैकल्पिक फसलें लगाने पर किसान योजना का लाभ उठा सकेंगे।
इन फसलों की खेती पर दिया जाएगा अनुदान
हरियाणा राज्य के ऐसे किसान जो अभी तक धान की खेती करते आ रहे थे परंतु यदि वे धान की खेती छोड़ अन्य चयनित फसलों की खेती करते हैं तो उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत पॉपुलर और सफेदा को भी वैकल्पिक फसलों की सूची में शामिल किया है ताकि धान के क्षेत्र को कम किया जा सके।
इस सूची में पहले से ही मक्का, कपास, खरीफ दलहन (अरहर, मूंग, मोठ, उड़द, सोयाबीन व ग्वार), खरीफ तिलहन (मूंगफली, अरंड व तिल), चारा फसलें, बागवानी/सब्जी (खरीफ प्याज सहित) आदि फसलें शामिल है। इसके अतिरिक्त यदि किसान अपना खेत ख़ाली भी छोड़ते हैं तब भी उन्हें अनुदान दिया जाएगा।
किसानों को कितना अनुदान दिया जाएगा
राज्य के ऐसे किसान जो बासमती व गैर बासमती दोनों प्रकार के धान की जगह उसी किला नं में इन वैकल्पिक फसलों की खेती करते हैं तो उन किसानों को ऊपर दी गई किसी भी फसल उगाने पर 7000/- रूपये प्रति एकड़ अनुदान राशि सीधे पात्र किसानों के बैंक खातों में भौतिक सत्यापन उपरांत दी जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर 31-07-2022 तक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
बहुत ही अच्छा