फसल नुकसान होने पर मुआवजे में वृद्धि
देश में किसानों की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कई कारणों में से एक कारण फसल का नुकसान होना भी है | फसल नुकसान होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे बाढ़ या सूखे की स्थिति के कारण, बेमौसम बारिश या ओलाव्र्ष्टि के कारण किसी क्षेत्र में कीट एवं रोगों का प्रकोप होने के कारण आदि | फसल नुकसान होने पर किसानों की सारी मेहनत एवं लागत व्यर्थ हो जाती है जिसके चलते किसानों की आर्थिक हालत तो ख़राब होती ही है उनके पास नई फसल लगाने के लिए भी पैसा नहीं होता है|
सरकारों के द्वारा किसानों को फसल बीमा एवं फसल नुकसानी का मुआवजा राशि देकर उनकी कुछ मदद की जाती है जिससे किसानों को जो नुकसान हुआ है उससे उभर कर नई फसल लगा सकें | अभी तक मध्यप्रदेश सरकार किसानों को सामान्य फसल के 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर 30 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है और उसमें अभी कोई वृद्धि नहीं की गई है वहीँ सरकार ने अभी अपने एक फैसले में पान फसल की क्षति होने पर दिए जाने वाले मुआवजे में वृद्धि की गई है |
पान की फसल नुकसान होने पर मुआवजा राशि में वृद्धि
सभी राज्य सरकारें पान की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती हैं ताकि देश में पान का उत्पादन बढाया जा सके इसके लिए सरकारों द्वारा किसानों को पान की खेती पर अनुदान भी दिया जाता है क्योंकि पान की खेती करना वैसे ही किसानों को महंगा पड़ता है | पान की खेती बरेजा बनाकर की जाती है जिसमें लागत वैसे भी अधिक आती है ऐसे में यदि फसल की क्षति हो जाए तो किसानों को नुकसान भी अधिक उठाना पड़ता है | इन बातों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने पान की खेती की क्षति होने पर मुआवजा राशि में वृद्धि की है |
राज्य सरकार ने मंत्रिपरिषद की बैठक में अहम फैसला लेते हुए पान की क्षतिग्रस्त फसल हेतु सहायता राशि में वृद्धि की है। अब 25 से 33 प्रतिशत तक फसल नष्ट होने पर 30 हजार रू प्रति हेक्टेयर और 33 प्रतिशत से अधिक फसलों के नुकसान पर 40 हजार रू प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि कृषक भाइयों को प्रदान की जाएगी।
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Chhattisgarh ke kisano ka kab mile ga fasl nukasan hono par bahota se kisano ko to karj maf hi nahi huaa jise ghar ki halta kharb hai
Kya sark bolate bas haii
अभी प्रक्रिया चल रही है |