मिट्टी परीक्षण के लिए एंबुलेंस प्रयोगशाला
कृषि क्षेत्र में फसलों की अच्छी पैदावार में मिट्टी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है, अच्छी मिट्टी से न केवल फसल उत्पादन की लागत घटती है बल्कि पैदावार में भी वृद्धि होती है। मिट्टी की महत्ता को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों के खेतों की मिट्टी की जाँच कर उन्हें सॉइल हेल्थ कार्ड दिए जाते हैं ताकि किसान मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकर ही आवश्यक खाद एवं उर्वरक का प्रयोग करें। मृदा जाँच की उपयोगिता को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार हर खेत मिट्टी परीक्षण एंबुलेंस प्रयोगशाला सेवा शुरू करने जा रही है।
मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में किसानों का योगदान अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। कृषि मंत्री श्री पटेल भोपाल में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भू-उर्वरता को बनाए रखने के लिए हर खेत मिट्टी परीक्षण एंबुलेंस प्रयोगशाला सेवा शुरू की जा रही है।
क्या है हर खेत मिट्टी परीक्षण एंबुलेंस प्रयोगशाला सेवा
कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि कृषि में रासायनिक खाद के अत्यधिक प्रयोग से खेत की मिट्टी का क्षरण हो रहा है। राज्य सरकार ने मिट्टी क्षरण को रोकने के लिए किसान के खेत की मिट्टी का परीक्षण करने “हर खेत मिट्टी परीक्षण एम्बुलेंस प्रयोगशाला सेवा“ शुरू करने जा रही है। खेत एंबुलेंस में कृषि वैज्ञानिक के साथ कृषि अधिकारियों की टीम रहेगी, जो किसान के खेत में पहुँच कर ऑन स्पॉट यह बताएगी कि खेत की मिट्टी में कितना रासायनिक खाद उपयोग करना है और कितना नहीं करना है।
किसानों को रासायनिक खाद पर दी जा रही है सब्सिडी
कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि वर्ष 2019-20 में केन्द्र सरकार 71 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देती थी। अब यह बढ़ कर सवा दो लाख करोड़ रूपए हो गई है। पहले डीएपी की बोरी 19 सौ रूपए में मिलती थी। जिसमें किसान को 700 रूपए की सब्सिडी मिल रही थी। अब डीएपी 3900 रूपए प्रति बोरी है, जिसमें सरकार 2700 रूपए सब्सिडी दे रही है।