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शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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अब इस राज्य सरकार ने बंद की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा के स्थान पर नई योजना की शुरुआत

देश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 के खरीफ मौसम से शुरू की गई है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को फसल सुरक्षा प्रदान की जाए | प्राकृतिक आपदा के समय फसल को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति किसानों को दी जाए | परन्तु प्रारंभ से ही यह योजना सवालों के घेरे में रही है | योजना में कृषि ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से स्वतः ही जोड़ दिया जाता था एवं अऋणी किसान अपनी मर्जी के अनुसार इस योजना से जुड़ सकते हैं | किसानों में इस योजना को लेकर प्रारंभ से ही असंतोष रहा है इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा इस योजना में बहुत से परिवर्तन किये गए हैं |

वहीँ किसानों के असंतोष को देखकर अलग–अलग राज्य सरकार ने इस योजना को लागु करने से मना कर दिया | बिहार राज्य में यह योजना पहले से ही बंद कर दी गई थी वही अब इसमें नया नाम झारखंड राज्य का जुड़ गया है | वित्त वर्ष 2020–21 में झारखंड राज्य ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बंद करने का फैसला लिया है | इसका कारण यह बताया गया है कि पिछले तीन वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 466 करोड़ रूपये का प्रीमियम भरा | जबकि तीन वर्ष में प्राकृतिक कारणों से फसल नुकसानी पर किसानों को सिर्फ 77 करोड़ रूपये ही दिए गए हैं | जिससे ऐसा लगता है कि योजना किसानों के लिए फायदेमंद नहीं है |

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प्रधानमंत्री फसल बीमा के स्थान पर नई योजना की शुरुआत

झारखंड राज्य ने बिहार की तर्ज पर किसान राहत कोष बनाया है | इस योजना के लिए राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपये जारी कर दिए है | इसके अंतर्गत किसानों को बीना प्रीमियम के फसल नुकसानी होने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर एक मुश्त राशि दी जाएगी |

केंद्र सरकार ने योजना में किया है बदलाव

केंद्र सरकार ने वित्त  वर्ष 2020–21 से योजना में बदलाव किया है | इसके अंतर्गत किसानों को योजना के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा | किसान जिस मौसम (खरीफ तथा रबी) का फसल बीमा करना चाहते हैं उसी फसल को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जोड़ा जाएगा | प्रीमियम में कोइ बदलाव नहीं किया गया है | योजना के अंतर्गत खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसल के लिए 1.5 प्रतिशत तथा बागवानी के लिए 5 प्रतिशत का प्रीमियम देना होगा | 

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3 टिप्पणी

  1. फसल बीमा के नाम पर लूट हो रही है मैं 2010 से इससे जुड़ा हूं लेकिन मुझे आज तक एक पर्सेंट का फायदा नहीं हुआ इस साल मेरे खेत में कटी हुई मूंगफली पर जोरदार बारिश हो गई फिर भी ₹1 क्लेम का नहीं मिला और बीमा का 3200 rupaye जमा करवा लिए इसलिए यह नाटक बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए है एकदम सूतिया काम है मैंने तो सीधा उनको बोल दिया की मुझे क्लेम नहीं चाहिए यदि भगवान ने हर्जाना कर दिया तो उस नुकसान की भरपाई सरकार कभी नहीं कर सकती

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