ई-नाम पोर्टल पर जोड़ी गई नई सुविधाएँ
14 अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री ने “राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)” योजना की शुरुआत की,योजना का उद्देश्य किसानों को घर बैठे अपनी उपज बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाना है | योजना के तहत देश की अलग-अलग मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है | साथ ही पिछले वर्ष कोरोना काल में सरकार ने किसानों को ट्रांसपोर्टेशन के साधन उपलब्ध करवाने के लिए किसान रथ ऐप की शुरुआत की है जिससे किसानों को घर बैठे उपज बेचने में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े | ई-नाम योजना के पुरे 5 वर्ष हो गयें हैं |
5 वर्ष पुरे होने पर केन्द्रीय कृषि एवं कलयाण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के लिए ई-नाम पोर्टल पर तीन और नई सौगातें दी हैं | जिससे किसानों को ई – नाम योजना से और लाभ प्राप्त हो सकेगा | कृषि मंत्री ने बताया की इन पांच वर्षों में देश के 21 राज्यों के 1000 कृषि उपज मंडी जुड़ें हैं तथा 1000 और कृषि उपज मंडी को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है | इन पांच वर्षों में 1.7 लाख किसान योजना से लाभ उठा रहे हैं तथा 1.3 लाख करोड़ रूपये का व्यापार हुआ है |
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) मंडी पर जोड़े गई तीन नई सुविधाएँ
- मौसम की जानकारी
- सहकारी माड्यूल
- ई-नाम निर्देशिका
अब किसान ई-नाम पोर्टल पर देख सकेंगे मौसम की जानकारी
ई–नाम मंडी से किसान मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | यह सुविधा योजना के 5 वर्ष पुरे होने पर शुरू की गई है | इस पोर्टल पर अभी देश के 13 राज्यों की मौसम की जानकारी दी जा रही है | किसान को मौसम की जानकारी के लिए ई–नाम मंडी की वेबसाईट पर जाकर Weather Forecast पर क्लिक करना होगा जिससे एक पेज खुलेगा उस में अपने राज्य का चयन करके मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
ई – नाम से कौन–कौन जुड़ सकता हैं ?
ई – नाम मंडी योजना के तहत कृषि उपज का ऑनलाइन व्यापर किया जाता है | इसके तहत किसान तथा व्यापारी दोनों जुड़ सकते हैं |
- किसान
- व्यापारी
- एपीएमसी
- किसान उत्पादक संगठन
- मंडी
किसान पंजीयन कैसे करें ?
ई–नाम मंडी पर पंजीयन ऑनलाइन किया जाता है | पंजीयन के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है | किसान को ई–नाम पर पंजीयन के लिए बैंक पास बुक, आधार कार्ड, मोबाईल नंबर तथा ई – मेल आईडी की जरूरत पड़ता है | किसान ई–नाम पर पंजीयन यहाँ से करा सकते हैं-
https://enam.gov.in/NAMV2/home_hindi/other_register.html
ई-नाम मंडी से कितने कृषि उत्पादों का व्यापर किया जाता है ?
14 अप्रैल 2016 में शुरू की गई ई – मंडी योजना के आज 5 वर्ष पुरे हो चुके हैं | इन पांच वर्षों में ई–मंडी से 175 कृषि उत्पादों का व्यापर किया जाता है | यह सभी कृषि उत्पाद अलग–अलग श्रेणी में आते हैं जो इस प्रकार है :-
क्रं. | जिंसों का प्रकार | जिंसों की संख्या |
1. | अनाज / दलहन | 26 |
2. | तिलहन | 14 |
3. | फल | 31 |
4. | साग / सब्जी | 50 |
5. | मसाला | 16 |
6. | अन्य प्रकार के जींस | 38 |
ई – नाम पोर्टल से जुड़े राज्य
भोपाल की करोंद मंडी से 14 अप्रैल 2016 से शुरू हुई ई–नाम मंडी आज देश के 21 राज्यों तक पहुँच गई है | इन 21 राज्यों के 1,000 कृषि उपज मंडी से जोड़ी जा चुकी है | यह राज्य इस प्रकार हैं :- आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरयाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक , केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़िसा, पंदुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, उतराखंड तथा वेस्ट बंगाल |
ई–नाम से कितने किसान तथा व्यापारी जुड़े हुयें हैं
राष्ट्रीय कृषि बाजार से 21 राज्यों एक 1,000 कृषि उपज मंडी जुडी हुई हैं | इन 1000 मंडी से 1 लाख 63 हजार 391 व्यापारी तथा 90 हजार 980 कमिशन एजेंट जुड़े हुयें हैं | इसके अलावा एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) की संख्या 1 हजार 841 है जो ई – नाम मंडी से जुड़ें हुए हैं | व्यक्तिगत किसानों जो ई – मंडी में पंजीकृत है उनकी संख्या 1 करोड़ 70 लाख 25 हजार 393 किसान है | व्यापारी, किसान एजेंट तथा किसान उत्पक संगठन को मिलाकर 1 करोड़ 72 लाख 81 हजार 605 लोग जुड़ें हैं |
किसान यहाँ से प्रति दिन का मंडी भाव देख सकते हैं
ई मंडी पर 21 राज्यों एक 1000 कृषि उपज मंडी का मूल्य ऑनलाइन देख सकते हैं | इसके लिए किसान को ई–नाम मंडी के वेबसाईट पर जाना होगा | वेबसाईट खुलने पर ऊपर के लाइन में डेशबोर्ड लिखा होगा | उसमें जाने पर व्यापार का सीधा प्रसारण के आप्शन पर क्लिक करें | उसके बाद आप को देश भर के मंडी का अपडेट मिल जायेगा | आप अपनी सुविधा के अनुसार राज्य, जिला तथा कमोडिटी (फसल) का चयन करें |