ज्यादा से ज़्यादा किसानों को ट्रैक्टर, हार्वेस्टर सहित अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में हरियाणा के हिसार के उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान में एग्री इंडिया एग्जिबिशन, करनाल द्वारा तीन दिवसीय कृषि दर्शन प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। 15 फ़रवरी के दिन राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा एग्री इंडिया एग्जिबिशन का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि अब से कृषि ट्रैक्टरों के सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियम) के प्रमाणीकरण का सर्टिफिकेट अब से हिसार के उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान से मिलना शुरू हो जायेगा। जिससे उत्तर भारत में कृषि जगत से जुड़े निर्माताओं को सीधा लाभ मिलेगा।
किसानों को किराए पर मिलेंगे कृषि यंत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संस्थान में अब से कस्टम हायरिंग सेंटर का शुभारंभ भी होने जा रहा है जहाँ से छोटे और सीमांत किसानों के लिए रोटावेटर, सुपर सीडर, लैंड लेवेलर, हल, ट्राली जैसी कृषि मशीनरी को किराए पर लिया जा सकेगा। ताकि किसान अपने खेत में उसका उपयोग कर पैदावार बढ़ा सके। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी हरियाणा सरकार के कृषि मशीनरीकरण अभियान को नई गति देने तथा किसानों को उन्नत कृषि की नई तकनीकों की जानकारी देने में सहायक सिद्ध होगी।
किसानों के लिए बनायें नए कृषि यंत्र
मुख्यमंत्री ने कृषि यंत्र निर्माताओं से आग्रह करते हुए कहा कि किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कृषि में इस्तेमाल होने वाले कुछ ऐसे उपकरण विकसित करें जो उनके लिए किफायती हो। इसके लिए इनोवेशन की महत्ता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्य कृषि के इंजीनियर और मैन्युफैक्चरर्स मिलकर कर सकते हैं।
किसान खेती में करें नई तकनीकों का उपयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नई तकनीकों के माध्यम से किसान न केवल अपनी उपज बढ़ा सकते हैं बल्कि लागत भी कम कर सकते हैं। किसान ड्रोन तकनीक, सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर सकते हैं। ड्रोन से खेतों की निगरानी करना, फसलों में खाद और कीटनाशकों का छिड़काव करना पहले से अधिक आसान हो गया है। सेंसर के माध्यम से मिट्टी की नमी, तापमान और पोषक तत्वों का स्तर मापा जा सकता है, जिससे किसान जरूरत के अनुसार सिंचाई और खाद डाल सकते हैं। इससे जल और उर्वरकों की बचत होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा।
उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि खेती में नई तकनीक, उन्नत बीजों, जैविक खेती को प्राथमिकता देते हुए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं। जिस प्रकार से पानी का लेवल नीचे जा रहा है इसे ध्यान में रखते हुए किसान जल संरक्षण पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि किसान ज्यादा से ज्यादा स्प्रिंकलर और ड्रिप इरीगेशन की तरफ बढ़ने का काम करें राज्य सरकार द्वारा ऐसी योजनाओं पर 70 से 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है।
किसानों को ट्रैक्टर और हार्वेस्टर उपलब्ध कराने के लिए विशेष योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के लिए विशेष योजनाएं लागू कर रही है। छोटे किसानों के लिए मशीनरी को किराये पर उपलब्ध कराने की योजना भी बनाई जा रही है ताकि कम से कम लागत में अधिक उत्पादन हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पराली प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों के लिए लगभग 1213 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है।