जैविक कॉरिडोर योजना
कृषि में हो उपयोग हो रहे रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक के कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति लगातार कम होती जा रही है जिसके चलते खेती की लागत में वृद्धि हो रही है | आज के समय में उत्पादन एक ऊँचाई पर पहुंचकर रुक गया है | वहीँ दूसरी तरफ अधिक उर्वरक के उपयोग से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है | ऐसे में इस प्रभाव को कम करने की दिशा में जैविक खेती मील का पत्थर साबित होगी | बिहार राज्य सरकार द्वारा इसके मद्देनजर राज्य में जैविक खेती प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गई है | इस योजना की पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |
किस योजना के तहत बनाये जा रहे हैं जैविक कॉरिडोर ?
बिहार राज्य सरकार पिछले दो वर्षों से राज्य के 13 जिलों के लिए जैविक कोरिडोर योजना संचालित कर रही है | इसका मुख्य उद्देश्य यह है की किसानों को खेती में लागत को कम करना है इसके अलावा रासायनिक खाद तथा कीटनाशक पर किसानों की निर्भरता को कम करना है |
जैविक कॉरिडोर की स्थापना के लिए जिलों का चयन
बिहार के 13 जिलों में बिहार कृषि विभाग के द्वारा जैविक कॉरिडोर को स्थापित किया गया है | यह सभी जिले इस प्रकार है – पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगुसराय, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, कटिहार एवं भागलपुर | इन सभी जिलों में जैविक खेती के लिए 21,000 एकड़ भूमि को शामिल किया गया है |
इसके अलावा राज्य के दुसरे जिलों के लिए जैविक कॉरिडोर का दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है | इसके अंतर्गत राज्य के बचे हुए 25 जिलें आयेंगे | जिसके तहत 25,000 एकड़ भूमि को शामिल किया जायेगा |
जैविक कॉरिडोर योजना
खेती में रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक के उपयोग को कम करने के लिए प्राकृतिक खाद तथा कीटनाशकों के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है | इसके लिए राज्य सरकार ने रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों पर किसानों की निर्भरता कम करने के उद्देश्य से वर्मी कम्पोस्ट पिट का निर्माण , गोबर / बायो गैस, हरी खाद योजना, वर्मी क्म्पोष्ट उत्पादन इकाई एवं जैव उर्वरक उत्पादन इकाई के निर्माण पर भी कार्य किया जा रहा है |
जैविक को बढ़ावा देने के लिए राज्य में हरी खाद को बढ़ावा दिया जा रहा है | वित्तीय वर्ष 2019 – 20 में 1.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हरी खाद को उगाया गया | साथ ही अगले वर्ष 2020–21 में 6.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हरी खाद योजना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | विगत वर्ष 2018–19 में 1.11 लाख मेट्रिक तन वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन हुआ, जिसका उपयोग जैविक खेती में किया जा रहा है |
Message Aane per bhi abhi tak Paisa nahin mila hai fasal sahayata Yojana ka ek month Ho Gaya
अपने यहाँ के स्थानीय अधिकारीयों से सम्पर्क करें | कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत आवेदन किया था या नहीं |
Fasal sahayata Yojana ki taraf se 2020 ka Paisa Nahin aaya hai sirf message a Gaya Kya aapka Khata Mein Paisa transfer kar diya Gaya 15 din Aaj Ho Gaya
पासबुक प्रिंट करवाएं | यदि पैसा नहीं आया है तो स्थानीय कृषि अधिकारीयों के पास शिकायत करें |